बालाघाट। नगर के पावर हाउस कॉलोनी रोड़ पर स्थित दुग्ध केंद्र बालाघाट से निकलने वाले केमिकल के कारण काफी दुर्गंध उठती थी, उससे मोतीतालाब में भ्रमण के लिए आने वाले लोग भी परेशान होते थे। साथ ही पास में रहने वाले लोगो को भी बदबू के कारण परेशान होते हुए देखा जा रहा था। इस समस्या का समाधान दुग्ध केंद्र बालाघाट द्वारा निकाल लिया गया है यहां कुछ वर्ष पूर्व इटीपी इफूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है जिसके कारण दुग्ध केंद्र से निकलने वाले बायो वेस्ट का वही निपटारा किया जा रहा है जिसके कारण अब दुग्ध केंद्र पर सवाल उठने बंद हो गए है। आपको बताये कि दुग्ध केंद्र से निकलने वाले गंदे पानी की वजह से लोगों को इतनी अधिक परेशानी होती थी कि उनका सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था जिसकी शिकायत वहा आसपास रहने वाले लोगों द्वारा जिला प्रशासन को की थी और इस समस्या का समाधान करने की गुहार लगाई थी।
गंदे पानी के बहाव के लिए बनाई गई थी नाली
ज्ञात हो कि पहले दुग्ध केंद्र से रोजाना ही गंदा पानी बहते रहता था जो केमिकल युक्त होने के कारण बहुत ज्यादा इससे बदबू आती थी, वह पानी पूरा मोतीतालाब में जाता था। मोतीतालाब का पानी दूषित ना हो इसके लिए काफी आवाज उठी थी जिस पर जिला प्रशासन द्वारा यहां के गंदे पानी के बहाव के लिए व्यवस्था बनाई गई और मोतीतालाब के समीप से नाली बनाते हुए उस गंदे पानी को जंगल की ओर बहने के लिए रास्ता बनाया गया। लेकिन नाली के माध्यम से भी वह गंदा पानी बहने के कारण उससे जो दुर्गंध उठती थी उसके कारण आसपास के लोगों को परेशान होना पड़ता था।
कुछ वर्ष पूर्व लगाया गया इटीपी सिस्टम
यहां की जो समस्या थी उसका स्थाई समाधान करने दुग्ध केंद्र के पीछे ही इफूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट
लगाया गया, जिसके चलते वहां जो शोकफीट बना है उसके जरिए पूरा गंदा पानी का ट्रीटमेंट होकर वह शोकपिट गड्ढे में चले जाता है तथा वहां जो शेष ठोस मटेरियल रहता है उसे नगरपालिका के कचरा वाहन के माध्यम से फिकवा दिया जाता है। यही कारण है कि दुग्ध केंद्र की जो समस्या थी उसका समाधान निकाल लिया गया है।
इटीपी सिस्टम के कारण अब नही उठती दुर्गंध - प्रबंधक
इसके संबंध में चर्चा करने पर दुग्ध केंद्र बालाघाट की प्रबंधक माधुरी सोनकर ने बताया कि यहां से बहने वाले पानी से जो दुर्गंध उठती थी, उसके कारण लोगो को परेशानी होती थी। लेकिन जब से इफूलेंट ट्रीटमेंट प्लान लगाया गया है, तब से यह परेशानी नही है।