लालबर्रा।  वन विकास निगम परीक्षेत्र लालबर्रा अंतर्गत जंगलों से सागौन व इमारती वृक्षों  की अवैध कटाई का सिलसिला थमने  का नाम नहीं ले रहा, रोजाना लालबर्रा परी क्षेत्र के जंगलों से अनेकों सागौन और इमारती लकड़ीया काटकर खुलेआम  परिवहन की जा रही है फिर भी वन अमला कोई अवैध कटाई को रोकने कोई प्रयास नहीं कर रहा, वन विकास निगम के जिम्मेदार अधिकारी कोई  बालाघाट में तो कोई लालबर्रा में  निवासरत है वह कहावत तो सुनी ही होगी.. आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया... जब जिम्मेदार पद में बैठे अधिकारी ही मिलो दूर से आना-जाना करेंगे और मुख्यालय से नदारद रहेंगे मतलब जंगल सून सपाट.. निगरानी के अभाव में चोरी तो होगी ही. प्रतिदिन जंगल की गस्ती  व सुरक्षा के लिए तैनात वन  कर्मी भी घर में आराम फरमाते हैं नाम मात्र की नौकरी कर रहे हैं, सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार लालबर्रा परी क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम भाण्डामुर्री के करीब कालीमाटी के आसपास से लगे कक्ष क्रमांक 399 व में दर्जनों  मोटे सागौन के वृक्षों की कटाई कर लकड़ी का परिवहन किया जा चुका है, जंगल में अनेकों ठूठ  तो दिखाई देते हैं और वन विभाग द्वारा ठूठ पर हेमर भी नहीं लगाया गया है, बढ़ते वन अपराध को रोकने के लिए वन विकास निगम लामता परियोजना की संभागीय प्रबंधक प्रतिभा अहिरवार व परीक्षेत्र अधिकारी ज्योत्सना  खोबरागडे कोई ठोस प्रयास नहीं कर रहे है जंगलों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिसके चलते अवैध कटाई जोरों पर है, रेत का अवैध उत्खनन बेखौफ जारी है, और वन सीमा से लगे क्षेत्रों में ईट भट्टों की भरमार होने के के बावजूद भी वन अपराध को अंजाम देने वाले व्यक्तियों  पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण वन माफियाओं के  हौसले बुलंद है और वन अपराध दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं।
मोटे मोटे सागौन को काटकर उड़ाया माफियाओं ने
लालबर्रा परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम भाण्डामुर्री से लगे कक्ष क्रमांक 399 व आसपास के क्षेत्रों में दर्जनों सागौन के मोटे मोटे पेड़ अवैध तरीके से काटे जा चुके है फिर भी वन विभाग को इसकी भनक न लगना और बड़ा ही चिंताजनक है और  सागौन के पेड़ों के ठूंठ पर  हेमर ना लगाना वन विभाग की लापरवाही दर्शाता है, आखिर कब रुकेगी सागौन, इमारती वृक्षों की अवैध कटाई।
लापरवाह वन अधिकारी पर हो कार्रवाई..
विश्वसनीय सूत्रों की माने तो  जिस तरीके से  प्रतिदिन जंगल से अनेकों सागौन और इमारती वृक्षों को काटा जा रहा है इससे ऐसा प्रतीत होता है कि 1 दिन जंगल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा। जंगल में हो रही अवैध कटाई पर  निचले तबके के कर्मचारियों की भूमिका अहम बताई जा रही है जानकारी तो यह भी मिली है कि कक्ष क्रमांक 399, में सागौन की अवैध कटाई के सूत्रधार चौकीदार बताए जा रहे हैं क्योंकि साहब लोग  तो जंगल रोजाना आते नहीं है, जंगल पूरा चौकीदारों के जिम्मे है कहां क्या हो रहा है यह सब पता चौकीदारों को रहने के बाद भी माफियाओं को रियायत बरती जा रही है, ऐसे लापरवाह वन अधिकारियों पर ठोस कार्रवाई हो जिससे जंगलों को बर्बाद होने से बचाया जा सके वन एवं पर्यावरण प्रेमियों ने हो रही अवैध कटाई की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है ताकि अवैध कटाई में लिप्त वन कर्मचारियों के काले कारनामों का  खुलासा हो सके  वन अधिकारी और कर्मचारी का यह दायित्व है कि वह जंगल क्षेत्रों की रोजाना निगरानी कर लगातार गस्ती करें जिससे वनों को तबाह होने से बचाया जा सके।
 वन विकास निगम के आला अधिकारी से लेकर निचले तबके के वन कर्मी भी वनों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रहे जो बहुत ही गंभीर विषय है परी क्षेत्र लालबर्रा अंतर्गत वन से सटे अनेकों ग्रामों में फर्नीचर का कार्य भी जोरों पर हैद्य क्या.. फर्नीचर बनाने वालों की भनक वन विभाग को नहीं है  जो वनों की सुरक्षा में चूक से कम नहीं,, वन विभाग हो रही अवैध कटाई पर ध्यान दें और वनों को बचाए ऐसा आग्रह वन विभाग से वन प्रेमियों ने किया है
इनका कहना है
मैं इस मामले को दिखवाती हूं
प्रतिभा अहिरवार,  संभागीय  प्रबंधक, वन विकास निगम बालाघाट