बालाघाट। विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन फार्म दाखिल करने की प्रक्रिया जारी है और मतदान की तारीख नजदीक आते जा रही है वैसे वैसे प्रत्याशी आक्रामक होते जा रहे हैं और चुनाव में फतह हासिल करने के लिए शब्दबाण चलाना शुरु कर दिए हैं। बालाघाट विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन फार्म दाखिल करने वाले प्रत्याशी विशाल बिसेन ने बालाघाट सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस एवं भाजपा के प्रत्याशी को चुनाव लड़ने का ठेकेदार होने की संज्ञा दी है। बालाघाट विधानसभा क्षेत्र जिस प्रकार से विकास से पिछड़ा हुआ है उसको देखते हुए जनता हताश हो गई है और इस विधानसभा में बदलाव के मूड में जनता उन्हें तीसरे विकल्प के रूप में देख रही है। आपको बताएं कि निर्दलीय प्रत्याशी विशाल बिसेन लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे और चुनाव की घोषणा होने के काफी महीने पूर्व ही उनके द्वारा कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया गया था और उनके द्वारा अपने विधानसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ने की तैयारी की जा रही थी।
आजू बाजू के जिले हमसे विकास में बहुत आगे निकल गए
चर्चा करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी विशाल बिसेन ने बताया कि हमारा मुख्य चुनावी मुद्दा बालाघाट में बदलाव का है। वे लंबे समय से बालाघाट विधानसभा क्षेत्र में काम कर रहे हैं सामाजिक क्षेत्र में राजनीतिक क्षेत्र में। किसानों मजदूरों की मांग के लिए लगातार संघर्ष करते रहे हैं उन्होंने विगत 15 वर्ष के सामाजिक राजनीतिक जीवन में कई संघर्षपूर्ण आंदोलन किया, जिसके चलते कई राजनेता प्रशासन से उन्हें जूझना पड़ा। उन्होंने कहा कि उन्होंने जो भी आंदोलन किया वह आम जनता व किसान मजदूर के हित के लिए किए हैं, यहां राजनीतिक बदलाव की आवश्यकता है। यहां जो जनप्रतिनिधि है लंबे समय से उसे बदलने की आवश्यकता है। हम किसान मजदूर आम जनता के बीच में जाते हैं कहीं न कहीं हमें लगता है यह बालाघाट विधानसभा क्षेत्र बहुत पिछड़ा हुआ है, जिस तरह का विकास होना चाहिए वह नहीं हुआ। आजू-बाजू के जिले हमसे बहुत आगे निकल गए यहां विकास की रफ्तार बहुत धीमी है। हमारे जो भी साथी है चाहे वह किसान मजदूर व्यापारी या अन्य साथी हो सभी ने निश्चय किया उन्हें चुनाव लड़ना है, क्षेत्र की जनता उन्हें प्रत्याशी के रूप में देखना चाह रही थी इसलिए उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।
चुनावी समीकरण बिगड़ने की आशंका में बदला गया प्रत्याशी
विशाल बिसेन ने बताया कि कांग्रेस भाजपा दोनों ही पार्टियों से प्रत्याशी के रूप में जो नाम आ रहे हैं वह चुनाव लड़ने वाले ठेकेदार है, मैं और मेरे साथियों ने यह संज्ञा दी है। पिछले 30-35 वर्ष से इन्हें चुनाव लड़ते हुए देख रहे हैं यह लोग चुनाव में लड़ते हैं और फर्स्ट सेकंड रहते हैं, जैसे संपत्ति की रजिस्ट्री करते हैं वैसे इन्होंने चुनाव लड़ने की रजिस्ट्री करा ली है उनकी रजिस्ट्री खारिज करना है। यहां तीसरे विकल्प की आवश्यकता है जिस प्रकार से उन्हें जन समर्थन मिल रहा है उससे लगता है इस विधानसभा में रोचक मुकाबला होगा और चुनाव लड़ने वाले ठेकेदारों को घर बैठाने का काम जनता करेगी। भाजपा प्रत्याशी अचानक बदले जाने के सवाल पर उन्होंने बताया कि पिता चुनाव लड़े या बेटी एक ही बात है। इन्हें जीत हार का अनुभव रहता है कुछ न कुछ समझ में आ रहा होगा, हमारा समीकरण बिगड़ सकता है इसलिए प्रत्याशी बदलने का निर्णय लिया गया हो।