वन्य प्राणियों की मौत का नहीं रुक रहा सिलसिला
बालाघाट।
वन परिक्षेत्र उत्तर उकवा सामान्य अंतर्गत खमरिया बिट के ग्राम बिजोरा के जंगल में तेंदुए का शव रविवार को क्षत-विक्षत हालत में मिला। वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में पशु चिकित्सक द्वारा तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार किया गया। बताया जा रहा है कि तेंदुआ जिस जगह पर मृत पाया गया वहां पर शिकार करने में उपयोग की जाने वाली या फिर अन्य कोई सामग्री नहीं पाई गई। शव करीब 15 दिन पुराना होने से यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह तेंदुआ नर है या मादा। डीएनए टेस्ट के बाद ही इसका पता चल पाना बताया जा रहा है जानकारी के अनुसार रविवार को वनकर्मी चिखलाझोड़ी से डोरा मार्ग पर खमरिया बिट के बिजोरा जंगल में गश्त कर रहे थे तभी जंगल से लगे राजस्व क्षेत्र में तेंदुए का शव मिला। वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी मिलने पर वन कर्मी मौके पर गए, तेंदुए का शव गल जाने की वजह से मृत तेंदुआ नर है या मादा इसकी शिनाख्त नहीं हो पाई। पशु चिकित्सक की मदद से तेंदुए का पोस्टमार्टम कराकर उसके सैंपल जांच के लिए भिजवा दिया गया है।
वन कर्मियों की गस्ती पर उठ रहे सवाल
इस पूरे मामले में वन कर्मचारियों के द्वारा जंगलों में किए जाने वाले गस्ती पर सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि यह जो तेंदुए का शव बिजोरा के जंगल में मिला है वह 15 दिन पुराना होना बताया जा रहा है, इससे स्पष्ट हो रहा है कि 15 दिनों से यहां किसी के द्वारा गस्ती नहीं की गई। साथ ही यह स्पष्ट कर रहा है कि वन कर्मचारियों द्वारा जंगलों में गस्ती नहीं की जाती है यही वजह है कि वन्य प्राणियों के शिकार के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं।
क्या विभाग ने इस लापरवाही पर की कार्यवाही
वन्य प्राणी तेंदुए का मृत अवस्था में पाया जाना कोई छोटा-मोटा मामला नहीं है यह वन कर्मचारियों की बहुत बड़ी लापरवाही है। ऐसे मामलों में वन कर्मचारियों की लापरवाही तो स्पष्ट होती है उस बिट में जो भी वन कर्मचारी पदस्थ है सबसे पहले लापरवाही वहां पदस्थ कर्मचारियों की है। वही इसके बाद लापरवाही में उस बीट के अंतर्गत आने वाले वन अधिकारियों की है जिसका जिम्मा वहां के वन अधिकारी की रहती है। वन कर्मचारी अपने अधिकारी के मार्गदर्शन में कार्य करते हैं इसलिए सबसे पहली जिम्मेदारी वन अधिकारी की बनती है कि वह अपने वन कर्मचारियों से सही तरीके से कार्य करवा पाते हैं या नहीं।
रिपोर्ट आने का किया जा रहा इंतजार
तेंदुए की मौत तो हो चुकी है लेकिन यह नेचुरल मौत है या किसी के द्वारा करंट वगैरह लगाकर हत्या की गई यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। वन अधिकारियों द्वारा पीएम रिपोर्ट एवं सैंपल जो भेजे गए हैं उसकी रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। इस मामले में अधिक जानकारी लेने के लिए सीसीएफ से दूरभाष पर चर्चा करने का प्रयास किया गया लेकिन फोन रिसीव नहीं किए जाने के कारण चर्चा नहीं हो सकी।
गस्ती के नाम पर होती है पार्टी
विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी लगता है कि उनके निचले स्तर के अमले द्वारा मैदानी कर्मचारियों को लेकर वनों में समय-समय पर गस्ती की जाती है लेकिन यह कुछ स्तर तक ही सीमित है। विश्वस्त सूत्रों से जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार वन क्षेत्रों में गस्ती नाम मात्र की ही होती है और गस्ती होने के नाम पर वन्य क्षेत्रों में बनाए गए रेस्ट हाउस में पार्टी अवश्य की जाती है। यह पार्टियां कम कर गस्ती ज्यादा कब की जाएगी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।