बालाघाट। कोतवाली पुलिस ने चार आरोपियों को किया गिरफ्तार
बालाघाट। परिचित के बहकावे में आकर एक व्यक्ति को घर में पूजा-पाठ कराना महंगा पड़ा गया। झूठ और पाखंड की इस कहानी में ठगों ने पीडि़त को पहले खुद को पहुंचा हुआ बाबा बताया फिर सुख-शांति, धन लाभ के लिए घर में गुप्त पूजा कराने का झांसा दिया और ढाई लाख रुपये लेकर चंपत हो गए। शुक्रवार देर रात पीडि़त की सूचना पर कोतवाली पुलिस ने तत्परता दिखाई और महज चार घंटे की तलाश में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिन्हें शनिवार को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया।
सुख शांति व धन लाभ का दिलाया लालच
पुलिस जानकारी के अनुसार, वार्ड क्रमांक-24 निवासी नरेंद्र पिता ज्वाला प्रसाद चौहान उम्र 51 वर्ष बोरवेल का काम करते हैं। उनकी लंबे समय से कोसमी निवासी योगेश पिता प्रेमचंद गोडाने से पहचान है। योगेश ने नरेंद्र को बताया कि वह एक ऐसे बाबा को जानते हैं, जो गुप्त पूजा करते हैं, जिससे घर में सुख-शांति, धन लाभ होता है। नरेंद्र फरेब के इस जाल में फंस गया और बाबा से गुप्त पूजा कराने के लिए हामी भर दी।
गुप्त पूजा के बारे में चर्चा न करने का दिखाया डर
कोतवाली थाना प्रभारी कमल सिंह गेहलोत ने बताया कि नरेंद्र को पूजा के नियमों डर दिखाना शुरू किया गया। आरोपी योगेश ने कहा कि पूजा को गुप्त रखना होता है। किसी से इस पूजा के बारे में चर्चा भी नहीं करनी होती है, वरना पूजा का प्रभाव नहीं होता और पूरी प्रक्रिया व्यर्थ हो जाती है। चार अगस्त, गुरुवार की शाम चौपहिया वाहन क्रमांक एमएच 26 वी 3477 से योगेश गोडाने एक महिला और दो पुरुषों के साथ नरेंद्र के घर पहुंचा। इसमें बाबा की भूमिका में उमाशंकर पिता आसाराम नेवारे उम्र 35 वर्ष निवासी वार्ड-11 कटंगी, वाहन चालक ऋषभ पिता दिलीप मासुरकर उम्र 28 वर्ष निवासी वार्ड-11 कटंगी और बाबा की सहायिका के रूप में अर्चना पिता कुंदन पटले उम्र 33 वर्ष निवासी इतवारीटोरी जिला सागर थे।
लाल कपड़े में बंधवाए ढाई लाख रुपये
बाबा व सहयोगियों को नरेंद्र के घर छोडऩे के बाद योगेश लौट गया। उमाशंकर व अर्चना ने नरेंद्र के घर के एक कमरे को बंद कर पूजा करने लगे। बाबा बने उमाशंकर ने नरेंद्र से लाल कपड़ा मांगा और कहा कि आपके घर में जितना भी नगद रुपया हो, उसे पूजा में रख दो। इससे लक्ष्मी जी की कृपा होगी और रुका हुआ धन मिलेगा। झांसे में आकर नरेंद्र ने नगद ढाई लाख रुपये लाल कपड़े में बांधकर कमरे में रखे एक प्लास्टिक के ड्रम में रख दिया और दोबारा गुप्त पूजा शुरू कर दी। कमरे से बाहर निकलने के बाद उमाशंकर ने नरेंद्र से कहा कि इस कमरे को अब 21 दिनों तक नहीं खोलना, वरना गुप्त पूजा व्यर्थ हो जाएगी। थोड़ी देर में सभी ठगी अपने वाहन से चले गए। शंका होने पर नरेंद्र ने पत्नी के साथ कमरा खोलकर ड्रम में झांका तो वहां से पैसे गायब थे। इसके बाद नरेंद्र ने तत्काल इसकी सूचना निरीक्षक केएस गेहलोत को दी।
ढाबे में शराब पीते मिले आरोपी
जानकारी के अनुसार, बाबा बने उमाशंकर की मोबाइल लोकेशन ट्रेस की गई, जो डोंगरिया व आसपास की थी। एसआइ अमित गौतम, एएसआइ कौसले, आरके राहंगडाले, शब्बीर खान, आरक्षक गजेंद्र माटे, चालक सुनील बघेल, महिला आरक्षक सहाना खान लोकेशन के आधार पर उनकी धरपकड़ करने पहुंचे। सभी आरोपी वारासिवनी के पास एक ढाबे में शराब पी रहे थे। तभी पुलिस ने उन्हें धरदबोचा। वहीं, महिला आरोपी बस से भागने की फिराक में थी। बताया गया कि आरोपी उमाशंकर नेवारे की कटंगी में चाय की दुकान है और वह एक जादूगर है। वह जादू का खेल दिखाता है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी योगेश गोडाने, उमाशंकर नेवारे, ऋषभ मासुरकर और अर्चना पटले के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने आरोपी के पास से माला, नकली जीभ, तीन मोबाइल व ढाई लाख नगर राशि जब्त की है।