अब बहुत कम जमीन बची है वेटनरी विभाग के पास
बालाघाट।
नगर मुख्यालय में पावर हाउस कॉलोनी से लगी वेटनरी कॉलोनी में कुछ वर्षों पहले काफी जगह हुआ करती थी लेकिन वहां पर जिला प्रशासन द्वारा बहुत से निर्माण कार्य करा लिए है जिसके चलते अब विभाग के पास बहुत कम जगह बची हुई है, उस जगह को भी विभाग सवारने की ओर ध्यान नहीं दे रहा है जो विभाग के लिए चिंता का विषय हो गया है। आपको बताये कि वेटरनरी कॉलोनी में इस विभाग से जुड़े कर्मचारियों के सरकारी आवास हुआ करते थे जहां 2 दर्जन से अधिक परिवार निवास करते थे लेकिन वे मकान पूरी तरह से जर्जर एवं खंडहर में तब्दील हो जाने के चलते मात्र दो से तीन परिवार ही उस कॉलोनी में निवास कर रहे हैं बाकी सब लोगों द्वारा सरकारी आवास को खाली कर दिया गया और कोई किराए का मकान लेकर तो किसी के द्वारा नया मकान बनाकर निवास किया जा रहा है। यदि विभाग के द्वारा खंडहर में तब्दील जमीन की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो यह जमीन भी उनके हाथ से निकल सकती है इसलिए विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
नशेड़ी लोग देखे जाते हैं जर्जर कमरों के आसपास
आपको बताये कि यह जो वेटरनरी कॉलोनी है यहां दो दर्जन से अधिक परिवार निवास करते थे लेकिन सरकारी कमरों के मेंटेनेंस की ओर विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण वे शासकीय आवास कंडम होते चले गए, जिसके चलते वहां निवास करने वाले लोगों द्वारा धीरे-धीरे अपने रहने का अलग बंदोबस्त किया जाने लगा। स्थिति यह है कि करीब डेढ़ दर्जन परिवारों द्वारा वहा के सरकारी आवास को छोड़ दिया गया एवं शहर में रहने लगे हैं। शासकीय आवास पूरी तरह खाली होने के चलते अब उन खंडहर में तब्दील मकानों के इर्द-गिर्द नशेड़ी तत्व देखे जाते हैं जिससे अपराधिक घटना होने का अंदेशा बना रहता है।
बहुतायत जमीन का उपयोग कर चुका है जिला प्रशासन
यह भी बताएं कि वेटरनरी विभाग के पास बहुत सारी जमीन हुआ करती थी लेकिन उस पर तीन से चार शासकीय हॉस्टल बनाए गए हैं वही उसके बाद दो तीन शासकीय विभाग भी बना दिए गए और अब जिला पंचायत का नया भवन बनकर तैयार है। ऐसी स्थिति में विभाग के पास से काफी जमीन निकल चुकी है अब वेटरनरी विभाग के पास कुछ ही जमीन शेष है जिसका उपयोग वेटनरी विभाग चाहे तो कर सकता है।
निर्माण कार्य कराने की हो रही प्लानिंग
जो जानकारी सामने आई है इसके अनुसार खंडहर बने कमरों में किसी प्रकार की घटना न हो जाए इसको देखते हुए विभाग द्वारा वहां कुछ निर्माण कार्य कराए जाने की प्लानिंग की जा रही है। लेकिन यह सब अभी तक सिर्फ प्लानिंग में हीं है इसके लिए कोई स्वीकृति नहीं मिली है। इससे यही लग रहा है कि विभाग अपनी जमीन को संवारने के लिए उतना गंभीर नहीं है यदि शासकीय क्वार्टर ही बना दिया जाए तो कई कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकता है।
जगह का उपयोग करने प्लानिंग चल रही है - अतुलकर
इसके संबंध में चर्चा करने पर पशु चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी श्री अतुलकर ने बताया कि यह बात सही है पूर्व में जहां शासकीय आवास बने हुए थे वे मकान पूरी तरह खाली हो चुके हैं और जो जमीन हमारे पास बची हुई है उसका उपयोग करने प्लानिंग चल रही है, हाउसिंग बोर्ड द्वारा इसका निरीक्षण कर कार्ययोजना बनाई जा रही है।