बालाघाट। शासन द्वारा करोड़ों रुपए स्वीकृत कर विकास कार्य कराए जाते हैं लेकिन कमीशन बाजी के चक्कर में वह कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं। पूर्व में डेंजर रोड़ बायपास मार्ग का निर्माण कार्य कराया गया उसमें यह सब उजागर भी हो चुका है और इस मामले में काफी लोगों पर विभागीय कार्यवाही भी हुई है। अब संबंधित लोक निर्माण विभाग द्वारा जो कार्य अधूरा छोड़ा गया था या जो गलतियां इस निर्माण कार्य के दौरान की गई थी उसको सुधारने का कार्य किया जा रहा है। चाहे वह डेंजर रोड का बचा हुआ निर्माण कार्य हो या पुल पुलियो का कार्य हो उस कार्य को पूर्ण किया जा रहा है, जिसका कार्य पिछले कुछ दिनों से जारी है। आपको बताये कि वैनगंगा पुल से लेकर जागपुर घाट तक बायपास रोड का निर्माण कार्य कराया गया जिसमें काफी जगह से निर्माण कार्य कंप्लीट होना शेष रह गया था, इसके कारण आवागमन करने राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। लोगों को हो रही समस्या को देखते हुए विभाग द्वारा इसकी दोबारा स्वीकृति लाई गई और नए ठेकेदार के माध्यम से उस कार्य को पूर्ण करवाया जा रहा है।
कई जगहों से रोड भी है खराब स्थिति में
डेंजर रोड़ जो कि एक दो वर्ष पूर्व ही बनी है लेकिन जहां इसका कार्य हो चुका है वहां भी यह रोड दयनीय स्थिति में नजर आ रही है। कई जगह से डामर रोड उखड़ चुकी है तथा भारी वाहनों के जाने के कारण यह सड़क उखडऩे का क्रम लगातार जारी है। रोड को देखने पर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस सड़क में किस स्तर का निर्माण कार्य किया गया है। जो साफ-साफ बता रहा है कि ठेकेदार द्वारा गंभीरता के साथ गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए कार्य नहीं कराया गया तथा इसमें पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों की भी भारी लापरवाही रही, जिसका नतीजा है कि यह सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
कौन करेगा उस सड़क का सुधार
इस सड़क को देखकर यही सवाल खड़ा हो रहा है कि जहां कार्य अपूर्ण है उस जगह पर तो कार्य कराया जा सकता है लेकिन जिन जगहों में कार्य हो चुका है और वह कार्य घटिया स्तर का है उस कार्य को किस बजट से कराया जाएगा। जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार पूर्व में जो बजट स्वीकृत कराया गया था उसी में से काफी राशि बचत में होना बताया जा रहा है तथा उसी राशि से डेंजर रोड में जहां भी सड़क उखड़ रही है उन जगहो मे आगामी समय में सुधार कार्य कराए जाने की बात कही जा रही है।
पिछले कार्य से लेना होगा सबक
डेंजर रोड बायपास निर्माण में जिस प्रकार से निर्माण कार्य कराया गया था उससे विभाग को सबक लेने की आवश्यकता है तथा अभी जो निर्माण कार्य हो रहे हैं उसकी सतत मॉनिटरिंग किया जाना आवश्यक है ताकि दोबारा उसी प्रकार की गलती ना हो। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि आने वाले समय में जब गर्रा रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज का निर्माण कार्य प्रारंभ होगा तब सभी प्रकार के वाहनों के लिए यही बायपास मार्ग आवाजाही का प्रमुख माध्यम होगा।
डेढ़ करोड़ की लागत से हो रहा कार्य - अड़में
इसके संबंध में चर्चा करने पर लोक निर्माण विभाग के प्रभारी कार्यपालन यंत्री बी एस अड़में ने बताया कि पिछले ठेकेदार ने बाईपास सड़क निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा था जिसके चलते यह सड़क जगह-जगह से खराब हो रही है, इसका सुधार कार्य पूर्व में जो राशि स्वीकृत हुई थी उसी राशि से कराया जाएगा। जहां तक अभी जो निर्माण कार्य चल रहा है जो कार्य छूट गया था उनमें अभी बेरिंग कोड का कार्य चल रहा है, यह कार्य होने के बाद डामरीकरण किया जाएगा। यह कार्य नए ठेकेदार के द्वारा किया जा रहा है जो एक करोड़ 56 लाख रुपए की लागत से हो रहा है।