बालाघाट। जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूरी एशिया की सबसे बड़ी खदान भरवेली मॉयल में शुक्रवार की रात्रि में एक हादसे हुआ जहां वहां काम कर रहे दो ठेका श्रमिकों की मौत हो गई। शुक्रवार की रात करीब 11 बजे ब्लास्टिंग के लिए, ड्रिलिंग करने के दौरान चट्टान, सर पर गिरने से यह हादसा हुआ। जानकारी अनुसार मायल की अंडरग्राउंड माइंस के 13.5 लेवल उत्तर पर काम कर रहे दो श्रमिकों की पत्थर के मलबे में दबने से दर्दनाक मौत हो गई। श्रमिक ड्रिलिंग का काम कर रहे थे, तभी चट्टान खसक गई। हादसे में ग्राम भजियापार कटंगी निवासी खिलेश उइके उम्र 37 वर्ष और बालाघाट निवासी मजहर बेग उम्र 35 वर्ष की मौत हो गई। 
मृतकों पर थी परिवार की जिम्मेदारी
मिली जानकारी के अनुसार हादसे में मजदूरों की मौत हो गई वहीं मृतकों के ऊपर अपने-अपने परिवार की जिम्मेदारी थी। उनके बच्चों की उम्र एक से 12 साल के बीच है, जिनके सिर से अब पिता का साया उठ गया है। स्वजन सदमे में हैं और न्याय की गुहार लगा रहे हैं। 
जिला अस्पताल में चलता रहा हंगामा
शनिवार को जिला अस्पताल में नाराज परिजन मुआवजे की मांग को लेकर देर तक अड़े रहे। स्थिति तनावपूर्ण बनती देख पुलिस अधिकारी, एसडीएम सहित भरवेली, नवेगांव और कोतवाली का पुलिस अमला मौजूद रहा। बताया गया कि दोनों मृतक ठेका श्रमिक थे, जो शुक्रवार को रात्रि पाली में काम कर रहे थे। मजहर बेग श्री गणेश इंटरप्राइजेस और खिलेश एके इंटरप्राइजेस कंपनी में श्रमिक थे। घटना के बाद एक बार फिर भरवेली मायल में श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर खान प्रबंधन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। 
मॉयल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का विधायक ने लगाया आरोप 
वहीं मामले की जानकारी लगते ही विधायक अनुभा मुंजारे जिला अस्पताल पहुंची और इस घटना के पीछे मायल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रबंधन द्वारा श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। वहीं आगे कहा कि उन्होंने मृतकों के परिजनों व अन्य श्रमिकों से चर्चा की है। उन्होंने बताया कि मायल में श्रमिकों को या तो सुरक्षा उपकरण नहीं मिलते और जो मिलते हैं, वह निम्न स्तरीय होते हैं। मृतक मजहर बेग के मामा अब्दुल रफीक खान ने आरोप लगाया कि खदान में श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं हैं। आरोप है कि मृतक अकुशल श्रमिक थे, जिन्हें खदान की सबसे अधिक गहराई वाले लेवल पर भेजा गया था।
एक करोड़ से पांच लाख पर आई मुआवजे की मांग 
जिला अस्पताल में सुबह से गहमा-गहमी का माहौल रहा। परिजनों ने परिवार को पहले एक-एक करोड़ रुपये मुआजवा देने की मांग की। इसे लेकर अधिकारियों ने नियमों का हवाला देते हुए इसे असंभव बताया। इसके बाद 50 लाख रुपये की मांग की गई। विधायक के पहुंचने के बाद मांग दस लाख रुपये तक आ गई। अंतत: मायल के संयुक्त महाप्रबंधक आरके सिंह ने परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये तत्काल सहायता के रूप में देने की घोषणा की। हालांकि, ये राशि भी किस्तों में दी जाएगी। मौके पर परिजनों को तीन लाख दिए गए और सप्ताहभर बाद दो लाख रुपये देने की बात कही गई। इसके अलावा परिजनों को एम्प्लाइ कम्पनसेशन एक्ट व भविष्य निधि के तहत नियमों के अनुसार राशि प्रदान की जाएगी।
इनका कहना है
घटना बहुत दुखद है। परिजनों को कम्पनसेशन एक्ट के अलावा पांच-पांच लाख रुपये की राशि दी जा रही है। परिवार को हर माह पेंशन मिलेगी। ड्रिलिंग के दौरान मलबा गिरने से दो श्रमिकों की मृत्यु हुई है। मायल में सुरक्षा के हर मापदंडों को अपनाया जाता है। आने वाले समय में सुरक्षा को और सुदृढ करेंगे। 13वें लेवल को डीजीएमएस द्वारा बंद कराने और उत्पादन के लिए इसे शुरू करने की बात भ्रामक और गलत है। 
आरके सिंह
संयुक्त महाप्रबंधक
भरवेली मॉयल