बालाघाट। समय सीमा मे नही हुआ नल-जल योजना का काम
बालाघाट। कटंगी नगर पंचायत के चुनाव हुए लगभग 1 वर्ष का समय होते आ गया है नगर की जनता ने जिस उम्मीद के साथ नए उम्मीदवार को चुना और नगर परिषद में अध्यक्ष और पार्षद के रूप में नियुक्त किया था जनता की उम्मीद पर यह जनप्रतिनिधि खरे नहीं उतर पाए। लगभग 1 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी नगर में किसी प्रकार का विकास कार्य दिखाई नहीं दे रहा है इसके पूर्व के कार्यकाल जिसमें अर्चना अनिल जैन नगरपालिका अध्यक्ष थी उनके समय के भी विकास कार्य में आज नगरपालिका अधिकारी पलीता लगाते नजर आ रहे हैं, जैसे कि तालाब के सौन्दर्यीकरण की बात हो या वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अधोसंरचना दूसरा चरण सीएमओ क्वार्टर या ठोस अपशिष्ट इन सभी योजनाओं में नगर पंचायत के अधिकारी एवं इंजीनियर द्वारा लीपापोती के कार्य करते हुए नजर आ रहे हैं। शायद यह इसलिए भी लीपापोती करने में सफल हो रहे हैं क्योंकि जनप्रतिनिधियों का नगर पंचायत के ऊपर कोई खास प्रभाव दिखाई नहीं देता है।
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का प्लान नदी के पानी को स्टोर करके फिल्टर करने के बाद पूरे शहर में हर घर पानी देने की योजना के लिए बनाई गई थी। यह योजना लगभग 11 करोड की है जिसमें नगरवासियों को शुद्ध सांफ पीने का पानी हर घर में उपलब्ध कराया जाता है। नगरपालिका अधिकारी एवं इंजीनियर इस योजना के ऊपर कोई विशेष रूचि दिखाते नजर नहीं आ रहे जिसके चलते वहां के कुछ लोग इसे अपना गोडाउन के रूप में उपयोग कर रहे हैं जिसकी खबर शायद नगरपालिका अधिकारी को हो मगर कोई कठोर कार्यवाही करने से वह बचते नजर आते हैं। आज सालों से प्लांट का काम तो शुरू है मगर सिर्फ काम ही शुरू है ना तो वहां पानी आने की कोई जगह निर्धारित हुई है नाही प्लांट में किसी प्रकार की कोई व्यवस्थाएं दिखाई दे रही है और तो और अभी पानी की व्यवस्था कंफर्म नहीं है कि किस नदी से पानी आना है मगर इंजीनियर के द्वारा शहर में अच्छी खासी रोडो को तोड़कर रोड के बीचो बीच पाइप लाइन का काम शुरू करवा दिया गया और कई जगह तो पाइप भी डलवा कर शोभा की सुपारी बना दी गई है। जब पानी की व्यवस्था नहीं है तो क्या यह पाइप लोगों को हवा खिलाने के लिए डाले जा रहे हैं।
बिना टेंडर कर दी गई पानी निकासी
कटंगी नगर के मध्य स्थित बड़े तालाब के सौन्दर्यीकरण के लिए पैसा स्वीकृत होने के बाद टेंडर प्रक्रिया भी पूर्ण हो चुकी थी मगर नगर पंचायत के नियम के अनुसार ठेकेदार द्वारा अनुबंध नहीं किए जाने की दशा में कार्य को निरस्त कर पुन: टेंडर की कार्यवाही किया जाना बताया गया है। जनता के बीच में यह चर्चा है कि अगर ठेकेदार के द्वारा अनुबंध नहीं किया गया था तो फिर नगर पंचायत के कर्मचारियों द्वारा भरी गर्मी में तालाब का पानी खाली कराने का क्या मतलब था। तालाब का पानी खाली होने से शहर का वाटर लेवल तो कम हुआ ही और इसमें खर्चा किया गया पैसा भी व्यर्थ में लगाया गया। आज तक तालाब का ना ही सीमांकन किया गया ना ही अतिक्रमण हटाया गया तो क्या जनता यह मान ले की अंधों में काना राजा जैसा, तालाब जितना बचा है उतने का ही सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
वहीं इस संदर्भ में उपयंत्री राजेश चौकसे से दुरभाष पर चर्चा करनी चाही तो उनके द्वारा बीच में ही फोन काट दिया गया, इससे लगता है कि वे इस मुद्दे पर बात ही नहीं करना चाहते।
इनका कहना है
मुझे पदभार संभाले हुए मात्र एक माह हुआ है, मुझे जहां तक जानकारी है, नल जल योजना का काम पूरा नहीं हुआ है, अभी काम चल रहा है। बाकी मैं सोमवार को ही पूर्ण जानकारी दे पाउंगा।
रवि श्रीवास्तव, सीएमओ नगर पंचायत कटंगी