बालाघाट। बारिश मे दलदल युक्त मार्ग से ले जानी पड़ती है शवयात्रा
बालाघाट। तहसील किरनापुर अंतर्गत ग्राम पंचायत चिखला में प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की लापरवाही एवं उदासीनता के चलते बरसात के दिनों में गांव में किसी की मृत्यु हो जाने पर लोगों को लगभग डेढ़ से दो किमी तक दलदल युक्त मार्ग से होते हुए शव यात्रा निकालनी पड़ती है। इस समस्या पर ग्रामीण बताते है कि गांव के मुख्य मार्ग से लगभग डेढ़ किमी दूर गांव का मोक्षधाम स्थित है जिसके आने जाने के लिए कच्चा मार्ग है। जो पहले से ही कच्चा एवं जर्जर है। वही फोरलेन बनाने वाली कंपनी को मिट्टी की आवश्यकता होने पर ग्राम पंचायत के तालाब से के बड़े-बड़े वाहनों से मिट्टी खनन कर भारी वाहनो से उक्त मार्ग से परिवहन किया गया था और इन भारी वाहनो की आवाजाही होने से यह मार्ग पूरी तरह बद से बद्तर हो चुका हैं। तथा फोरलेन बनाने वाली कंपनी ने गांव की सड़क भी बना कर नही दी गई। जिस पर ग्राम पंचायत द्वारा उक्त मार्ग के गड्ढों की भराई तालाब की मिट्टी डालकर की गई थी।जिसका खामियाजा अब ग्रामीणों को किसी की अंत्येष्टि कार्यक्रम में मोक्ष धाम तक पहुंचाने के लिए दलदल युक्त मार्ग से होकर परेशानियां झेलते हुए जाने की मजबूरी बन गई है। ग्राम पंचायत चिखला के प्रबुद्ध नागरिकों ने प्रशासन से उक्त मोक्षधाम तक पहुंच मार्ग को यथाशीघ्र निर्माण कार्य करवाये जाने की मांग की है।
इनका कहना है...
मोक्ष धाम तक जाने वाला लगभग ढाई से तीन किलोमीटर कच्चा मार्ग पूर्व से ही अत्यंत ही जर्जर था। जिस पर ग्राम पंचायत द्वारा उक्त मार्ग के गड्ढों की भराई तालाब की मिट्टी डालकर समतल किया गया था। किंतु बारिश के कारण एवं जानवरों की आवाजाही के कारण भी पूरा मार्ग कीचड़ से सराबोर हो गया है ।हमारे द्वारा उक्त मार्ग को सुदूर सड़क में बनवाये जाने के लिए प्रस्ताव दिया गया था। किंतु इसकी हमें स्वीकृति नहीं मिल पाई है जिसके कारण मार्ग नहीं बन पाया। जैसे ही स्वीकृति मिलेगी मार्ग का निर्माण कार्य करवाया जाएगा।
भानु प्रसाद नगपुरे, सरपंच
ग्राम पंचायत चिखला