वारासिवनी। जर्जर हालत में कस्बीटोला का मतदान केन्द्र क्रमांक 57
कैसे होगा निष्पक्ष मतदान?
वारासिवनी। निर्वाचन आयोग के स्पष्ट निर्देश हैं कि निष्पक्षता से संपूर्ण प्रदेश में चुनाव हो और मध्यप्रदेश सरकार के नए पंचवर्षीय कार्यकाल के लिए हो रहे विधानसभा चुनाव का मतदान 17 नवंबर 23 को होना हैं। ऐसी दशा में नगर एवं क्षेत्र में अनेक मतदान केंद्र हैं, जहां गंदगी का आलम हैं, भवन जर्जर और खिड़की दरवाजे नदारत होने जैसी परेशानियों से मतदान कर्मचारियों को दो-चार होना पड़ सकता हैं। क्योंकि इस गुप्त मतदान प्रणाली में जिस मतदान केंद्र में खिड़की दरवाजे ही नदारत हो, वहां कैसे निष्पक्ष चुनाव संभव हो पाएंगे? यह यक्ष प्रश्न सभी के जेहन में कैद होकर सवाल खड़े कर रहा हैं। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से तत्परता ना दिखाया जाना भी घोर उदासीनता का परिचायक होता जा रहा है।
मतदान केन्द्र में साफ सफाई का अभाव
ज्ञात हो कि रामपायली में तीन मतदान केंद्र हैं, इसके अलावा पंचायत अंतर्गत कस्बी टोला में एक मतदान केंद्र हैं। जहां साफ , सफाई, गंदगी का आलम बना होने के साथ-साथ बूथ क्रमांक 57 में भवन जर्जर और खस्ताहाल में आ गया हैं। इसके निर्माण के समय से ही दरवाजे, खिड़कियां नहीं लग पाई हैं, दरवाजे भी लगाकर एन केन प्रकारेण इन कार्यों की इति श्री कर ली गई है। जिस पर शासन-प्रशासन का ध्यान अनेक बार दिलाया गया, किंतु ढाक के तीन पात वाली कहावत ही हर बार साबित हुई हैं। ऐसे दरवाजे, खिड़की विहीन मतदान केद्रों में पंचायत चुनाव के अलावा अनेक चुनाव संपन्न हुए है। लेकिन खिड़कियों में से झॉकना, अराजक तत्वों द्वारा अवरोध उत्पन्न करना, मतदान में डालने वाली बाधायेंं रोक पाने में जिला निर्वाचन आयोग असमर्थ रहा हैं।
दरवाजे के पल्ले गायब
इस बार विधानसभा चुनाव कशमकश वाला होने की संभावना है और ऐसी स्थिति में गांधी चौक में स्थित शासकीय कन्या प्राथमिक शाला भवन बूथ क्रमांक 57 में खिड़कियां तो लगी हैं, किंतु उसमें दरवाजे नदारत हैं। जो दरवाजे हैं, वह भी दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। ऐसी दशा में मतदान करवाने के लिए वाले मतदान कर्मियों का दल वहॉ पर कैसे रह पायेगा। वहीं दूसरे दिन प्रात: से शाम तक मतदान निष्पक्षता से कैसे संभव हो पाएगा? यह सवाल आमजनों के जेहन में कैद होकर अनेक सवाल खड़े कर रहा हैं। इस दिशा में जिला प्रशासन को अविलंब ध्यान देकर भवन की साफ, सफाई, दरवाजों एवं खिड़कियों में पगे लगाने का कार्य कर व्यवस्था को चुस्त दुरस्त करने की अपेक्षा ग्रामीणों द्वारा की गई हैं।