बालाघाट। घटनाओं से भी सबक नहीं ले रहे जिम्मेदार
तूफान और बारिश में कभी भी ढह सकती है इमारतें
नगर की निजी सहित सरकारी इमारतें भी हो गई जर्जर
बालाघाट। शहर में ऐसी कई पुरानी इमारतें हैं जो जर्जर हो चुकी हैं और धराशाही होने की कगार पर है। स्वयं नगरपालिका प्रशासन भी ऐसे कुछ भवनों को चिन्हित कर चुकी है लेकिन इन्हें डिसमेंटल करने की फुर्सत नपा को नहीं मिल रही है। हाल ही में हुई बारिश में वार्ड नंबर 10 रजा नगर का एक जर्जर मकान धराशाही भी हो चुका है। ऐसी दर्जनों घटनाएं घटित हो चुकी है। बावजूद इसके जिम्मेदार इन घटनाओं से भी सबक नहीं ले रहे हैं। ना जर्जर भवनों को डिसमेंटल किया जा रहा है, न ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।
कल्पना लांज तीन दशक पुरानी
शहर की हनुमान चौक स्थित कल्पना लॉज करीब तीन दशक पुरानी है। इसमें नीचे वर्तमान में चाय-पान दुकान, सोसायटी इत्यादि संचालित की जा रही है। बारिश के मौसम में भवन की छत से पानी टपकता है। इसके अलावा मरम्मतीकरण के अभाव में यह बिल्डिंग जर्जर हो रही है। इस इमारत को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कभी भी धराशाही हो सकती है।
वेटनरी कॉलोनी की हालत बदहाल
शहर के आकाशवाणी समीप वेटनरी कॉलोनी में स्थित शासकीय क्वाटरों की हालत बदहाल है। मकान काफी पुराने होने से जर्जर हो गए है, जो तेज व लगातार बारिश में कभी भी गिर सकते हैं लेकिन इस दिशा में जिम्मेदार उदासीन बने हुए हैं। बारिश होने पर भवन में पानी टपकने के साथ सीलन आ जाती है। इन मकानों में रहने वाले परिवारों को हादसे का डर सताता रहता है।
यात्री प्रतीक्षालय हो चुका जर्जर
शहर के बस स्टैंड स्थित शासकीय यात्री प्रतीक्षालय की बिल्डिंग की जर्जरता की पोल, पीछे से देखने पर खुलती है। तत्कालीन कलेक्टर बी चंद्रशेखर के सख्ती दिखाने पर नपा ने इसमें रंग-रोगन कार्य तो करवाया था। नपा में बस स्टैंड के सौंदर्यीकरण किए जाने प्रस्ताव पारित हो गया है। यात्री प्रतीक्षालय को भी तोड़ा जाना है। लेकिन बारिश के पूर्व इसे धराशाही या फिर मरम्मती नहीं किया गया। यह प्रतीक्षालय भवन इस बारिश में कभी भी गिर सकता है और भीड़भाड़ वाला इलाका होने के चलते इस हादसे में भारी जान माल का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
एमपीईबी कॉलोनी के मकान खंडहर जैसे
ऐसी ही जर्जर बिल्डिंगों में सुमार शहर के डेंजर रोड स्थित एमपीईबी कॉलोनी है। बिजली कर्मचारियों के रहने के लिए बनाई गई इस इमारत में करीब दो दर्जन से अधिक फ्लेट बनाए गए है लेकिन इसमें सिर्फ चार से पांच परिवार ही रह रहे हैं। इस इमारत के फ्लेट भी काफी जर्जर हो चुके हैं। इस कारण इनमें कोई रहना पसंद नहीं करता। यहां रह रहे परिवार भी भय के साए में गुजर-बसर रहे हैं। पास जाकर देखने पर यह इमारत किसी खंडहर जैसी दिखाई देती है।
नपा स्कूल की हो गई लाइफ खत्म
गोंदिया रोड स्थित उत्कृष्ट विद्यालय के सामने 100 वर्ष पूर्ण करने वाला नपा स्कूल की भी लाइफ खत्म हो चुकी है। इस भवन को गिरकर वहां नई इमारत बनाने की योजना नगर पालिका ने पूर्व में बनाई। इस स्कूल को ढहाकर पक्की और मजबूत आकर्षक बिल्डिंग बनाने का प्रस्ताव भी नपा में पारित किया गया, लेकिन प्रस्ताव पारित होने को लंबा समय बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं हो सका और जिम्मेदारों ने इस पर ध्यान देना भी बंद कर दिया। अब इसी भवन में स्कूल लग रहा है। जबकि यह बिल्डिंग 100 वर्ष से भी अधिक पुरानी है। जो कभी भी धराशाही हो सकती है। जिसमें भारी जान माल का नुकसान उठाना पड़ सकता है, लेकिन इस पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
पूर्व में चिन्हित किए गए भवनों का क्या हुआ
बता दें की इसके पूर्व के नपा कार्यकाल में नगर पालिका ने नगर में एक सर्वे कर पुरानी और जर्जर बिल्डिंगे चिन्हित किया था। चिन्हित किए गए सभी भवनों के जिम्मेदारों को नोटिस जारी किया गया। लेकिन नोटिस जारी करने के बाद क्या किया गया। इसकी जानकारी भी किसी को नहीं है और उन जर्जर भवनों में आज भी कार्य पूर्व की तरह चल रहा है। कुल मिलाकर कहा जाए तो जिम्मेदारों का इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं है और वे किसी बड़े हादसे की राह ताक रहे हैं।
इनका कहना है
शहर में कई सरकारी व निजी इमारते हैं, जो जर्जर हो चुकी है। जिन्हें सुधारा नहीं जा सकता या उनकी मरम्मत नहीं की जा सकती। उन्हें डिस्मेंटल करना ही पड़ेगा। कई शासकीय इमारतें भी है, जो जीर्ण शीर्ण हो चुकी है। नपा ने पिछले समय जर्जर इमारतों भवनों की सूचना एकत्र की थी। लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
अनिल सोनी, पूर्व उपाध्यक्ष नपा
यह बात सच है कि नगर में कई भवन जर्जर है जिनका नवीनीकरण किया जाना आवश्यक है। नपा स्कूल भवन 100 वर्ष की अवधि पूर्ण कर चुका है उसका पुनर्निर्माण किया जाना है। इसके अलावा सिविल लाइन में कुछ मकान है, जिनका नवीनीकरण का काम शुरू है। बस स्टैंड पुराने यात्री प्रतीक्षालय की बिल्डिंग में नया भवन, शॉपिंग काम्पलेक्स आदि का निर्माण कराया जाएगा। प्राथमिक तौर पर आदिवासी छात्रावास, नपा स्कूल और बस स्टैंड की जर्जर बिल्डिंग को गिरा कर उसका नवीनीकरण का कार्य सबसे पहले किया जाएगा।
भारती ठाकुर, अध्यक्ष नपा बालाघाट