कटंगी। जब मैं भाजपा में था तब भी मैंने अन्याय का विरोध किया था, आज कांग्रेस में हूँ तो भी मेरी लड़ाई अन्याय के खिलाफ है। यह अन्याय शिवराज सरकार के कार्यकाल में हो रहा है। पहले भी जिले में नकली खाद बीज को लेकर मेरी लड़ाई चल रही थी। उक्ताशय की बातें बुधवार को आगरी, लखनवाड़ा, वरूड़ सहित आधा दर्जन गांवों में जनसंपर्क पर पहुँचे कांग्रेस के विधानसभा प्रत्याशी पूर्व सांसद बोधसिंह भगत ने आमजन से जनसंपर्क के दौरान कही। श्री भगत ने बुधवार को लोहाग्री एवं आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र टेकाड़ी, चिरचिरा, भजियापार, जडख़रीद में भी आमजन से संवाद स्थापित किया। उनकी समस्याएं जानी और प्रदेश के विकास के लिए स्वयं के पक्ष में मतदान एवं कांग्रेस की सरकार बनाने की अपील की। इस दौरान कांग्रेस के जिला महामंत्री नीरज हीरावत, पूर्व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जैन, रामकृपाल खुरसेल, बुधरत्न रावत, शुभम अग्रवाल, कन्हैया शर्मा, अर्पित चैकसे सहित अन्य मौजूद रहे। पूर्व सांसद बोधसिंह भगत को सुनने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीणजन चैपाल में शामिल हुए।  
जनता ने शिवराज सरकार को नकार दिया
बोधसिंह भगत ने भाजपा के कद्दावर नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि इनके पास पाप की लक्ष्मी बढ़ गई है और पाप की लक्ष्मी पहले मनुष्य को भष्ट करती है, फिर उसकी मति हरती है। इनका ऐसा अंत होगा कि कुत्ता भी नहीं पूछेगा। आज विधानसभा चुनाव को लेकर पूर्व में हुए सारे सर्वे, सारे मीडिया और देश के सारे बाबा कह चुके हैं कि शिवराज सरकार जा रही है। इनके कार्यकाल में हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार हुआ। यहां तक कि कोरोनाकाल में भी जब जनता मर रही थी तब भी सरकार भ्रष्टाचार में पीछे नहीं रही, उसी भ्रष्टाचार को चुनाव पूर्व दबाने के लिए सतपुड़ा भवन में आग लगा दी गई।
कमलनाथ जी की प्रशासनिक क्षमता अद्वितीय
पूर्व सांसद ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी की तारीफ में कसीदे पड़े। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी बहुत अच्छे नेता है, उनकी कार्यप्रणाली बहुत अच्छी है। प्रशासनिक क्षमता भी सबसे ज्यादा है।
आज 44 साल से वे छिंदवाड़ा का नेतृत्व कर रहे हैं, वहां की जनता 44 साल से उन पर विश्वास कर रही है। श्री भगत ने कहा कि इस चुनाव से हमारे जीवन का संबंध है। अभी समय खेती बाड़ी का है। किसान के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण कार्य है लेकिन ये चुनाव भी उससे ज्यादा महत्वपूर्ण है। यदि हमने इस कार्य को ढंग से नहीं किया तो हमें पांच साल पछताना पड़ेगा। गलत हाथों में सत्ता चले जाए, गलत नेतृत्व मिल जाए तो जीवन भर पछताना पड़ता है। सत्ता अच्छे हाथों में जाना चाहिए उसका फायदा हर व्यक्ति को मिलता है। गलत हाथ में सत्ता जाने का दुष्परिणाम सबको भुगतना पड़ेगा।