बालाघाट। सनातन सभा समान नागरिक संहिता पर चलायेगा समर्थन अभियान
बालाघाट। भोपाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा समान नागरिक संहिता (यूसीसी-यूनिफार्म सिविल कोड) को देश में लागु किये जाने बयान के बाद इसको लेकर राजनीति तेज हो गई है, हालांकि कुछ राजनीतिक दलों ने इसके समर्थन की बात कही है लेकिन फिर भी इस मुद्दे को लेकर अलग-अलग बात भी कही जा रही है, जबकि सनातन सभा का मानना है कि यह देश के लिए जरूरी है, समान नागरिक संहिता एक सामाजिक मामलों से संबंधित कानून है जो सभी पंथ के लोगों के लिये समान रूप से लागू होता है। दूसरे शब्दों में, कहे तो अलग-अलग पंथों के लिये अलग-अलग सिविल कानून न होना ही समान नागरिक संहिता की मूल भावना है। जिसके बाद सनातन सभा अब इसको लेकर समर्थन अभियान चलाने वाला है।
जिसको लेकर 1 जुलाई को सनातन सभा की बैठक सर्किट हाउस में आयोजित की गई। जिसमें सनातन सभा जिलाध्यक्ष महेश खजांची, महासचिव अभय सेठिया, रमेश रंगलानी, डॉ. चारूदत्त जोशी, श्रीमती लता एलकर, विनोद शांडिल्य, मोहन आचार्य, एल.आर. भगत, शिरिष थानथराटे, सुनील खोटेले, सुरेन्द्र कुमार दुबे, सुभाष गुप्ता, अमित त्रिपाठी, अमरसिंह ठाकुर, मीना चावड़ा, सहित अन्य सनातन सभा से जुड़े पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे।
इस दौरान बैठक में समान नागरिक संहिता (यूनिफार्म सिविल कोड) को लेकर पदाधिकारियों ने अपने विचार और सुझाव रखे। पदाधिकारियों ने कहा कि यह राजनीति से ऊपर का विषय है। यह वक्त देश की पीढ़ी और के लिए खड़ा होने का समय है। इसमें किसी धर्म, जाति और संप्रदाय के नुकसान की बात नहीं है, संविधान में समान नागरिक संहिता का उल्लेख है यह देश की अखंडता और एकता के लिए जरूरी है, इसे राजनीतिक चश्मे से ना देखा जायें और ना ही यह सोचा जायें कि इसे केन्द्र की भाजपा सरकार ला रही है, हालांकि यह काम पहले हो जाना चाहिये थे लेकिन देर ही सही देश की जनता के लिए हो लाये जा रहे समान नागरिक संहिता का हम सभी को समर्थन करना चाहिये, देश की सरकार चाहती है कि यूसीसी देश की जनता के भावनाओं के अनुरूप हो और इसमें सरकार ने सुझाव और विचार भी मांगे है। नागरिक यूसीसी को लेकर अपने सुझाव और विचार सरकार तक भिजवा सकते है।
सनातन सभा संरक्षक और राष्ट्रीय विचार मंच की संयोजिका श्रीमती लता एलकर ने कहा कि आज देश जिस मुहाने पर खड़ा है, उसके लिए समान नागरिक संहित (यूसीसी) जरूरी है, इसे काफी पहले लागु हो जाना चाहिये थे लेकिन नहीं हो सका। कतिपय राष्ट्रविरोधी लोग इसको लेकर गुमराह करने का काम कर रहे है, लेकिन देश के नागरिको को इसका समर्थन करना चाहिये। सरकार ने इसके समर्थन के लिए ईमेल आईडी और 9090902024 भी जारी किया है, जिसमें हम अपना समर्थन मेल भेजकर या फिर मोबाईल नंबर पर मिस्ड कॉल कर दे सकते है। उन्होंने कहा कि आज परिवार के हर सदस्यों के पास मोबाईल है, हमारा प्रयास है कि हम इसको लेकर जागरूकता अभियान के माध्यम से जिले से ज्यादा से ज्यादा समर्थन करने के लिए लोगों को प्रेरित करे। आज देश को इसकी जरूरत है। यह देश का सबसे बड़ा मुद्दा है और हमें इसे राजनीति का अंग नहीं बनने देना है। यह देश के नागरिकों को किसी भी धर्म, जाति, समुदाय के लिए एक कानून की बात करता है, लेकिन कतिपय राष्ट्रविरोधी यह सुनना नहीं चाहते है यह हमारे देश का दुर्भाग्य है। हमारा मानना है कि एक देश एक कानून से संचालित होना चाहिये। एक देश में अलग-अलग कानून यह नहीं चलेगा।