बालाघाट। सालेटेकरी पुलिस चौकी क्षेत्र अंतर्गत अचानकपुर से जुड़े हत्या के एक संदिग्ध मामले में पुलिस की ओर से क्या कार्यवाही की गई यह जानने के लिये मृतक के परिजन परेशान हो रहे हैं लेकिन उन्हें जानकारी हासिल नहीं हो रही हैं। जिसके चलते परिजनों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपा और मामले में हुई कार्यवाही से उन्हें अवगत कराने व दोषियों को दंडित करने की मांग की हैं। इस प्रकरण के संबंध में परिजनों में मृतक के पिता टेटकू जामरे और श्रीमती सुंतीबाई जामरे सहित अन्य परिजनों ने बताया कि मृतक युवक संजय जामरे उनका पुत्र हैं,  जिसके साथ दिनांक 7-8 नवम्बर 2022 को गांव के ही बरसन जामरे, मिलन जामरे, ठाकुरराम पांचे, सुपल पंचेश्वर सहित अन्य द्वारा रात्रि के समय में जमकर मारपीट की गई थी। जिसके पश्चात उसे मृत होना समझकर उसे छोड़ दिया गया था। संजय जामरे अपने घर पर घायल अवस्था में पहुंचा, जिसे अंदरूनी हिस्से में गहरी चोट आयी थी लेकिन परिजनों ने उसका अस्पताल में उपचार नहीं करा सके थे। घायल का घर पर ही घरेलू उपचार किया लेकिन एक दिन बाद युवक संजय जामरे उम्र 26 वर्ष की मौत हो गई। परिजनों ने तमाम रिश्तेदारों के साथ उसके शव को दफन कर दिया था। परिजनों ने बताया कि जिस दिन वाद-विवाद कर मारपीट की थी उनसे बचाव करने के लिये गांव के ही चंदन नारायण, बंशाबाई, पीरतबाई सहित अन्य ने बचाव का कार्य किया था। बताते हैं कि इस घटना को लेकर गांव में समाज की बैठक हुई थी जिसमें आरोपितों ने मारपीट किया जाना स्वीकारा था। गांव के तमाम लोग जानते हैं कि संबंधित आरोपितों मिलन जामरे, बरसन जामरे, ठाकुरराम पांचे, सुपल पंचेश्वर की मारपीट से ही उसकी मौत हुई हैं। परिवार का मामला होने के चलते प्रारंभ में उन्होने इस प्रकरण की पुलिस में शिकायत नहीं की थी, पर बाद में इस प्रकरण को लेकर 7 जनवरी 2023 में बैहर एसडीओपी को आवेदन दिया गया था। जिसके पश्चात दूसरे दिवस 8 जनवरी 2023 को शव का जिस स्थान पर दफन किया गया था वहां से उसका उत्खनन किया गया था। परिजनों का कहना हैं कि शव के उत्खनन के पश्चात पुलिस की कार्यवाही क्या हुई? जांच रिपोर्ट आयी या नहीं इसको लेकर पुलिस ने उन्हें कोई सूचना नहीं दी हैं। जबकि पुलिस परिजनों सहित ग्रामीणों का बयान दर्ज कर यहां से चले गई हैं। इस संबंध में हमारे ओर से पुलिस प्रशासन से मामले में हुई प्रगति या कार्यवाही को लेकर जानकारी लेने का प्रयास किया गया लेकिन पुलिस की ओर से कोई जानकारी ही नहीं दी गई हैं। जबकि इस घटनाक्रम को अब 10 महीने से ज्यादा हो गये हैं। ऐसे में इस कार्यवाही के संबंध में परिजनों को ना बताया जाना प्रकरण में संदेह उत्पन्न कर रहा और संदिग्ध आरोपितों को बचाया जाना प्रतीत हो रहा हैं। हमारी मांग हैं कि इस प्रकरण में पुलिस की ओर से हुई कार्यवाही को लेकर हमें अवगत कराया जाये और दोषी को दंडित किया जाये। वही इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने भी परिजनों को इस मामले में आवश्यक कार्यवाही करने का भरोसा दिया हैं।