बालाघाट। हाल ही में जो पंचायत सचिवों के ट्रांसफर किए गए उसको लेकर काफी सवाल खड़े हो रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष सहित जनपद सदस्यों ने इस ट्रांसफर प्रक्रिया पर सवाल उठाया है। जिला पंचायत अध्यक्ष सम्राट सरस्वार ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि आगामी चुनाव को देखते हुए अपनी मनमर्जी से बालाघाट विधायक गौरीशंकर बिसेन एवं विधायक व मंत्री रामकिशोर कावरे द्वारा ट्रांसफर कराए गए हैं। सचिव ट्रांसफर प्रक्रिया में पूरी तरह से भ्रष्टाचार है यह आरोप जिला पंचायत अध्यक्ष सम्राट सरसवार ने अपने निज निवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान लगाते हुए बताया कि पंचायत सचिव का ट्रांसफर सात आठ माह पहले हुआ है उनका तक ट्रांसफर कर दिया गया। कई पंचायते ऐसी है जिनमें सचिव ही नहीं है इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से जनपद अध्यक्ष उपाध्यक्ष द्वारा की गई लेकिन उस पर कुछ नहीं हो रहा है इसकी शिकायत वरिष्ठ स्तर पर होनी चाहिए। श्री सरस्वार ने यह भी कहा कि शासन द्वारा विकास पर्व मनाया जा रहा है इसके जनपदों से लेटर जारी हुए हैं ग्राम पंचायतों में जो भी कार्य हुए उसका भूमिपूजन होना है, बड़े दुख की बात है जिला पंचायत अध्यक्ष जनपद अध्यक्ष एवं सदस्यों को इसकी खबर भी नहीं पहुंचाई गई। विकास पर्व की लिस्ट देखी गई उसमें मंडल अध्यक्ष का नाम प्रमुख अतिथि के रूप में शामिल किया गया यहां तक कि लांजी में पूर्व विधायक का नाम भी डाल दिया गया लेकिन वर्तमान विधायक का नाम अतिथि के रूप में शामिल नहीं किया गया जो प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। ऐसा लगता है भाजपा के पास बताने के लिए कुछ नहीं है इसलिए कांग्रेसियों द्वारा कराए गए कार्यों पर कब्जा करते हुए वाहवाही लेने का प्रयास किया जा रहा है इसकी शिकायत चुनाव आयोग की जाएगी। जिस प्रकार से हो रहा है ऐसा लगता है यह सरकार जनप्रतिनिधियों का सम्मान करना भूल गई।
दबाव में कार्य कर रहे अधिकारी
जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा लिल्हारे ने बताया कि स्कूल चले हम का कार्यक्रम पूरे प्रदेश में चल रहा है यह दुख हो रहा है जिला पंचायत उपाध्यक्ष शिक्षा समिति का अध्यक्ष होता है लेकिन उसे स्कूल चले हम के कार्यक्रम में शामिल नहीं किया गया, यहां तक की कोई खबर तक नहीं दी गई। 15 तारीख को कलेक्टर कार्यालय में स्कूल चले हम के कार्यक्रम को लेकर वीसी आयोजित की गई थी जिसमें कलेक्टर जिला पंचायत सीईओ जिला शिक्षा अधिकारी डीपीसी के अलावा शिक्षा समिति के अध्यक्ष को होना था लेकिन उस वीसी में जिला पंचायत उपाध्यक्ष की जगह सत्यनारायण अग्रवाल को शामिल किया गया। इसमें यह सवाल खड़ा होता है जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कौनसे प्रोटोकॉल के तहत भाजपा जिलाध्यक्ष सत्यनारायण अग्रवाल को शिक्षा समिति के अध्यक्ष के रूप में बिठाया गया। हमने इस कार्यक्रम के लिए हट्टा के स्कूल को चयनित किया था लेकिन किसी के भी द्वारा उन्हें फोन कर सूचना नहीं दी गई, ऐसा लग रहा है अधिकारियों से दबाव में कार्य करवाया जा रहा है।
होना चाहिए गणवेश वितरण की जांच
जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा लिल्हारे ने स्कूलों में किए गए गणवेश वितरण को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि गणवेश वितरण में भ्रष्टाचार किया गया है। बहुतायत गणवेश बच्चों को फिट नहीं आ रहे हैं यही कारण है कि शिक्षा समिति की बैठकों में उन्हें नहीं बुलाया जा रहा है इसकी अच्छे से जांच होना चाहिए। जांच में यह देखा जाना चाहिए स्व सहायता समूह के पास फंड गया या नहीं गया। अगर यह फंड गया तो सिलाई कार्य कहां किया गया, इसकी अच्छे से जांच की जाए तो कई राज एवं खुलासे सामने आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यहां के विधायक द्वारा शहर के ड्रेनेज सिस्टम पर ध्यान देना चाहिए लेकिन यह न करते हुए चुनाव को देखते हुए जनता को दिग्भ्रमित करने मेडिकल कॉलेज का लॉलीपॉप दिया जा रहा है। पत्रकारवार्ता के दौरान मौजूद जनपद सदस्य भुरू पटेल एवं कांग्रेस नेता अजय अवसरे ने भी अपने विचार रखते हुए सचिवों के ट्रांसफर प्रक्रिया को गलत करार दिया।