बालाघाट। नगर व क्षेत्र में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है आए दिन बंदरों के हमले के मामले भी सामने में आ रहे हैं। उत्पादी बंदर दिनभर गलियों व मकान की छतों पर डेरा डाले रहते हैं। बावजूद इसके प्रशासन व वन विभाग इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है। गत दिवस लांजी के सालेटेकरी मार्ग में शाम के चार बजे के बीच कुछ बंदर बिजली के तार पर अटहेलियां कर रहे थे उसी दरमियान बंदर का एक नवजात बच्चा बिजली के करंट में चपेट में आ जाने के कारण काल के मुंह में समा गया। जन चर्चा यह है कि लांजी के अधिकांश भागों में इन बंदरों का लगातार आतंक बना हुआ है जिसके चलते अनेक प्रतिष्ठानों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं साथ ही साथ आए दिन बिजली के तारों में इन्हें लटकते हुए देखा जा सकता है जिसका परिणाम यह है कि विगत दिवस एक बंदर के साथ घटना घटित हो गई इसके बावजूद भी स्थानीय वन विभाग इन बंदरों की रोकथाम के लिए किसी प्रकार की उचित व्यवस्था नहीं बन पा रहा है जिसके चलते संपूर्ण लांजी नगर में बंदरों के द्वारा लगातार आतंक का बना हुआ है जिसके कारण नगर वासी बेहद परेशान दिखाई दे रहे हैं बताया जा रहा है कि कभी-कभी यह बंदरों के झुंड के द्वारा घरों में भी प्रवेश कर लिया जाता है जो घरों की वस्तुओं को भी नुकसान पहुंचाते हैं इसी प्रकार लांजी नगर के अधिकांश भागों में बंदरों का झुंड देखा जा सकता है एक कतार में नगर का विचरण करते देखे जा सकते हैं कभी-कभी यह बंदर नगर के प्रमुख मार्गो को भी अवरुद्ध कर देते हैं साथ ही साथ इन बंदरों के द्वारा लोगों के वाहनों को भी नुकसान करते देखा गया है जिसके कारण मार्ग के बाजू में खड़े वाहन को भी इन बंदरों के द्वारा धक्का देकर गिरा दिया जाता है जिसके कारण वाहन भी क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इसी तरह सब्जी मंडी में भी इन बंदरों का आतंक बरकरार है जो सब्जी ले रहे लोगों के साथ भी छीना झपटी करते देखे गए हैं ऐसी स्थिति में भी लोगों का ध्यान बंदरों की तरफ ज्यादा रहता है। कभी-कभी इन बंदरों से भी नगर में दुर्घटना होती देखी गई है जिससे अधिकांश लोग घायल होते देखे गए अचानक वाहन के सामने आ जाने के कारण चलाने वाले भी चोटील हो जाते हैं बहरहाल उक्त समस्या लांजी नगर में सतत बरकरार है बावजूद संबंधीत विभाग इन्हें पकडऩे के लिए सार्थक पहल नहीं कर रहा है जो एक सवालिया निशान है मांग की जा रही है कि इन बंदरों को पकड़ कर अनंत स्थान छोड़कर लांजी नगर से उनके आतंक को कम किया जाए ताकि नगर वासी राहत की सांस ले सके।