लालबर्रा। नगर मुख्यालय से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर जंगलों के बीच स्थित और ब्रिटिश काल में निर्मित मुरूम नाला जलाशय की नहर से लगातार व्यर्थ में पानी बह रहा है। मुरूम नाला जलाशय का गेट बंद नहीं हो पा रहा है और विभाग के अधिकारी गंभीर मामले पर ध्यान नहीं दे रहे। जो किसानों के लिए चिंता का विषय है अगर प्रतिदिन ऐसे ही नहर से पानी बहता रहेगा तो जल्द ही मुरूम नाला जलाशय खाली हो जाएगा। जिससे 17 गांव के किसानों को फसलों में नुकसान होगा और आर्थिक हानि का सामना करना पड़ सकता है गंभीर मामले पर ना तो कोई अधिकारी सुध ले रहा है ना हीं क्षेत्र के बड़े-बड़े नेता जो किसानों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। आखिर किसान किसके पास जाए जो उनकी समस्या को सुनकर उनका निराकरण कर सके कुछ स्थानीय किसनो ने उक्त समस्या पर विभाग के अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया परंतु अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया और नहर से 15 दिनों से पानी व्यर्थ में बह रहा है। ग्राम कंजई, भाण्डामुर्री बोट्टा के किसनो का आरोप है कि अधिकारियों को बार-बार फोन लगाया गया परंतु उन्होंने फोन तक नहीं उठाया ऐसा ही रहा तो पूरा मुरूम नाल जलाशय  खाली हो जाएगा जिससे रबी,चना, गेहूं जैसी अन्य फसले  प्रभावित होगी और किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ेगा, एक तरफ सरकार कहती है कि किसानों की आय दुगनी करना है और दूसरी तरफ किसानों की समस्याओं पर सुध लेने वाला कोई नहीं।
निरंतर बह रहा मुरूम नाला जलाशय की नहर से पानी
बालाघाट सिवनी मार्ग पर स्थित ग्राम कंजई से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित मुरूम नाला जलाशय का गेट बंद नहीं होने के चलते नहर से पानी निरंतर बह रहा है। अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं। व्यर्थ में निरंतर बह रहे पानी को रोकने के लिए विभागीय तौर पर कोई ठोस प्रयास नहीं किया जा रहा है। जो किसानों के लिए चिंता का कारण है समय रहते अगर मुरूम नाला जलाशय के गेट को बंद नहीं कराया गया तो जल्द ही पानी पूरा खाली हो जाएगा 14 गांव के किसानों ने कलेक्टर से मुरूम नाला  जलाशय के गेट को बंद करने गुहार लगाई है ताकि जलाशय में भरा पानी को रोका जा सके किसानो ने कलेक्टर और संबंधित विभाग के आला अधिकारियों से मामले पर तत्काल कार्रवाई करने की गुजारिश की है जब उक्त गंभीर मामले से विभाग की एसडीओ डोंगरे मैडम से चर्चा करनी चाही गई तो उन्होंने 2 मिनट में कॉल बैक करती हूं करके फोन काट दिया इंतजार करने के बाद मीडिया प्रतिनिधि राहुल जायसवाल  ने कुछ देर बाद उक्त जिम्मेदार अधिकारी एसडीओ मैडम डोंगरे से गंभीर मामले पर चर्चा करनी चाही गई तो उन्होंने मीडिया का फोन रिसीव नहीं किया जो विचारणीय विषय है। जब जिम्मेदार ही मामले से पाला झा ड़ेंगे तो किसानो की फरियाद सुनेगा कौन... यही है सरकार की कथनी और करनी.. जो किसान नहर के पानी को रोकने के लिए दर-दर भटक रहे हैं।