वारासिवनी। पैसे के लेन-देन को लेकर की गई हत्या के मामले को वारासिवनी पुलिस द्वारा 48 घंटे में सुलझा कर हत्यारों के साथ-साथ शव भी बरामद कर लिया गया हैं। जिसमें थाना प्रभारी शंकरसिंह चौहान व उनके स्टाफ द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई हैं। इस संबंध में पुलिस थाना वारासिवनी में आयोजित पत्रकार वार्ता में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अभिषेक चौधरी ने बताया कि लालबर्रा तहसील कार्यालय में पदस्थ लीडर प्रमेन्द्र पिता लोकचंद हरिनखेड़े की गुमशुदगी की रिपोर्ट युगलकिशोर हरिनखेड़े पिता लोकचंद हरिनखेड़े द्वारा 3 नवम्बर को लिखाई गई थी। जिसके आधार पर पुलिस ने जॉच पड़ताल प्रारंभ की थी, जिस पर पुलिस को पता चला कि प्रमेन्द्र का ग्राम रटेगॉव निवासी कुलदीप मर्सकाले से रकम का लेनदेन का मामला चल रहा था। जिस पर संदेह के आधार पर पुलिस ने ग्राम रटेगॉव निवासी कुलदीप मर्सकोले को पूछताछ के लिए लाया गया था। जिसने कड़ी पूछताछ के बाद प्रमेन्द्र की हत्या करना स्वीकार किया। जिसके बाद हत्यारे की निशानदेही पर ग्राम रटेगॉव निवासी कुलदीप की नानी मथुराबाई के खेत के कुॅये से प्रमेन्द्र का शव एवं उसकी स्कूटी को बरामद किया गया हैं। जब शव को कॅुए से बाहर निकाला गया, तो उसके साथ रस्सी से बॅधी हुई स्कूटी में बरामद हुई थी, जो मृतक की ही थी।
परिजनों ने थाने में दर्ज करवाई थीं गुमशुदगी की रिपोर्ट
विदित हो कि मृतक प्रमेन्द्र पिता लोकचंद हरिनखेडे वारासिवनी थाना क्षेत्र स्थित ग्राम गर्रा बाटनिकल कालोनी वार्ड नं. 12 का रहने वाला था। जो लालबर्रा में तहसील कार्यलय में  रीडर के पद में पदस्थ था। प्रमेन्द्र ने 3 नवंबर को अपने परिजनों को बताया था कि मैं रटेगाँव निवासी कुलदीप मर्सकोले के यहां जा रहा हूँ। शाम तक जब प्रमेन्द्र अपने घर नहीं लौटा। तब परिजनों ने उसे फोन लगाया, तो प्रमेन्द्र ने मोबाईल फोन नहीं उठाया। जिसके बाद परिजनों ने रिश्तेदारों के यहां पतासाजी की, लेकिन प्रमेन्द्र का कहीं भी पता नहीं चला। जिसके बाद परिजनों ने वारासिवनी थाना पहुँचकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
रस्सी से गला घोंटकर कॅुए में फंेका शव
पत्रकार वार्ता में दी गई जानकारी अनुसार आरोपी कुलदीप पिता दिलीप मर्सकोले व प्रमेन्द्र द्वारा शेयर बाजार में लगभग 7-8 लाख रुपये लगाए थे। जिसके हिसाब में गड़बड़ी के बाद प्रमेन्द्र द्वारा कुलदीप से अपने पैसे वापस मॉग रहा था। जिस पर कुलदीप ने उसकी हत्या की योजना बनाई और उसे अपने घर बुलाया था और उसे खेत में चलकर अकेले में बात करने को कहा। जिसके बाद दोनों खेत पहुँचे और पैसों की लेनदेन को लेकर उनमें विवाद हुआ। जिस आरोपी कुलदीप ने रस्सी से प्रमेन्द्र का गला घोंटकर उसे मार डाला और फिर उसके शरीर के हाथ पैर को रस्सी से बॉधने के बाद उसे पत्थर से बॉध कर मथुराबाई के खेत के कुॅये में फेंक दिया। उसने प्रमेन्द्र की स्कूटी को भी उसी कुॅये में रस्सी बॉधकर फेंक दिया था।
कुॅये में शव व स्कूटी तथा खेत में मोबाईल फेंका
श्री चौधरी ने बताया कि कुलदीप ने पुलिस को गुमराह करने के लिए प्रमेन्द्र का मोबाईल नेवरगॉव से रटेगॉव की ओर जाने वाले रास्ते में एक खेत में फेंक दिया था। पुलिस ने कुलदीप की निशानदेही पर शव व स्कूटी कुॅए से बरामद करने के बाद मोबाईल को भी खेत से जप्त कर लिया हैं। इस मामले में पुलिस ने आरोपी कुलदीप पिता दिलीप मर्सकोले 26 वर्ष के खिलाफ भादवि की धारा 302, 201 के तहत प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में पेश किया और साक्ष्य एकत्रित करने के लिए पुलिस रिमांड पर लिया हैं।
इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका
इस प्रकरण को हल करने में थाना प्रभारी शंकरसिंह चौहान के साथ उपनिरीक्षक पवन शुक्ला, चन्दजीत यादव, सहायक उपनिरीक्षक प्रहलाद बिहुनिया, महेतसिंह धुर्वे, राजेश सनोडिया, प्रधान आरक्षक राजकपूर रंगारे, शोभेन्द्र डहरवाल सायबर सेल, दारासिंह बघेल, आरक्षक आलोक बिसेन, पप्पू उइके, लक्ष्मण सपाटे, सचिन रंगारे, प्रमोद झारिया, वसीम खान, कृष्णकुमार सिंह, लालचंद पारधी, पंकज बिष्ट की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय से एक दिन का लिया गया रिमांड-अभिषेक चौधरी
एसडीओपी अभिषेक चौधरी ने बताया कि मृतक प्रमेन्द्र और आरोपी कुलदीप दोनों ने मिलकर किसी शेयर मार्केटिंग में पैसे लगाए थे। उन्हें जब मार्केटिंग में घाटा होने लगा, तब आरोपी कुलदीप से मृतक प्रमेन्द्र में अपने पैसे मांगे। इन्हीं बातों को लेकर आरोपी ने प्रमेन्द्र को बुलवाकर रस्सी से गला घोंटकर उसे कॅुए में फेंक दिया था। आरोपी को न्यायालय में पेश कर एक दिन की रिमांड लिया गया हैं।