बालाघाट। जिला अस्पताल किसी न किसी विषय को लेकर चर्चा में बना रहता है यहां की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। पिछले कुछ दिन पूर्व ही आईसीयू के मशीनों को ऑपरेट नहीं किए जाने का मामला सामने आया था वहीं अब ट्रामा सेंटर में पैसा लिए बगैर ऑपरेशन नहीं किए जाने का मामला सामने आया है। हाल ही में ट्रामा सेंटर में मामला सामने आया जिसमे लोगो द्वारा आरोप लगाए जा रहे है कि ट्रामा सेंटर में सीजर आपरेशन करने के लिए पैसे लिए जाते है। ट्रामा सेंटर में यह अनिवार्य होने की बात लोगो के संज्ञान में आने पर राशि की व्यवस्था करवाते हुए लोगो को देखा गया है। बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल में प्रसूति ऑपरेशन करने के लिए यह सबसे अनिवार्य में लिया जाता है। यह भी बात सामने आती हैं कि डॉक्टर द्वारा पैसे की मांग नहीं की जाती तो फिर मरीज के परिजनों द्वारा आखिर पैसे किसे दिए जाते हैं क्योंकि यहां सीजर ऑपरेशन के लिए पैसा दिए जाने की बात कई वर्षों से सामने आ रही है। यह विषय जिला अस्पताल के अधिकारियों के संज्ञान में होता है इसके बावजूद भी उनके द्वारा इस पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती।
सिविल सर्जन दबड़गांव के रहते व्यवस्था बदहाल
आपको बताये कि जिला अस्पताल में जब से डॉक्टर संजय दबड़गांव पदस्थ हुए हैं तब से यहां की व्यवस्था और ज्यादा बदहाल हो चुकी है। कर्मचारी डॉक्टर अपनी मनमर्जी से कार्य करते देखे जाते हैं। यदि ट्रामा सेंटर में सीजर ऑपरेशन करवाने रुपए लिए जाने की बात कहीं जाती है तो फिर सिविल सर्जन द्वारा उस पर गुप्त रूप से कर्मचारी लगाकर उसे बंद क्यों नहीं किया जाता। पैसे लिए जाने की ज्यादा शिकायते पिछले 6 माह से ही ज्यादा क्यों आ रही है इस ओर जिला प्रशासन को भी ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है ताकि ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
सिविल सर्जन कह रहे नहीं देना चाहिए पैसे
इस विषय पर जब मीडिया कर्मियों द्वारा सिविल सर्जन डॉक्टर संजय दबड़गांव से पूछा गया तो उनके द्वारा बयान दिया गया कि मरीज के परिजनों द्वारा पैसे नहीं दिए जाने चाहिए, यह बयान कहीं न कहीं हास्यास्पद ही लगता है। ट्रामा सेंटर में सीजर ऑपरेशन के लिए पैसे दिए जाने जैसी कोई बात होनी ही नहीं चाहिए, क्योंकि यह सरकारी अस्पताल है। यदि यह आरोप लग रहा है तो यह कहीं न कहीं जिला अस्पताल प्रबंधन की नाकामी है जिसके कारण इस प्रकार के आरोप लग रहे हैं।
आईसीयू वार्ड की मशीनों को ऑपरेट करने की समस्या
पिछले दिनों यह मामला भी सामने आया था कि जिला अस्पताल में आईसीयू वार्ड तो है लेकिन उसे ऑपरेट करने के लिए तकनीकी कर्मचारी नहीं है। जिसके कारण मरीजो को इसका सही लाभ नहीं मिल पा रहा है, इस पर भी जिला अस्पताल के जिम्मेदार द्वारा कहा जाता है कि ऑपरेट करने के लिए कर्मचारी नहीं है। जिला अस्पताल में पूर्व में जो सिविल सर्जन थे उनके द्वारा बखूबी पूरी व्यवस्थाओं का संचालन किया जा रहा था फिर अभी यह क्यों अव्यवस्था निर्मित हो रही है, इस ओर जिला प्रशासन को ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।