बालाघाट, कटंगी।  बालाघाट जिले की कटंगी तहसील के करीब आधा दर्जन गांवों में हिंसक वन्य प्राणी बाघ और तेंदुए की आमद से वन विभाग का पूरा महकमा सहम गया है। वहीं ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना है। शाम होते ही ग्रामीण अपने घरों में कैद हो जाते है और हिंसक प्राणियों को अपने घरों और मवेशियों से दूर रखने के लिए घर के सामने लाइट के साथ आग जला रहे है। शनिवार को कालीमाटी के ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते कुछ दिनों में हिंसक वन्य प्राणी ने कालीमाटी, टेकाड़ी, बोरीखेड़ा, रैयतवाड़ी, जोगाटोला, लिंगापौनार सहित अन्य दूसरे गांवों में पालतू मवेशियों को अपना शिकार बनाया है। हिंसक वन्य प्राणियों के आतंक से ग्रामीणों का दिन में चैन सुकून और रातों की नींद उड़ी हुई है। वनांचल के लोगों की मानें तो वे दिन किसी तरह से तो गुजार लेते हैं लेकिन रात होते ही उनके घरों के सामने बंधे पालतू मवेशियों पर हिंसक प्राणियों के हमले का डर सताते रहता है। हिंसक वन्य प्राणियों से अपनी जान की सलामती के लिए लोगों ने सामने छप्पर में सोना बंद कर दिया है।
कालीमाटी के सरपंच उमेन्द्र चौधरी ने बताया कि तीन दिन पहले ही पंचायत भवन के पीछे वन्य प्राणी बाघ को देखा गया। यहां दिन-दहाड़े बाघ ने बकरी का शिकार कर लिया। फलस्वरूप अब लोग रात की बजाए दिन में भी सुरक्षा की दृष्टि से सूनसान इलाकों में जाने से बच रहे हैं। ग्रामीणों का मानना हैं कि जब तक इन हिंसक वन्य प्राणियों का यहां से गमन नहीं हो जाता तब तक इस क्षेत्र में इनके हमले की आशंका बरकरार है। ऐसी स्थिति में वे किसी भी सूरत में जान जोखिम में डालकर कोई काम नहीं करना चाहते। ग्रामीणों ने जंगल के किनारे मवेशियों को चराने के लिए ले जाना बंद कर दिया है। ग्रामीण खेतों में ही मवेशी चरा रहे है लेकिन यहां भी वन्य प्राणी ने पालतू मवेशियों को अपना शिकार बनाया है।
प्रमिला चौहान नाम की महिला ने बताया कि गांव में भैंस, गाय, बैल, बकरी, बोदा, पालतू श्वान सहित आवारा श्वानों को वन्य प्राणियों ने अपना शिकार बनाया है। ग्रामीण पूरी तरह से इस बात की पुष्टि नहीं कर पाए है कि शिकार करने वाला हिंसक वन्य प्राणी बाघ है या फिर तेंदुआ। ग्रामीण बताते है कि कुछ लोगों ने पीली धारी वाला हिंसक प्राणी देखा तो किसी ने काले धब्बे वाला। ग्रामीणों की इन बातों को सुनने पर ऐसा लगाता है कि इन गांवों में बाघ और तेंदुए का आतंक है। मगर, सरपंच ने एक गाय के शिकार की तस्वीर दिखाई। तस्वीर में शिकार की प्रवृति देखने पर ऐसा लगा रहा है कि बाघ ने शिकार किया है। ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग के कर्मचारी शिकार की घटनाओं के बाद गांव में आते है पंचनामा की कार्रवाई करते है और समझाइश देकर चले जाते है। ग्रामीण यह भी बताते है कि अब तक विभाग का कोई बड़ा अफसर संज्ञान लेने के लिए नहीं पहुंचा है।
जैसा कि ग्रामीण बताते है हिंसक वन्य प्राणी घर के सामने कोटे में बंधे मवेशियों को भी घरों के सामने से उठाकर ले जा रहे है। जिससे शाम में अंधेरा होते ही घर से बाहर निकलने में डर लगता है। शाम के वक्त तहसील मुख्यालय कटंगी और टेकाड़ी स्कूल जाने वाली छात्राएं बताती है कि अभी ठंड के मौसम में जल्दी अंधेरा हो जाता है। ऐसे में हिंसक वन्य प्राणी कहीं हमला ना कर दें इस बात से वह हमेशा ही भयभीत होकर अपने घर के तरफ लौटती है।
इनका कहना है
हिंसक वन्य प्राणी ने कालीमाटी, टेकाड़ी, बोरीखेड़ा, रैयतवाड़ी, जोगाटोला, लिंगापौनार सहित अन्य दूसरे गांवों में पालतू मवेशियों को अपना शिकार बनाया है। जिससे इन गांवों के लोगों में भय का महौल है। वन विभाग को तत्काल उचित कदम उठाना चाहिए।
सरपंच उमेन्द्र चौधरी
गांव में भैंस, गाय, बैल, बकरी, बोदा, पालतू श्वान सहित आवारा श्वानों को वन्य प्राणियों ने अपना शिकार बनाया है। शाम होने पर घर से बाहर निकलने में डर लगता है।
प्रमिला चौहान ग्रामीण
24 नवंबर को मेरा बेटा खेत में मवेशी चराने के लिए गया था जहां हिंसक वन्य प्राणी ने हमला कर भैंस का शिकार कर लिया। वन विभाग को सूचना दी प्रकरण बनाया है लेकिन गांव में तो डर का माहौल बना हुआ है।
मूलचंद तुरकर ग्रामीण
मेरी दो बकरियों को हिंसक वन्य प्राणी ने अपना शिकार बनाया। गांव में इतना डर का माहौल है कि लोग सुबह भी सुनसान इलाकों में नहीं जा पा रहे है। शाम में घर से निकलना मुश्किल हो गया है।
प्रभुदयाल सहारे ग्रामीण