बालाघाट। आंगनवाड़ी केंद्रों में निरीक्षण में आंगनवाड़ी केंद्रों के संचालन में लापरवाही पाए जाने पर कलेक्टर डा. गिरीश कुमार मिश्रा ने 12 आंगनवाडी पर्यवेक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
संविदा पर्यवेक्षकों को नोटिस जारी किया गया है कि क्यों न उनकी जुलाई माह का सात दिनों का वेतन काट दिया जाए और नियमित पर्यवेक्षकों को नोटिस जारी किया गया है कि क्यों न उनकी एक वेतन वृद्धि रोक दी जाए। इन पर्यवेक्षकों को सात दिनों में भीतर अपना स्पाष्टीकरण प्रस्तुत करने कहा गया है। समय सीमा में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर एक पक्षीय कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।
इन आंगनवाड़ी केंद्रों का राजस्व अधिकारियों ने किया था निरीक्षण
कलेक्टर ने बालाघाट, वारासिवनी, बैहर, लांजी, किरनापुर एवं कटंगी के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देशित किया गया था कि वे अपने क्षेत्रों की आंगनवाड़ी केंद्रों का सतत निरीक्षण करें और वहां पर बच्चों की उपस्थिति, पोषण आहार का वितरण एवं अन्य कार्यों की स्थिति देखें।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्वत द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों के आकस्मिक निरीक्षण में पाया गया कि कुछ आंगनवाड़ी केंद्रों का संचालन ठीक से नहीं किया जा रहा है। केंद्रों में बच्चों की दर्ज संख्या के अनुपात में उपस्थिति बहुत कम है और बच्चों को पोषण आहार वितरण में भी अनियमितता की जा रही है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के प्रतिवेदन के आधार पर जिन सेक्टार के आंगनवाड़ी केंद्रों के संचालन में गड़बड़ी पाई गई है उनकी पर्यवेक्षकों को कलेक्टर ने कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने कहा है।
महिला एवं बाल विकास परियोजना बैहर की संविदा पर्यवेक्षक आशा मेश्राम, बिरसा परियोजना की संविदा पर्यवेक्षक लक्ष्मी सेवते, बालाघाट ग्रामीण परियोजना की संविदा पर्यवेक्षक कविता सुलाखे एवं लांजी परियोजना की सुलोचना रावते को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है कि क्यों न इस लापरवाही के लिए उनके माह जुलाई 2023 के वेतन से सात दिनों का वेतन काटा जाए।
इसी प्रकार बिरसा परियोजना की पर्यवेक्षक संगीता चौधरी, परसवाड़ा की रीता वासनिक, किरनापुर की रेखा देशमुख, सुनिता जंघेले, समोता मस्कवरे, अंजु गुप्ता, वसुंधरा घरडे एवं कटंगी परियोजना की पर्यवेक्षक सुनिता टेकाम को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है कि क्योंर न उनकी एक वेतन वृद्धि रोक दी जाए।