सरकार की नीतियों का विरोध जताकर मुखबीरो को मुखबीरी कार्य छोडने का दिया अल्टीमेटम
बालाघाट। मप्र के नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में बड़े अंतराल बाद फिर एक बार नक्सलियों ने अपनी मौजूदगी का अहसाल दिलाया है और अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए नक्सलियों ने तहसील लांजी के कांद्रीघाट के जंगल में नक्सली बैनर बांधे है। जिसमें उन्होने केंद्र एवं प्रदेश सरकार की नितियों का विरोध किया है। साथ ही पुलिस के मुखबीरो को मुखबीरी का कार्य छोडने की चेतावनी दी है। इसके साथ ही बांधे गये बेनर के जरिये नक्सलियों ने पुलिस के विशेष दस्ता भर्ती अभियान का भी विरोध जताया है। जहां उक्त घटना की पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने पुष्टी भी की है।
   आपको बता दें कि बालाघाट जिले का लांजी क्षेत्र अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र की श्रेणी में आता है। जहां नक्सलियों की गतिविधियां लगातार बनी रहती है। इसी बीच नक्सलियों ने थाना बहेला के सीतापाला पुलिस चौकी अंतर्गत कांद्रीघाट के जंगल में नक्सली बैनर बांधकर अपनी उपस्थिति का दर्ज कराई है। बांधे गये बेनर में नक्सलियों ने सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे का उल्लेख की सरकार की नितियो का विरोध जताया है। इसके साथ ही पुलिस के विशेष दस्ता भर्ती अभियान का भी विरोध जताते हुए नौजवानो को मुखबीरी का कार्य छोडने की चेतावनी दी है। यहां नक्सनिलयों द्वारा बांधे गये एक बैनर में लिखा है कि भरत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) नौजवानों पुलिस के लिए मुखबिरी करना बंद करो और जंगल जंगल, जमीन बचाओ। और दुसरे बैनर में मध्यप्रदेश विशेष दस्ता भर्ती को बंद करों, शिवराज सरकार, मोदी सरकार मुदार्बाद...टांडा टंडेकर एरिया कमेटी का उल्लेख किया है। जहां इस तरह के दो बैनर बांधकर नक्सलियों ने अपना विरोध जताया है।
  इधर उक्त घटना को लेकर पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने मीडिया से चर्चा की और कहा कि कांद्रीघाट के जंगल से दो बैनर मिले हैं। जिसमें उन्होने पुलिस मुखबिरी का काम बंद करने और मध्यप्रदेश विशेष दस्ता भर्ती प्रक्रिया को बंद करने की बात कही है। जिसे पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने पुलिस के लिए अच्छी खबर होना बताया है। एसपी समीर सौरभ ने कहा कि उनके इस कृत्य का एक ही मतलब है कि पुलिस की मुखबिरी सही हो रही है और दूसरी विशेष दस्ता भर्ती प्रक्रिया में बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए है तो उनमें दहशत का माहौल है। क्योकि लोकल लडके इसमें भर्ती  हो रहे है, क्षेत्र को भली भांति जानते है, क्षेत्र की भाषा समझते है। जंगल के रास्ते जानते है तो वे नक्सल उन्मूलन अभियान में पुलिस के लिये काफी सहयोगी होगें। ऐसे उनको अब लग रहा है कि पुलिस की मुखबिरी बड़ी संख्या में फैल जायेंग और उससे नक्सलियों को नुकसान होगा। तो यही कारण है कि वे इस तरह की घटना कारित करके अपना विरोध जता रहे है। इससे साफ है कि अब नक्सलियों में काफी भय का माहौल है।
एसपी समीर सौरभ ने कहा कि नक्सली इस समय बैकफुड पर है और पुलिस की बैक-टू-बैक कार्यवाही से उनको काफी नुकसान पहुंच रहा है। हम भी नक्सल उन्मूलन को लेकर हमेशा अलर्ट पर रहते है और हमारी सुरक्षा बल की टीम भी लगातार सर्चिंग कर रही है। जिससे उनका ग्रामीण क्षेत्रो से नक्सल कनेक्शन भी लगातार टूर रहा है तो वही दूसरी ओर हम भी विभिन्न अभियानो के तहत आमजन के बीच लगातार समन्वय बना रहे है। जिससे यह फायदा मिल रहा है कि लोग नक्सल विचारधारा के बहकावे में नही आ रहे है और पुलिस को उनका सहयोग मिल रहा है।