बालाघाट। प्रदीप जायसवाल और बोधसिंह भगत का नाम लगभग तय
बालाघाट। भारतीय जनता पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए जिले की 6 सीटों में से लांजी एवं बैहर सीट के लिए प्रत्याशी का ऐलान पिछले दिनों कर दिया गया है, वही अब वारासिवनी एवं कटंगी सीट के लिए प्रत्याशी के नाम का ऐलान करने की सुगबुगाहट जारी है। इन दोनों सीटों के लिए पार्टी कभी भी प्रत्याशी का एलान कर सकती है इसकी तेजी से चर्चा जारी है। इन दोनों सीटों की बात करें तो दोनों ही सीटों पर पार्टी की ओर से सिंगल नाम ही सामने आ रहा है, कटंगी विधानसभा सीट से बोधसिंह भगत और वारासिवनी सीट से प्रदीप जायसवाल का नाम तय माना जा रहा है। आपको बताएं कि कटंगी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए पूर्व सांसद बोधसिंग भगत द्वारा अच्छी मेहनत की जा रही थी इसके लिए वह लगातार कटंगी क्षेत्र में सक्रिय बने हुए थे। उसको देखते हुए कांग्रेस पार्टी भी उन्हें कटंगी सीट से चुनाव लड़ाने की पूरी कोशिश में थी लेकिन बोधसिंह भगत पहली प्राथमिकता भारतीय जनता पार्टी को ही दे रहे थे, क्योंकि वह अब तक भारतीय जनता पार्टी में ही रहे हैं इसलिए उनकी पूरी टीम भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोगों की है। भारतीय जनता पार्टी वरिष्ठ नेतृत्व की ओर से कटंगी सीट के लिए भाजपा से टिकट मिलने के संकेत मिलते ही उनके द्वारा कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के कार्यक्रम को टाल दिया गया था। क्योंकि यह वे नेता है जो कटंगी क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं इसलिए कोई भी पार्टी उन्हें अपनी ओर लेना चाहेगी ही। अब बोधसिंह भाऊ के नाम को फाइनल ही बताया जा रहा है। रही बात वारासिवनी की तो यहां से प्रदीप जायसवाल के नाम पर मुहर काफी पहले ही लग सकती थी, लेकिन वारासिवनी में जिस प्रकार से भाजपा पदाधिकारियो का विरोध सामने आते रहा है उसको देखते हुए टिकट वितरण में विलंब किया जा रहा था। लेकिन दूसरा पहलू यह है कि प्रदेश में सरकार बनाना है उसको देखते हुए हर सीट को बारीकी से देखते हुए जीताऊ उम्मीदवार ही चुनावी मैदान में उतारा जा रहा है। विश्वसनीय सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार इन दोनों नाम की घोषणा जल्द हो सकती है।
गौरव पारधी का क्या होगा
इसमें अब सवाल यह उठता है कि चाहे वारासिवनी सीट की बात करें या कटंगी की, इन दोनों ही क्षेत्र में भाजपा नेता गौरव पारधी द्वारा बहुत मेहनत की जा रही थी। चुनावी मैदान में उतरने के लिए वे पूरे 5 साल तक क्षेत्र में सक्रिय बनकर कार्य करते रहे। पिछले विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो उस दौरान गौरव पारधी ने अच्छी खासी अपनी जमीन तैयार कर ली थी ऐसा लग रहा था यदि वे चुनावी मैदान में उतरते हैं तो वह जीत का परचम लहराएंगे। लेकिन उन्हें पार्टी द्वारा टिकट नहीं दिया गया जिससे नाराज होकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए थे। पार्टी के वोटो का विभाजन न हो जाए इसको देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा उनसे मुलाकात कर शांत कराया गया था। अभी वारासिवनी सीट से गौरव पारधी का नाम दूसरे नंबर पर चल रहा है वही कटंगी में भी उनके नाम की काफी चर्चा पिछले दिनों जारी थी। क्या इस बार पार्टी उन पर विश्वास जताएगी या फिर से लॉलीपॉप थमा दिया जाएगा।
योगेंद्र निर्मल ने नहीं खोले अपने पत्ते
जहां तक पूर्व विधायक योगेंद्र निर्मल की बात है तो उनके द्वारा खुलकर विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले गए हैं। उनका विरोध प्रदीप जायसवाल को लेकर जरूर सामने आता रहा है, उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि भाजपा द्वारा प्रदीप जायसवाल को टिकट दी जाती है तो इसका वे खुलकर विरोध करेंगे। यह भी कहा है कि पार्टी किसी भी भाजपा के व्यक्ति को टिकट देती है तो उसे। जिताने भरसक प्रयास करेंगे। अभी जब वारासिवनी सीट से प्रदीप जायसवाल का नाम सामने आ रहा है ऐसे में पार्टी कैसे सामंजस्य बिठाएगी यह सवाल भविष्य की गर्त में है।