बालाघाट। कई यातनाओं से भरी दुगलटोला जाने वाली गली
बालाघाट। जिले के मॉयल नगरी उकवा से दुगलटोला जाने वाला मार्ग इन दिनों अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। बताया कि वर्षो से इस कच्चे मार्ग में सीमेंटी करण किए जाने की मांग की जा रही है। लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया है। इस कारण खासकर बारिश में यह सडक़ दलदल का रूप ले लेती है। ऐसे में सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को होती है। आए दिन यहां से गुजरने पर बच्चों में कीचड़ में गिरते देखा जा सकता है। इसके बाद बच्चे स्कूल न जाकर उन्हें वापस घर लौटना पड़ता है। स्थानीयजनों के अनुसार इस मार्ग से दोपहिया वाहन से लेकर चौपहिया वाहनों का आना जाना भी होता है। ऐसे में कच्चे मार्ग में बड़े-बड़े गड्डे निर्मित हो गए हैं। वहीं इन गड्ढों में बारिश का पानी भर गया है। वाहन चालकों को यह गड्ढे नजर नहीं आते और यहां से गुजरने पर दुर्घटना का शिकार भी हो रहे हैं। ग्रामीणों ने शीघ्र की पक्की सड़क का निर्माण किए जाने की मांग की है।
20 गांव का आवागमन प्रभावित
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार उकवा से दुगलटोला पहुंच मार्ग से करीब 20 गांव के ग्रामीणों का का आवागमन होता है। जिन्हें खासकर बारिश के मौसम में बेजा तकलीफों का सामना करना पड़ता है। कई बार इस मार्ग पर बड़े वाहनों के फंसने से दिनभर आवागमन अवरुद्ध हो जाता है। वहीं वाहनों के गुजरने पर कीचड़ उछलकर राहगीरों व घरों तक आता है। वर्षों से इन तमाम परेशानियों से गुजरने रहे जागरूकजनों ने इस मामले में पंचायत को भी जानकारी दी। लेकिन अब तक एक भी जिम्मेदार उनकी समस्या को सुनने व देखने नहीं पहुंचा है।
इनका कहना है
सड़क को देखकर यहां से गुजरने वालों की तकलीफों का अंदाजा लगाया जा सकता है। यहां से वाहन तो दूर पैदल भी मुश्किल हो गया है। आवागमन की सुलभ सुविधा करवाई जानी चाहिए।
ओमकार पटले, ग्रामीण
आज भी स्कूली बच्चे सड़क के कीचड़ में गिर गए थे जिन्हें हमने कीचड़ से निकाला। कई बार यहां वाहनों के फसने से आवागमन अवरुद्ध हो जाता है। पक्की सड़क बनाई जानी चाहिए।
कमल किशोर, ग्रामीण
बारिश होने से इस सडक़ में कीचड़ हो जाता है। जिस पर मुरूम डाली जानी चाहिए थे। लेकिन यहां मिट्टी डाल दी गई है। ऐसे में समस्या और बढ़ गई है। स्कूल जाना तक मुश्किल हो गया है।
प्रिया पटले, छात्रा