बालाघाट। भगवान भोलेनाथ की भक्ति का पवित्र माह सावन मास चार जुलाई से शुरू हो चुका है। वहीं आज दस जुलाई को सावन मास का पहला सावन सोमवार पड़ा है। इस अवसर पर भगवान शिव की पूजा-आराधना के लिए जिले के समस्त शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ी है। यहां सुबह से ही भक्त लाइन लगाकर भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर उनकी पूजा-अर्चना करने खड़े नजर आए। इसी कड़ी बालाघाट मुख्यालय के शंकरघाट में स्थित प्राचीन शंकर मंदिर जिसे भूतनाथभुतेश्वर धाम के नाम से भी जाना जाता है, यहां बड़ी संख्या में भक्तों ने लाइन लगाकर भगवान शंकर के दर्शन किए है।
इस दौरान अपनी क्षमतानुसार भक्तों जल, दूध का अभिषेक कर पूजा-अर्चना की है।
कावढियों ने चढ़ाया जल किया अभिषेक..
सावन मास के पहले सावन सोमवार पर पवित्र वैनगंगा नदी के तट पर बड़ी संख्या में कावढिए पहुंचे और यहां से उन्होंने कावड़ में जल भरकर शंकर मंदिर समेत अन्य मंदिरों में पहुंचकर कावड़ के जल से भगवान शंकर का जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की है। वहीं वैनगंगा नदी से जलभकर डोंगरगांव स्थित शंकर मंदिर, लांजी स्थित कोटेश्वर धाम, बैहर स्थित प्राचीन शंकर मंदिर, कटंगी की पहाड़ी में स्थित शिवमंदिर समेत अन्य शिव मंदिरों में कावढिए बोल बम के जयकारे लगाकर पहुंचे है।
बालाघाट के इन शिवमंदिरों में रहा मेला सा माहौल..
सावन मास शुरू होने के साथ ही दस जुलाई को सावन के पहले सोमवार के अवसर भगवान शिवशंकर की भक्ति के लिए भक्तों का तांता शिव मंदिरों में सुबह से ही लग रहा है जिसका क्रम देर रात तक जारी रहेगा। बालाघाट जिले में कोटेश्वर धाम के साथ ही भगवान शंकर के प्राचीन व सिद्ध पीठ मंदिर है। जिनमें शंकर घाट स्थित शंकर मंदिर, डोंगरगांव की पहाड़ी पर गुफा के अंदर विराजित बाबा गुप्तेश्वर मंदिर, रमरमा की पहाड़ी पर विराजित रमरमा महादेव, कटंगी के भसियागढ़ की पहाड़ी पर महादेव खोली में विराजित महादेव बैहर के प्राचीन शिवमंदिर, सावरझोडी गुप्त शिवलिंग, जाम का शिवमंदिर, धनसुआ गोसाई शिव मंदिर, काली पाठ के शिवमंदिर समेत अन्य शिव मंदिर में सावन मास के पहले सोमवार को मेला सा माहौल रहा और पवित्र वैनगंगा समेत अन्य जल स्त्रोत से कावढिएं कावढ में जल भरकर इन मंदिरों में पहुंचकर जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना कर भगवान शिवशंकर से सुख-समृद्धि का आर्शीवाद मांगा है।