बालाघाट। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से लगे बफर खापा जोन बन परिक्षेत्र में गौर (बायसन) का शिकार करने वाले आरोपी को न्यायालय ने दोषी पाते हुए 03 वर्ष का सश्रम कारवास की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। ये फैसला मंगलवार को न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अनुराग खरे तहसील बेहर के न्यायालय में सुनाया गया है। आरोपी विश्रामसिंह पिता रामसिंह मरावी उम्र 70 वर्ष निवासी ग्राम शैला थाना बैहर निवासी है।
यह है मामला
जिला लोक अभियोजन अधिकारी ने बताया कि 28 जनवरी 2013 को समय करीब 3 बजे बनरक्षक महेश कुमार महावी को बन गश्ती के दौरान शैला से खापा विद्युत लाइन के पास एक वयस्क नर गौर मृत अवस्था में मिला। घटनास्थल की जांच करने पर मृत गौर के शरीर पर जलने के निशान एवं जमीन में छूटी गड़ाए जाने के निशान पाए गए, जिससे गौर का शिकार विद्युत करंट लगाकर किया जाना पाया गया। मौके पर जब्ती और पंचनामा की कार्रवाई की गई। मुखबिर सूचना के आधार पर 31 जनवरी 2013 को ग्राम शैला के निवासी विश्रामसिंह को प्रकरण के संबंध में पूछताछ करने पर उसने अपराध स्वीकार किया। 'आरोपी विश्रामसिंह की निशादेही पर शिकार में उपयोग की गई सामग्री घटनास्थल के समीप झाडय़िों से आरोपी से जब्त की गई। अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत परिवाद पत्र न्यायालय में पेश किया गया। विचारण के दौरान आई साक्ष्य के आधार पर तथा अभियोजन तर्कों से सहमत होकर न्यायालय द्वारा आरोपी को उक्त दंड से दंडित किया गया। अभियोजन की ओर से पैरवी श्री ऋतुराज कुमरे, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, बैहर द्वारा की गई।
इन धाराओं में पड़ी सजा
आरोपी विश्रामसिंह मरावी को वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा-51 एवं सहपठित धारा 2, , 27, 31, 3,52 के अपराध में 03 वर्ष का कठोर कारावास व 10000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।