प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की है सड़क

बालाघाट। शासन द्वारा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना विभाग को सड़कों के मेंटेनेंस एवं पुनर्निर्माण के लिए हर वर्ष आवंटन जारी किया जाता है लेकिन संबंधित विभाग के द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण कई सड़कें अत्यंत जर्जर स्थिति में हो गई है। उन सड़कों को देखकर ऐसा लगता है जैसे वह सड़क दुर्घटना को आमंत्रित कर रही हो। यह स्थिति नगर मुख्यालय से 7 किलोमीटर की दूरी पर गोंदिया रोड से चिचगांव पहुंच मार्ग की है, जो प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आती है। यह सड़क महज 3 किलोमीटर दूरी की है लेकिन वह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है थोड़ी-थोड़ी दूरी पर गड्ढे हो गए हैं जो बारिश के दिनों में आवागमन करने वाले लोगों के लिए परेशानी का कारण बन जाते हैं। आपको बताये कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जिले के समस्त अंचलों में कार्य कराए जाते हैं, जब जिला मुख्यालय के पास की सड़क के यह हाल है तो दूर अंचल में किस प्रकार की स्थिति होगी। क्या विभाग के अधिकारियों द्वारा उन सड़कों के निर्माण की ओर ध्यान दिया जाता होगा यह सवाल खड़े हो रहे हैं।
सड़क किनारे खड़े बोर्ड की ओर ध्यान नहीं
बालाघाट से लांजी की ओर अधिकारियों का आना जाना लगा ही रहता है लेकिन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का बोर्ड जो चिचगांव रोड पर सड़क किनारे काफी दिनों से पड़ा हुआ है, इस ओर विभागीय अधिकारियों का ध्यान ही नहीं है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभागीय अधिकारी कर्मचारी अपने कार्य के प्रति कितने वफादार हैं।
पुलिया गिरने की कगार पर
इसी रोड पर गोंदिया मार्ग से महज 300 मीटर की दूरी पर एक पुलिया है जो गिरने की कगार पर पहुंच गया है। यहां पुलिया के ऊपर भी काफी गड्ढे हो गए हैं वाहनों के गुजरने के कारण यह पुलिया बहुत ज्यादा छतिग्रस्त हो गया है। इस पुलिया को देखकर ही ऐसा लगता है जैसे कोई दुर्घटना न घटित हो जाए। विभागीय अधिकारियों को इस ओर जल्द ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है ताकि पुलिया गिरने से किसी प्रकार की दुर्घटना न हो जाए।
यह विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही है - डोमनसिंह
ग्राम चिचगाव निवासी डोमन सिंह पटेल ने बताया कि वह मजदूरी का कार्य करते है उन्हें रोज ही इस सड़क से गुजरना पड़ता है। वर्ष 2005 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के माध्यम से यह सड़क बनी थी, इस सड़क में परेशानी यह है कि सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं इसकी रिपेयरिंग होना चाहिए। इस मार्ग से बड़े-बड़े वाहन भी जाते हैं बारिश में तो काफी परेशानी होती है। सड़क पर पानी होने के कारण गड्ढे नजर नहीं आते, यह विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही है जिनके ध्यान न देने से सड़क की हालत बहुत ही खराब हुई है।
कभी भी टूट सकता है पुलिया - कोमेश्वर बघेल
ग्राम भमोडी निवासी कोमेश्वर बघेल ने बताया कि सड़क की हालत इतनी खराब है कि लोग इसमें चलना पसंद नहीं करते। जगह-जगह गड्ढे भर होने से आने जाने में काफी परेशानी होने लगी है। बड़े वाहन आ नहीं सकते, नहर में बना पुल इतना क्षतिग्रस्त हो चुका है कि कभी भी टूट सकता है। विभाग की अनदेखी के चलते सड़क की हालत बहुत खराब हुई है मेंटेनेंस विभाग के द्वारा किया जाता तो आज सड़क चलने लायक रहती।
जबसे सड़क बनी तब से नहीं किया गया मेंटेनेंस - सोमनलाल
भमोडी निवासी सोमनलाल चौधरी ने बताया कि आज जो सड़क की हालत है वह विभाग की गलती की वजह से हुई है। यह सड़क प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के नाम से बनी है जो सीधा शहरों को जोड़ने के लिए बनाई गई है, सड़क की हालत बहुत ही खराब हो चुकी है जब से सड़क बनी है तबसे इसकी मरम्मत नहीं हो पाई है, जिसकी वजह से जगह-जगह गड्ढे हो रहा है।
कई बार शिकायत किये लेकिन विभाग नहीं दे रहा ध्यान - थानेंद्र पटले
ग्राम पंचायत भमोडी सरपंच प्रतिनिधि थानेंद्र पटले ने बताया कि सड़क पर परेशानी बहुत है पुल क्षतिग्रस्त है बड़े वाहन भी नहीं आ पा रहे हैं। आने जाने में बहुत परेशानी होने लगी है इसकी शिकायत भी हमने विभाग को कई बार कर चुके हैं लेकिन विभाग के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा सड़क बनाने के बाद में इसके मेंटेनेंस पर कोई कार्य नहीं किया गया है, यह सड़क तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के समय प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनी थी। विभाग की लापरवाही की वजह से सड़क की स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई है जनता परेशान है, यह सड़क ग्राम भमोडी चीचगांव पिपरझरी और बम्हनी को जोड़ती है। सड़क की हालत को देखते हुए ग्रामीणों और पंचायत के माध्यम से भी शिकायत की गई है लेकिन उसके बावजूद भी सड़क बनाने के लिए कोई कार्य नहीं किया गया है, शीघ्र ही इस सड़क का निर्माण कार्य नहीं किया जाता है तो आने वाले समय में ग्रामीणों के साथ उग्र आंदोलन किया जाएगा।
इनका कहना है
भमोडी सड़क के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है इसका तीन बार टेंडर फैल हो चुका है पुन एक बार टेंडर लगाया गया है, स्वीकृति मिलने के बाद सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
गजेंद्र लारिया
महाप्रबंधक
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना