बालाघाट। शहर के गुजरी स्थित शिव साईं मंदिर में सावन के अंतिम सोमवार को विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। मंदिर ट्रस्ट समिति ने प्रतिवर्ष की भांति मंदिर में स्थापित महाकाल की 130 साल पुरानी विग्रह रूपी अष्ट धातू की प्रतिमा को स्नान कावडिय़ों के साथ यात्रा निकाली। इसके बाद विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए गए। मंदिर समिति कमलेश हिंडोल ने बताया कि महाकाल को स्नान कराने की यह परंपरा मंदिर निर्माण के पूर्व से उनके बुजुर्गो के जमाने से चली आ रही है। हर साल सावन के आखिरी सोमवार को मूर्ति को स्नान कराने वैनगंगा नदी लेकर जाते हैं। इस दौरान कावड़ यात्रा भी निकाली जाती है। इसके बाद मंदिर परिसर में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। इन्होंने बताया कि इस बार अधिकमास होने के कारण आठ सावन सोमवार पड़े हैं। इस आखिरी आठवें सोमवार को प्रात: पांच बजे समिति पदाधिकारियों ने शोभायात्रा की तरह कावड़ यात्रा निकलकर मूर्ति को स्नान के लिए ले गए। करीब साढ़े सात बजे लौटने के बाद मंदिर में विशेष महाआरती की गई। वहीं महाप्रसादी का वितरण भी किया गया।
इस दौरान प्रमुख रूप से शिव साईं मंदिर समिति से कमलेश हिंडोल, लक्ष्मीकांत बुरड़े, नीरज सोनी, संदीप पंडेल व अन्य सदस्यों का सराहनीय योगदान रहा।