आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने इस प्रकार की घटना होने से किया इनकार
बालाघाट।
जिले में दो दिवसीय वनवासी कथा सुनाने आए बागेश्वर धाम के पं. धीरेन्द्र शास्त्री के दिव्य दरबार में विवाद देखने को मिला। यहां धीरेंद्र शास्त्री से मिलने जा रहे पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष, पूर्व मंत्री और विधायक गौरीशंकर बिसेन को बाबा के गार्ड ने धक्का दे दिया। यह देखकर उनकी बेटी मौसम बिसेन और समर्थकों ने नाराजगी जताई। पिता से अभद्रता होते देख मौसम बिसेन आपा खो बैठी। उन्होंने आयोजकों और धीरेंद्र शास्त्री के बाउंसरों पर नाराजगी जताई। उन्हें अपशब्द कहते हुए अपने पिता गौरीशंकर बिसेन को लेकर कार्यक्रम स्थल से चली गई, इसके वीडियो भी सामने आए हैं। जैसे ही यह मामला सामने आया सोशल मीडिया में जमकर यह बात वायरल होने लगी और यह लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं चलने लगी। लोगों का कहना था कि गौरीशंकर बिसेन जिले के सर्वमान्य नेता है और ऐसे नेता का अपमान होना बहुत बड़ी बात है जिसकी सभी लोगों द्वारा आलोचना की जाने लगी। लोगों द्वारा यह भी कहा जाने लगा कि ऐसे सर्वमान्य नेता अगर मंच पर आते हुए दिखाई देते हैं तो उनको सम्मान के साथ आयोजन कर्ताओं द्वारा लाया जाना चाहिए था लेकिन ऐसी क्या वजह हो गई जिसके कारण उन्हें वापस लौट जाना पड़ा। वही दूसरी ओर इस पूरे मामले में शुक्रवार को गौरीशंकर बिसेन ने अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने ऐसी किसी भी घटना से इंकार किया है। उनकी बेटी मौसम का कहना है कि दिव्य दरबार में जाने के दौरान बाबा के बाउंसर ने पिता को धक्का दिया, इस पर मेरी ओर से जो हुआ वह क्रिया की प्रतिक्रिया थी।
कलार समाज के विरोध का किया था समर्थन
बालाघाट जिले के परसवाड़ा विधानसभा के भादुकोटा में 23 और 24 मई को दो दिवसीय वनवासी रामकथा हुई। इसमें पं. धीरेन्द्र शास्त्री ने कथा सुनाई, अपना दरबार भी लगाया। यह पूरा आयोजन सुर्खियों में रहा। आयोजन के दौरान बांग्लादेश से पहुंची मुस्लिम युवती के सनातन धर्म स्वीकारने की विनती ने सुर्खियां बटोरी, उतनी सुर्खियां वनवासी कथा को भी नहीं मिली। कथा के पहले से यहां आदिवासी समाज और कलार समाज के लोगों ने धीरेंद्र शास्त्री का विरोध किया था, कलार समाज के विरोध का पूर्व मंत्री बिसेन ने भी समर्थन किया था।
मंच पर जाने से रोका गया था आयोग अध्यक्ष को
प्राप्त जानकारी के अनुसार 24 मई को रात करीब 9:30 बजे गौरीशंकर बिसेन दिव्य दरबार में पं.धीरेन्द्र शास्त्री के पास मंच पर जा रहे थे। बाबा के सुरक्षागार्ड ने गौरीशंकर बिसेन को रोकते हुए धक्का दे दिया, जिसके बाद हंगामा मच गया। आयोग अध्यक्ष को लेकर बेटी मौसम बिसेन सहित समर्थक कथा से वापस लौट गए। धार्मिक आयोजन में हुई इस घटना के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं।
आयोग अध्यक्ष बिसेन ने कहा ऐसा कुछ नहीं हुआ
इस मामले में शुक्रवार को भोपाल में मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि 24 मई को रात्रि लगभग 9.30 बजे पंडित बागेश्वर धाम सरकार के मंच पर जाने से मुझे रोका गया ऐसा भ्रामक प्रचार किया जा रहा है, जो सही नहीं है। शास्त्री जी दिव्य दरबार में श्रद्धालु भक्तों को प्रेरणा दे रहे थे ऐसे समय पर किसी का भी प्रवेश वर्जित रहता है। ऐसी जानकारी मिलने पर मैं स्वयं रुक गया। मेरे पीएसओ एवं पंडित जी के पीएसओ के बीच प्रवेश को लेकर चर्चा हुई जिसमें किसी तरह की न ही अशोभनीय शब्दावली का आदान प्रदान हुआ, न ही कोई अप्रिय घटना घटी। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे लगता है मौसम सहित दूर से देखने वाले अन्य श्रद्धालुओं को ऐसा लगा की कोई घटना घटी है परंतु यह सही नहीं है। मैं इसका पटाक्षेप करता हूं, चर्चा पर विराम लगे, हम सब हिंदू राष्ट्र के निर्माण के इस महायज्ञ एवं राम कथा में बागेश्वर धाम सरकार के साथ है। ऐसी कोई घटना ना होने की बात कहकर मामले का पटाक्षेप कर दिया।
जिले में जमकर रही इसकी चर्चा
आपको बताये कि यह विषय गौरीशंकर बिसेन जैसे बड़े नेता से जुड़ा हुआ है और ऐसे नेता को मंच पर जाने से रोका जाना कोई छोटा विषय नहीं है। जैसे ही इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल हुई लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया। जिले भर में लोगों के बीच इसकी चर्चा चलती रही, दोपहर में जब आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन का बयान आया उसके बाद चर्चा में कुछ विराम लगा। लेकिन लोगों द्वारा यही कहा जा रहा है कि आयोग अध्यक्ष श्री बिसेन मंच पर आ रहे थे तो आयोजन समिति के लोगों को इस पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए था।