बालाघाट। बारिश होते ही आवागमन हुआ बंद
बालाघाट। सरकार या जनप्रतिनिधि विकास के कितने भी दावे कर ले लेकिन विकास सिर्फ शहरी स्तर पर ही नजर आता है। कई गांव ऐसे हैं जो विकास से अछूते बने हुए है। बालाघाट जिले में लांजी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला 1 गांव ऐसा भी है जहां आज तक पक्की सड़क नहीं बनी है, उसके आसपास जितने भी ग्राम है उनमें पक्की सड़क बन चुकी है लेकिन इस ग्राम में आज तक पक्की सड़क नहीं बनी जिसके चलते ग्राम घंसा का निमटोला विकास से कोसों दूर है। यहां तक की सड़क नहीं बनने से ग्राम निमटोला टेकेपार के लोग ना ही अपने ग्राम पंचायत में जा पाते, ना ही बरसात के चार माह सोसाइटी से राशन भी नहीं ला पाते। स्थिति सिर्फ इतनी ही खराब नहीं है यहां सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को होती है ग्राम पंचायत घंसा में कक्षा पहली से लेकर 10वीं तक स्कूल है लेकिन टेकेपार एवं निमटोला से आने वाले बच्चे सड़क खराब होने की वजह से यहां 4 माह तक पढऩे भी नहीं जा पाते।
जनप्रतिनिधियों ने आज तक नहीं दिया ध्यान
पिछले 50 वर्षों की ही बात करें तो कई चुनाव आए और गये, नेता एवं जनप्रतिनिधि भी बदलते गए। जो भी जनप्रतिनिधि आते हमेशा सड़क पक्की बनाने को लेकर वादे करते लेकिन वह सिर्फ चुनावी वादे तक ही सीमित रहें। टेकेपार से घंसा तक 3 किलोमीटर पक्की सड़क का वादा अभी तक अमल में नहीं लाया गया, यहां के लोग आज भी कीचड़ भरे रास्ते से चलने के लिए मजबूर है। न हीं विभागीय अधिकारी यहां की सड़क बनाने के लिए कोई कारगर कदम उठा रहे हैं ना ही जिला प्रशासन, ना ही क्षेत्रीय या जिले के जनप्रतिनिधि यहां रहने वाले लोगों की समस्या का निवारण करने ध्यान दे रहे हैं।
मुरुम का थिगड़ा लगाया वह भी काम नहीं आया
रास्ते को आवागमन के लिए सुलभ बनाने 1 सप्ताह पूर्व ही मुरुम का थिगड़ा लगाया गया था लेकिन वह मुरूम कैसा था यह तो पता नहीं लेकिन बारिश होते ही वह रास्ता कीचड़ में तब्दील हो गया है। इस रास्ते में इतना कीचड़ हो गया है कि वहां से मोटरसाइकिल का भी निकल पाना मुश्किल हो गया है। जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार ग्राम पंचायत द्वारा ही करीब 40000 रुपये की लागत से ग्राम घंसा से कटंगी के बीच कुछ जगहों में मुरूम डाला गया है वह मुरूम मिट्टी युक्त होना बताया जा रहा है, जिसके चलते वह मुरूम भी लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है।
गांव के स्कूल में नहीं करा रहे एडमिशन
इस रास्ते की मार सबसे ज्यादा स्कूली बच्चों को झेलना पड़ रहा है। कीचड़ की वजह से ग्राम निमटोला एवं टेकेपार के स्कूली बच्चे जो कि अब तक ग्राम घंसा में हाईस्कूल तक पढ़ाई करते थे लेकिन अब वह मिरिया या अन्य दूसरे स्कूलों में पढ़ाई के लिए प्रवेश लेना पसंद कर रहे है। आपको बताये कि इस समस्या का समाधान हो सकता है लेकिन इसके लिए सिर्फ क्षेत्रीय विधायक का प्रयास आवश्यक है। विधायक द्वारा यदि पुरजोर तरीके से इस विषय को जिला पंचायत के सदन में या जिला योजना समिति की बैठक में रख दिया जाए तो यह सड़क बनना मुश्किल नहीं है। अब देखना यह होगा कि इस समस्या के समाधान के लिए कौन सामने आता है क्योंकि आगामी समय में विधानसभा चुनाव होना है।