बालाघाट। आदिवासी अंचलों के किसानों से छल
न बैच नंबर न लाइसेंस, डुप्लीकेट होने की आशंका
जिले की मॉयल नगरी उकवा क्षेत्र का मामला
बालाघाट। जिले के आदिवासी अंचल परसवाड़ा क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों में किसानों को चोरी छिपे डीएपी खाद विक्रय किए जाने का मामला सामने आया है। बताया गया कि उक्त डीएपी खाद में न तो बैच नंबर लिखा गया है, न विक्रेताओं के पास कोई वैद्य लायसेंस है। ऐसे में उक्त डीएपी खाद के डुप्लीकेट होने की आशंका जाहिर की जा रही है। फिलहाल मामला कृषि विभाग के संज्ञान में नहीं आ पाया है। वहीं ग्रामींण अंचलों में बायो डीएपी नाम की खाद धड़ल्ले से किसानों को 1450 रुपए प्रति बोरी के मान से विक्रय की जा रही है। उल्लेखनीय है कि गत दिवस ही उपसंचालक कृषि राजेश खोब्रागढ़े की टीम ने वारासिवनी अंतर्गत बिठली गौशाला में छापामार कार्रवाई कर प्रोमो ब्रांड के डीएपी की 07 बोरियां एवं बायो डीएपी की 04 बोरियां जब्त की गई है। वहीं उकवा क्षेत्र के ग्रामों में भी बायो डीएपी नाम की खाद किसानों को बेची जा रही है। ऐसे में जिलेभर में इस तरह की खाद का बड़ी मात्रा में कारोबार किए जाने की बात कही जा रही है।
पड़ताल में सामने आई जानकारी
किसानों की जानकारी दिए जाने के बाद मौके पर जाकर जानकारी ली गई। इस दौरान समनापुर निवासी सालिकराम बिसेन के यहां पर जनसेवा समिति ग्राम लड़सडा वारासिवनी से करीब 50 बोरी यह बायो डुप्लीकेट खाद स्टॉक कर रखे जाने की जानकारी सामने आई। जो कि यहीं से किसानों को 1450 रुपए में प्रदान किया जाना बताया गया।
यहां से की जा रही मुहैया
स्थानीय किसानों के अनुसार उकवा क्षेत्र के लगमा के एक व्यक्ति, समनापुर में दो लोग और गुदमा निवासी एक व्यक्ति के यहां यह बायो डीएपी खाद पर्याप्त मात्रा में रखी हुई है। इन्हीं के पास से बड़ी संख्या में किसान 1450 रुपए में खाद खरीदकर उसका उपयोग फसलों में कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि उन्हें शनिवार को जानकारी लगी कि शुक्रवार को बिठली गौशाला में छापामार कार्रवाई कर बायो डीएपी खाद की जब्ती बनाई गई है, इसके बाद वे खाद की गुणवत्ता को लेकर आशंकित है।
मानक नियमों का नहीं पालन
विभागीय जानकारी के अनुसार खाद की बोरी में मानक स्तर के पोषक तत्व प्रिंट होना चाहिए। इसमें बैच नंबर एवं लॉट नंबर होना चाहिए जो कि इन विभिन्न ग्रामों में विक्रय किए जाने वाली बायो डीएपी में अंकित नहीं है। पोषक तत्व की मात्रा भी अंकित नहीं की गई है। निर्माता कंपनी के बिना और वैध लाइसेंस पीसीसी के बिना ही यहां खाद विक्रय की जा रही है।
इनका कहना है
शिकायत मिलने पर हमने बिठली गौशाला से खाद की बोरियों की जब्ती बनाई है, जिसकी जांच करवाई जा रही है। आपके बताए मामले को भी हम दिखवाते हैं।
राजेश खोब्रागड़े, कृषि उपसंचालक