किरनापुर। बेटा बचाओं अभियान की राष्ट्रीय सचिव एवं जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 7 की सदस्य श्रीमति ज्योति ईश्वर उमरे के नेतृत्व मे क्षेत्रभर की सैकड़ों महिलाओं द्वारा मंगलवार को किरनापुर के कावरे चैक मे एकत्रित होकर धरना आंदोलन किया। इस दौरान एक आमसभा का भी आयोजन किया गया।तत्पश्चात् किरनापुर मे एक विशाल रैली निकालते हुए विभिन्न चैक-चैराहों से होते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंची जहां मुख्यमंत्री के नाम संबोधित 4 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान आयोजित आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं योजनायें सफलता के साथ चलाई जा रही है। लेकिन माफियाओं द्वारा नशे को बढ़ावा देने की योजना के चलते गांव-गांव शराब पहुचाकर बेचने का कार्य किया जा रहा है। जिससे बेटों का भविष्य बिगड़ रहा है। गांव-गांव मे युवा वर्ग नशे की गिरफ्त मे आ रहा है जिसके चलते बेटी बचाओं अभियान की बेटियां व उनका पूरा परिवार व समाज बहुत परेशान व पीडि़त है।शराब व नशे के चलते हत्याएं एवं दुघर्टनायें सहित गांवों मे अशांति का वातावरण निर्मित हो रहा है तथा अनेक अपराध बड़ी तेजी से बढ़ रहे है। महिलायें इससे पीडि़त एवं परेशान है जिस पर अंकुश लगाने गांव-गांव जो शराब पहुंचाकर बेची जा रही उसे रोका जाय। आबकारी दुकानों मे ही शराब बेची जानी जाएगी। आबकारी दुकानों के बाजू मे शराब नही पिलाया जाना चाहिए,लेकिन आबकारी दुकान के बाजू मे प्लास्टिक पाउच, डिस्पोजल, गिलास, पानी बॉटल एंव शराब की बोतल फेंकी पड़ी रहती है। सार्वजनिक स्थान यात्री प्रतिक्षालय एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर नियम विरूद्ध आबकारी दुकानों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर नियमों धज्जियां उड़ाई जा रही है एवं लोगों की मांगों को अनदेखा कर दिया जाता है। गांव-गांव मे नियम विरूद्ध शराब दुकानों के खुलने के कारण लोग शराब पीकर गाड़ी चलाते एवं दुर्घटना का शिकार होते है जिसकी मूल वजह है ग्रामों मे गली-गली शराब की दुकानों का खुलना इसे बंद करवाया जाना चाहिये। इस तरह माफियाओं द्वारा नशे का व्यापार किया जा रहा है जो कि जोरो से फल फूल रहा है और महिलाये पीडि़त होकर परेशान है। आबकारी ठेकेदार नियम के विरूद्ध कार्य कर रहे है तो उसकी दुकान बंद कर सील करनी चाहिये। शराब या नशा पकड़कने के बाद उससे पूछा जाये कि शराब किस दुकान से आयी है उस ठेकेदार या माफिया पर कड़क कार्यवाही करने की मांग की गई है। इस आंदोलन मे बेटा बचाओं अभियान की राष्ट्रीय सचिव ज्योति उमरे के साथ कृष्णा गुरूबेले, सावित्री तुरकर, कंचन बहेकार, रामकली नगपुरे, दयावंती बिरादरे,सुनिता अवसरे,सरस्वती पारधी,आराधना जचपेले, जिरनबाई राउत, प्रर्मिला चैरे, निर्मला कटरे,पारबती नगपुरे, लीला कंसरे, दुर्गाबाई पटले,किरण सोनी, तिज्या कावरे गीता रनगिरे, बिंदिया नगपुरे, फुलवंता पिछोड़े,कविता मानेश्वर, अमरवंती गजभिये, वर्षा मराठे, कांता बाहे, हरकी खरे, भूमेश्वरी खरे, नराजवंती खरे, लक्ष्मी खरे, कुंदा ठवरे, सुलोचना कामड़े, कांता रावते, उषा खोब्रागड़े, वर्षा मानकर, प्रेमलता कावरे, संतोषी तिवारी, इंदु बम्बूरे, लिलावती मुरकुटे, वंदना उके, दुर्गा पटले, तिया कावरे, गीता पांचे, किरण सोनी, संतकला मर्सकोले सहित सैकड़ों महिलाओं ने कंधे से कंधा मिलाकर तपती गर्मी मे इस आंदोलन को सफल मे बनाने मे अपना सहयोग प्रदान किया।