बालाघाट। हड़ताल के बाद भी बढ़ा किसान पंजीयन का बढा आंकड़ा
बालाघाट। शासन द्वारा प्रतिवर्ष समर्थन मूल्य पर किसानों का उपार्जन खरीदा जाता है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी समर्थन मूल्य पर किसानों का उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से धान की खरीदी होनी है। जिसको लेकर इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। लंबी चली पटवारियों और सहकारी समितियों की हड़ताल के बाद भी जिले में खरीफ सीजन के लिए पंजीयन पिछले साल के मुकाबले अधिक हुआ है। विभागीय तौर मिले ताजे आंकड़ों के अनुसार, अब तक जिले के 01 लाख 17 हजार 334 किसानों ने पंजीयन कराया है, जबकि पिछले साल एक लाख 14 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था। इस लिहाज से अब तक 3000 अधिक किसान पंजीयन करा चुके हैं। हालांकि, कुछ किसान गिरदावरी रिपोर्ट नहीं बनने के कारण पंजीयन नहीं करा सके हैं।
बहुतायत किसानों का अटका था पंजीयन
बात अगर शुरुवाती दौर की करे तो शुरुवाती दौर में पटवारियों द्वारा गिरदावरी सत्यापन नहीं बनने से एक लाख से ज्यादा किसान अपनी उपज के लिए पंजीयन नहीं करा सके थे, लेकिन शासन स्तर पर तिथि बढ़ाने और गिरदावरी प्रक्रिया में तेजी लाने के बाद संख्या में इजाफा हुआ है। जानकारी के अनुसार आगामी दिनों में धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसके लिए इस बार भी महिला समूहों की भी भागीदारी रहेेगी।
बाढ़ प्रभावित इलाकों के किसान अब भी पीछे
खरीफ सीजन के लिए अब भी कुछ किसान पंजीयन नहीं करा पाए हैं। इनमें उन क्षेत्रों के किसान अधिक हैं जहां सितंबर माह में आई बाढ़ और अतिवर्षा के कारण फसलें बर्बाद हुई थी। इनमें लालबर्रा, किरनापुर, खैरलांजी के किसान अधिक हैं। हालांकि, इस साल पंजीयन की प्रक्रिया बेहद धीमी रही, जिसके पीछे पटवारियों की एक महीने तक तथा जिले की 126 समितियों के बार-बार हड़ताल पर जाने से पंजीयन प्रक्रिया पर असर पड़ा था। खरीफ सीजन की फसल उर्पाजन के लिए पंजीयन की प्रक्रिया के 13 दिन बीत जाने के बाद भी जिले के सिर्फ 101 किसानों का ही पंजीयन हो सका था। इसके बाद प्रशासनिक स्तर पर प्रक्रिया में तेजी लाई और हड़ताल से लौट पटवारियों को समय रहते गिरदावरी रिपोर्ट तैयार के लिए निर्देशित किया गया। यही वजह है कि इस बार पिछले साल के मुकाबले आंकड़े में इजाफा हुआ है।
पंजीयन के लिए दो बार बढ़ी तिथि
इस साल खरीफ सीजन के पंजीयन के लिए शासन स्तर पर दो बार तिथियां आगे बढ़ाई गई थी। हालांकि, शासन द्वारा हर खरीफ सीजन में पंजीयन की तिथियों में बदलाव किया जाता है, लेकिन इस बार पटवारियों व सहकारी समितियों की हड़ताल के कारण कम पंजीयन के कारण दो बार तिथि में बदलाव करना पड़ा। पूर्व में 20 सितंबर से पांच अक्टूबर तक पंजीयन प्रक्रिया चली, लेकिन तब तक आंकड़ा एक हजार को भी नहीं छू पाया था, जिसके कारण शासन ने पंजीयन की तिथि पांच अक्टूबर से बढ़ाकर 15 अक्टूबर किया गया। इसके बाद 15 अक्टूबर तक की समय सीमा को 20 अक्टूबर तक बढ़ाया गया था।
आदेश आते ही शुरू की जाएगी धान खरीदी - ज्योति बघेल
इस संबंध में चर्चा करने पर जिला आपूर्ति अधिकारी श्रीमती ज्योति बघेल आर्य ने बताया कि
इस साल पटवारियों की हड़ताल के कारण पंजीयन प्रक्रिया पर असर पड़ा था, लेकिन प्रक्रिया में तेजी लाई गई है। अब तक जिले के 01 लाख 17 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है। जो किसान छूट गए हैं, उनके पंजीयन भी कराए जा रहे हैं। इस साल पिछले साल के मुकाबले अधिक पंजीयन हुए हैं। उन्होंने आगे बताया कि अभी तक शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तारीख घोषित नहीं की गई है। जैसे ही तारीख आ जाएगी या फिर धान खरीदी को लेकर कोई दिशा निर्देश प्राप्त होते हैं। वैसे ही धान खरीदी केंद्रों का निर्धारण करके समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था बनाई जाएगी और तय की गई तारीख से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।