बालाघाट। नगर में स्थित जिला अस्पताल जहां जिले भर के मरीज अपना उपचार कराने के लिए भर्ती होते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से यहां जिला प्रशासन द्वारा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं लेकिन वह समय पर काम नहीं आ रहे हैं यह कहे की उपयोगी साबित नहीं हो रहे। यह जानकारी तब सामने आई जब जिला अस्पताल में पहुंचे एक व्यक्ति का रुपयों से भरा थैला वार्ड में ही छूट गया, जब उस थैले की खोजबीन करने सीसीटीवी फुटेज देखने का प्रयास किया गया तो जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड के सीसीटीवी कैमरे बंद मिले। इस वाकये से जिला अस्पताल प्रबंधन की बहुत बड़ी लापरवाही सामने आई है, सीसीटीवी कैमरे इसी मंशा से लगाए गये हैं कि यदि किसी प्रकार का घटनाक्रम जिला अस्पताल में हो जाए उस दौरान सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से वार्ड की वास्तविकता उजागर हो जाए लेकिन सीसीटीवी फुटेज बंद होने से शासन की यह मंशा भी साकार नहीं हो पा रही है। आपको बताएं कि रविवार 14 जनवरी को बैहर चौकी निवासी जमील खान अपने बच्चे को इंजेक्शन लगवाने के लिए जिला अस्पताल पहुंचे थे। इंजेक्शन लगाने के दौरान बच्चे के रोने पर उन्हें समझाने के समय उन्होंने अपने बैग को समीप बेड पर रख दिया था और वह थैले को भूलकर घर चले गए थे। जैसे ही उन्हें याद आया तो वह तुरंत ही जिला अस्पताल पहुंचे लेकिन वहां से वह बैग गायब हो चुका था। जिला अस्पताल में बैग के संदर्भ में पूछताछ करने पर भी वह बैग नहीं मिला, जिसके बाद इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी गई। पुलिस द्वारा बैग की तलाश करने का प्रयास किया गया लेकिन सर्जिकल वार्ड के एक सीसीटीवी कैमरे को छोड़कर बाकी सभी कैमरे बंद मिले। इस घटना ने जिला अस्पताल के व्यवस्था की पोल खोलकर रख दिया है। बताया जा रहा है कि उस बैग में करीब 1 लाख रुपए रखे हुए थे जो कि किसी जरूरी काम के लिए रिश्तेदारों से मांग कर इकट्ठा किया गया था।
जिला अस्पताल की व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
आपको बताएं कि विगत 1 वर्ष से आए दिन किसी न किसी विषय को लेकर जिला अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़े होते रहते हैं। पिछले दिनों ही ट्रामा सेंटर में प्रसूति करने पहुंचे महिलाओं के परिजनों से पैसे लिए जाने का गंभीर आरोप लगाया गया था लेकिन इस मामले में भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा इस मामले को भी खटाई में डाल दिया गया है। यही नहीं ऐसे कई प्रकार के आरोप लगते रहते हैं साथ ही व्यवस्थाओं को लेकर भी सवाल उठते हैं इसके बावजूद भी जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा इस पर विराम लगाने प्रयास नहीं किया जा रहा हैं।
इस लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार
जहां भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाते हैं इसकी मॉनीटरिंग करने के लिए संस्था द्वारा किसी न किसी को अप्वॉइंट किया जाता है जिसकी जवाबदारी होती है कि वह सीसीटीवी कैमरे की सतत निगरानी करें। यदि जिला अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे बंद है तो इसकी मॉनिटरिंग करने वाले कर्मचारियों की यह जवाबदारी थी कि वह सीसीटीवी कैमरे बंद होने की सूचना अपने अधिकारी को देते। अगर यह लापरवाही नहीं की जाती और सीसीटीवी कैमरे चालू होते तो जिस व्यक्ति का बैग गायब हुआ है उस व्यक्ति को तलाशने में पुलिस प्रशासन को काफी मदद मिलती।
सीसीटीवी कैमरे बंद होने की जानकारी नहीं है - डॉक्टर संजय दबड़गांव
इसका संबंध में चर्चा करने पर सिविल सर्जन डॉक्टर संजय दबड़गांव ने बताया कि जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में सीसीटीवी कैमरे बंद होने की उन्हें जानकारी नहीं है, अगर इस प्रकार का है तो कैमरे वाले को बुलाकर चेक करवाएंगे।