कटंगी। ट्रैक्टरों की तेज रफ्तार बन रही काल, पुलिस और प्रशासन नहीं लगा पा रहा ब्रेक-
कटंगी। सोमवार को करीब साढ़े 12 बजे के आस-पास कटंगी-बालाघाट मुख्य सड़क मार्ग पर उमरी और अगासी के बीच बोपली की तरफ जाने वाले सड़क रास्ते के सामने रेत से भरे ट्रैक्टर की टक्कर से बाइक सवार करीब 15 वर्षीय बालक की उपचार के दौरान जिला अस्पताल पहुंचने पर मौत हो गई. बता दे कि बालक रूपेश पिता मानसिंह भगत कोसमी निवासी गांव रिश्ते की बुआ सुशीला पति राधेश्याम पटले को उपचार करने के लिए कटंगी की तरफ लेकर आ रहा था। इस दौरान बोपली की तरफ जाने वाले रास्ते सामने तेज रफ्तार ट्रैक्टर के चालक ने लापरवाही पूर्वक बाइक को टक्कर मार दी। सड़क हादसे में बालक के सिर पर गहरी चोट आई। जिसके बाद घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने 108 को सूचना दी लेकिन एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच पाने की जानकारी मिली। ऐसे में अगासी निवासी शेखर तुरकर और कोसमी निवासी सरोज बिसेन ने मानवता और जागरूकता का परिचय देकर घायलों को अपने वाहन से तत्काल सरकारी अस्पताल कटंगी पहुंचाया जहां बालक को प्राथमिक उपचार देने के बाद हालत गंभीर होने पर खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर पंकज दुबे ने जिला अस्पताल बालाघाट रेफर कर दिया जहां बालक की मौत हो गई। इस घटना के बाद पुलिस ने ट्रैक्टर को जब्त कर पुलिस अभिरक्षा में ले लिया है। बताया जा रहा है की घटना के बाद स्थानीय लोगों के द्वारा टै्रक्टर चालक से मारपीट भी की जिससे चालक को भी चोट आई है ट्रैक्टर नंदलेसरा निवासी भीमकर बोरकर का बताया गया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
तेज रफ्तार से हो रहे आए दिन हादसे
गौरतलब हो कि शहर में यातायात अनियंत्रित होने के कारण चालक लापरवाही पूर्वक तेज रफ्तार से वाहनों को दौड़ा रहे हैं इससे आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। शहर हो या फिर ग्रामीण अंचल यहां तेज रफ्तार ट्रैक्टर चालकों की मनमानी से सभी परेशान है। खासतौर से रेत का वैध और अवैध दोनों ही तरीकों से रेत का परिवहन करने वाले ट्रैक्टर सड़क पर चलने वाले लोगों के दुश्मन बने हुए है। ऐसा नहीं की इस बात की जानकारी पुलिस प्रशासन को नहीं है। पुलिस भी इस बात को वाकिफ है लेकिन इन तरह नियमों को ठेंगा दिखाकर सरपट सड़क पर वाहन दौड़ाने वाले चालकों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। यहीं हाल तेज रफ्तार डंपरों का भी है आबादी वाले क्षेत्र में भी रेत से भरे इन वाहनों की स्पीड पर कोई अंकुश नहीं रहता है। ट्रेक्टर और डंपर चालक अपनी ही धुन में वाहनों को दौड़ाते हुए चलते है और घटनाओं के बाद वाहनों को मौके पर छोड़कर फरार हो जाते है। बताया जाता है कि कई टै्रक्टर चालकों के पास तो लाइसेंस तक नहीं होते बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण वह बेखौफ होकर वाहन चलाते है।
नाबालिक दौड़ा रहे वाहन
इस तरह की घटनाओं का एक दूसरा पहलु यह भी है कि सड़कों पर नाबालिक भी वाहन दौड़ा रहे है पुलिस लगातार अभिभावकों को जागरूक कर नाबालिकों को वाहन ना चलाने देने की अपील करती है लेकिन बच्चों की जिद के आगे अभिभावक कमजोर दिखाई देते है और नाबालिक को वाहन थमा देते है नतीजा इस तरह के हादसे सामने आते है। कटंगी शहर और ग्रामीण अंचलों की बात करें तो आजकल स्कूली विद्यार्थी भी बाइक और कार लेकर स्कूल पहुंच रहे है। अभिभावक स्वयं अपने बच्चों को ऐसा करने से नहीं रोक पा रहे है और यातायात नियमों का सही ज्ञान नहीं होने के कारण हादसों का शिकार हो रहे है।
महज खानापूर्ति बना हेलमेट चेकिंग अभियान
दरअसल, समय-समय पर वरिष्ट अधिकारियों के निर्देशन पर यातायात सप्ताह के दौरान या कुछ खास मौके पर पुलिस और यातायात विभाग हेलमेट चेकिंग अभियान चलाती है और लोगों को हेलमेट पहनने के लिए जागरूक करती है जो हेलमेट का उपयोग नहीं करते है उनसे जुर्माना वसूल किया जाता है परंतु इस तरह की कार्रवाई अब तक तो केवल खानापूर्ति ही साबित होती आई है। जागरूक जनों को मानना है कि पुलिस को सतत एक अभियान चलाकर हेलमेट ना पहनने वाले, नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने देने वाले अभिभावकों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई करनी चाहिए तभी हेलमेट पहनने की आदत दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बन पाएगी और बाइक चालक घर से निकलने पर हेलमेट पहनकर निकलने की आदत बना पाएगा।