बालाघाट। भरवेली मायल में ठेका श्रमिक की हुई मौत, 12 वें लेबल में हुआ हादसा
बालाघाट। जिला मुख्यालय से लगभग 5 किलोमीटर दूर मॉयल लिमिटेड भरवेली खदान के 12 वे लेबल भूमिगत खदान में कार्यरत प्राइवेट ठेकेदार सी.व्ही.वर्गीस के कर्मचारी हंसराज येरपुड़े उम्र करीब 32 वर्ष ग्राम जागपुर निवासी जो 27 सितम्बर को दूसरी पॉली में कार्य करते हुए पानी पंप का प्रेशर फटने से घायल हो गया था। जिसकी स्थिति को देखते हुए उच्च स्तर स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से उसे गोंदिया के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां उपचार के दौरान उसकी दो दिन पश्चात मृत्यु हो गई।
नाराज हुए परिजनों ने शुक्रवार को बालाघाट-बैहर मार्ग पर आंवलाझरी में चक्काजाम कर प्रदर्शन किया है। इस दौरान श्रमिक का शव एंबुलेंस से आने पर शव को भी उन्होंने सडक़ पर रखकर प्रदर्शन किया है। इस बात की जानकारी लगने पर सीएसपी अंजुल अंयक मिश्रा, भरवेली थाना प्रभारी रविन्द्र कुमार बारिया, कोतवाली निरीक्षक प्रकाश वास्कले समेत अन्य स्टाफ मौके पर पहुंचा और प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया है।
इस तरह से हुआ हादसा
मृतक ठेका श्रमिक के पिता तुलसीराम येरपुड़े ने जानकारी देते हुए बताया कि 2023 में ही भरवेली मायल में निजी कंपनी सीबी वर्गिस में उसका बेटा हंसराज येरपुड़े 32 वर्ष पंप मेन के पद पर काम पर लगा था जो कि बीती रात 12 वें लेबल पर काम कर रहा था और पंप का वाल खोलने के दौरान वाल फटने से वह हादसा का शिकार हो गया ऐसी जानकारी मायल के द्वारा उन्हें दी गई है। उन्होंने बताया हादसा होने व उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करने के दौरान उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई थी कि बेटे के साथ क्या हादसा हो गया है। उसकी मौत के बाद उन्हें सूचना मिली। उन्होंने बताया कि उसके बेटा एक नौ माह का बेटा है और उनका बेटा परिवार का मुखिया था जिसके भरोसे ही घर चलता है जिसके चले जाने से परिवार को आर्थिक रुप से परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
50 लाख मुआवजा, भरण-पोषण व नौकरी की मांग कर किया प्रदर्शन
ठेका श्रमिक की मौत के बाद बड़ा जागपुर, छोटा जागपुर, आंवलाझरी समेत आसपास के गांवों के एकजुट हुए ग्रामीणों ने पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने 50 लाख रुपये का मुआवजा देने, भरण-पोषण की राशि के साथ ही परिवार के सदस्य को नौकरी देने की मांग कर आंवलाझरी में सडक़ पर शव रखकर प्रदर्शन किया है। करीब दो से तीन घंटे तक चले प्रदर्शन के दौरान सडक़ के दोनों तरफ जाम की स्थिति नजर आई। इस दौरान मायल प्रबंधन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने नियमानुसार 19 लाख रुपये मुआवजा, बच्चे के भरण-पोषण के लिए 2500 रुपये प्रतिमाह के साथ ही परिवार के एक सदस्य को ठेका श्रमिक की नौकरी देने का वादा लिखित में किया जिसके बाद प्रदर्शन को समाप्त किया गया है।
इस संबंध में खान प्रबंधक मंयक जैन ने कहा कि कंपनी में काम करने वाला प्राइवेट संस्था का प्रत्येक कर्मचारी मजदूर कंपनी का ही एक अंग है। उक्त घटना निश्चित रूप से दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण है। दुख की इस घड़ी में मॉयल प्रबंधन पीडि़त परिवार के साथ खड़ा है। नियमानुसार जो भी लाभ मृत्यु पश्चात निर्धारित किये गये वह सब उसके परिवार को प्रदान किये जायेगें। प्रारंभिक आंकलन में लगभग 12 लाख रूपये मृतक कर्मचारी को मिलना अनुमानित है। घटना किन कारणों से घटित हुए इसकी जांच की भी जा रही है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो। मृतक हंसराज जो पंपमेन का काम करता था अनुभवी कर्मचारी में उसकी गिनती होती थीं ठेकेदार द्वारा उक्त पीडि़त परिवार को सभी तरह की सहायता प्रदान की जा रही है। पीडि़त परिवार को किसी भी तरह का कष्ट न हो इसका पूरा प्रयास किया जा रहा है।
उपरोक्त घटना की जानकारी के पश्चात मॉयल कामगार संगठन के महामंत्री रामअवतार देवांगन के मार्गदर्शन में स्थानीय शाखा के अध्यक्ष वेदप्रकाश दीवान, सचिन जितेन्द्र धावड़े उनके सहयोगी पदाधिकारी राजेश आचार्य, अशोक गेडाम, राजेश सिलहारे इत्यादि श्रमिक प्रतिनिधियों ने भी गोंदिया जाकर उसके स्वास्थ्य की जानकारी ली और प्रबंधन से उपरोक्त कर्मचारी को सभी आवश्यक सुविधायें प्रदान किये जाने की तरफ ध्यान केन्द्रित किया। मृत्यु पश्चात पोस्टमार्टम के समय भी वहां पर उपस्थिति रहकर पीडि़त परिवार का साहस बड़ाते रहे एवं अत्येष्ठि में शामिल होकर परिवार को ढांढस बाधाने का कार्य किया। मॉयल प्रबंधन ने आश्वास्त किया है कि पीडि़त परिवार को अच्छे से अच्छा नियमाुनसार आर्थिक लाभ उपलब्ध कराया जायेगा। ताकि परिवार आर्थिक सम्पन्नता के माध्यम से अन्य कार्यो का संचालन कर सके। जिस कंपनी में उपरोक्त मृतक कार्यरत था उसने भी पीडि़त परिवार को हर तरह से सहायता प्रदान किये जाने का विश्वास दिलाया है।