बालाघाट। डाक मतपत्र मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी शुरू से ही हमलावर नजर आ रही है इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग को कर दी गई है, वहीं अब दूसरे प्रत्याशी भी इस मामले की शिकायत करने से पीछे नहीं हैं। निर्दलीय प्रत्याशी विशाल बिसेन ने इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग को करते हुए जिला प्रशासन पर काफी गंभीर आरोप लगाए हैं। निर्दलीय प्रत्याशी विशाल बिसेन ने पत्रकार वार्ता आयोजित कर बताया कि 27 नवंबर को डाक मतपत्र को स्ट्रांग रूम में रखे जाने की जो प्रक्रिया की जा रही थी उसमें कंप्लीट हेरा फेरी हुई है डाक मतपत्रों को बदला गया है। निर्वाचन कार्य से जुड़े ऐसे मामले को छोड़ा नहीं जा सकता है इस मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी को सस्पेंड कर उनके खिलाफ अपराध दर्ज किया जाना चाहिए, साथ ही उस दौरान जो भी लोग निर्वाचन कार्य में लगे थे उन सभी पर अपराध दर्ज किया जाना चाहिए। निर्दलिय प्रत्याशी विशाल बिसेन ने बताया कि 27 नवंबर को पोस्टल बैलेंट पेपर स्ट्रांग में रखे जाने की जानकारी किसी भी माध्यम से मुझे प्राप्त नहीं हुई, चूंकि वे प्रत्याशी है इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई तो किसी को भी जानकारी नहीं दी गई होगी। सभी 6 विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी एवं उनके अभिकर्ताओं को इसकी जानकारी दी जानी थी जानबूझकर छुपाया गया। मेरा सीधा आरोप है पोस्टल बैलेंट पेपर मामले में हेराफेरी की गई है।
सीडीआर कॉल रिकॉर्डिंग की होना चाहिए जांच
निर्दलीय प्रत्याशी विशाल बिसेन ने कहा कि जब पोस्टल बैलट पेपर को 3:00 बजे खोलना था तो इंतजार क्यों नहीं किया गया और 1:30 बजे ही खोल दिया। हमें पूरा शक है 1:30 बजे के पहले ही पोस्टल बैलेट पेपर में अदला बदली की जा चुकी थी। 1:30 बजे के बाद पार्टी के अभिकर्ताओं के पहुंचने पर उन्हें सारणीकरण का काम दिखाकर वास्तविक पोस्टल बैलेट पेपर को हटा दिया गया। सत्ता में बैठे लोग अच्छे से जानते हैं पोस्टल बैलेट की काउंटिंग में किसी को कैसे हराया जा सकता है, 3 तारीख तक जो डाक मतपत्र आएंगे उनको क्रमांक के अनुसार मिलान कर उनको मतगणना स्थल पर मतगणना की जाए यह हमारी मांग है। वीडियो में जो दिखाई दे रहे हैं वह भाजपा प्रत्याशी गौरीशंकर बिसेन के सगे रिश्तेदार हैं, निर्वाचन आयोग से यह कहना है क्या आपने इस बात की जांच नहीं की जिन्हें निर्वाचन ड्यूटी में लगाए वे किसी प्रत्याशी के रिश्तेदार तो नहीं है, अगर जांच नहीं की गई तो यह प्रशासन की गलती है। मीडिया जिनका नाम ले रही है उनकी संलिप्तता की जांच की जाए, जितने कर्मचारी वहां दिख रहे है सबकी सीडीआर, कॉल रिकॉर्डिंग डाटा की जांच की जाए। सबके खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया जाए किसी को भी नहीं बख्शा जाना चाहिए।
क्यों नहीं कराई गई वीडियोग्राफी
निर्दलीय प्रत्याशी विशाल बिसेन ने कहा कि पोस्टल बैलेट पेपर की प्रक्रिया के दौरान वहां एक अभिकर्ता मौजूद थे जो की एक रिटायर्ड बीआरसी रहे हैं, वह शासकीय कर्मचारी और शिक्षकों से बेहतर तरीके से परिचित है। हर प्रत्याशी को चार अभिकर्ता बनाने का प्रावधान रहता है काउंटिंग पूर्ण होने तक वे ही लोग रहते हैं। जिस व्यक्ति को बीजेपी का अभिकर्ता बताया गया क्या उसकी आइडेंटी कार्ड चेक किया गया। चेक करने पर काफी सच्चाई सामने आयेगी। उन्होंने यह भी कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान हर छोटी सी छोटी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होती है, उस दिन जो कार्य हो रहा था उसकी वीडियोग्राफी नहीं हो रही थी यह बड़ा सवाल है। जो पंचनामा बनाया उसमें जो आपत्ति लगाई गई उसका कहीं उल्लेख नहीं है, सिर्फ स्ट्रांग रूम को बंद किए जाने का ही उल्लेख है ऐसे पंचनामें को आधारहीन मान सकते हैं।
सत्ता में बैठे लोगों को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया गया
निर्दलीय प्रत्याशी श्री बिसेन ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि जिस प्रकार से वहां प्रक्रिया की गई, उस लोकतांत्रिक प्रक्रिया को अमर्यादापूर्ण कर दिया गया। न्यायपालिका की तरह निर्वाचन आयोग की प्रक्रिया में गड़बड़ी होने पर नहीं छोड़ा जा सकता, जो भी लोग वहां थे सभी पर अपराध पंजीबद्ध होना चाहिए। इससे लगता है कि सत्ता में बैठे लोगों को फायदा पहुंचा सके ऐसा प्रयास किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि कल जो सीसीटीवी बंद हुई लाइट गोल हुई इस तरह की लापरवाही नहीं होना चाहिए। निर्वाचन आयोग इतना खर्च करता है तो ऐसा क्यों हो रहा है, हो सकता है यह जानबूझकर किया जा रहा है इसकी जांच किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन पर जो आरोप लग रहे हैं कि गौरीशंकर बिसेन के दबाव में प्रशासन काम कर रहा है, यह तो पहले से ही हो रहा है। इतनी बड़ी चूक हुई यह राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा हो गया, तो इस पर भाजपा क्यों कुछ नहीं बोल रही है।