कटंगी। कांग्रेस पर्यवेक्षक ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से की मुलाकात और गांवों में जनसंपर्क
कटंगी। मध्यप्रदेश में चुनावी शंखनाद हो चुका है। 17 नवंबर को मतदान की तारीख तय है। इसके साथ ही राजनीतिक दलों ने अपने-अपने अधिकृत प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। जिसके बाद प्रत्याशी अपना वोट बैंक तैयार करने के लिए गांव-गांव में सघन जनसंपर्क कर रहे है। विधानसभा क्षेत्र कटंगी-खैरलांजी से कांग्रेस ने पूर्व सांसद बोधसिंह भगत को उम्मीदवार बनाया है। जिसके बाद बोधसिंह भगत कांग्रेस के तमाम पदाधिकारियों और जमीनी कार्यकर्ताओं से रूबरू हो रहे है इसके साथ ही गांव-गांव में जनसंपर्क कर रहे है। गुरुवार को कांग्रेस पार्टी के लोकसभा केंद्रीय पर्यवेक्षक डॉ नरेश कुमार भी कटंगी पहुंच गए। जिन्होंने नगर में नगर कांग्रेस और पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और फिर गांव-गांव पहुंचकर जनसंपर्क किया। उन्होंने कटंगी में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार प्रदेश की जनता ने परिवर्तन का मन बना लिया है और परिवर्तन की लहर ग्वालियर से ही चल रही है। उन लोगों के खिलाफ ही चली है जिन लोगों ने पहले अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के राष्ट्र भक्तों के खिलाफ महारानी लक्ष्मीबाई के खिलाफ अंग्रेजों का साथ दिया। आज उन्हीं लोगों ने कांग्रेस की सरकार गिराने का काम किया था। तो वहीं से आवाज उठी है अबकी बार 200 विधायक चुनकर जाएंगे। इसलिए विकास की गंगा बहाने के लिए कटंगी में आपका विधायक होना चाहिए। कांग्रेस पार्टी जब अब उम्मीदवार तय करती है तो ठीक वैसे ही करती है जैसे आप बर्तन खरीदते समय ठोक के, कपड़ा खरीदते वक्त खींच, मिठाई चख के देखते है। रिश्ते-नाते पूछ कर करते है उसी प्रकार बोधसिंह भगत को देख परख कर टिकट दी गई है। उन्होंने कहा कि बोधसिंह भगत बालाघाट जिले में सर्वाधिक वोटों से जीतेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ साथी आज भाजपा के लोगों के बहकावे में आकर अपने घरों में बैठे है मैं उनसे निवेदन करना चाहता हूं कि आज इस बात का जिक्र नहीं है कि किसे टिकट मिली है बल्कि इस बात का जिक्र है कि पिछली बार जिन लोगों ने हमारी चुनी हुई सरकार गिराई थी उन्हें सबक सिखाना है अब की बार 200 पार विधायक चुनकर लाने है। कमलनाथ जो भी कहते है वह करते है। कमलनाथ ने 11 वचन किए है। महिलाओं को 1500 रुपये महीने, 500 रुपए में गैस सिलेंडर, 100 यूनिट बिजली फ्री, 200 हाफ, किसानों का कर्ज होगा माफ, पुरानी पेंशन योजना लागू होगी, 5 हॉर्स पावर सिंचाई की बिजली फ्री, किसानों के बिजली बिल माफ, ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण, 12 घंटे सिंचाई के लिये बिजली, जातिगत जनगणना कराएंगे, किसानों के मुकदमे वापस होंगे। सरकार बनते ही इस वचन पर पहली कलम चलेगी। डॉ नरेन्द्र कुमार ने कहा कि बूथ स्तर पर काम करें। हर व्यक्ति से वोट की अपील करें। कमलनाथ और राहुल गांधी ने मुझे कह कर भेजा है जो काम करेगा उसे सम्मान दिया जाएगा और जो नहीं करेगा उन्हें चिन्हित कर उन्हें देख लिया जाएगा। ऐसा नहीं होगा काम कोई करे और लड्डू कोई और आए खाए। जिस टिकट पर मल्लिकार्जुन खडग़े, राहुल गांधी, कमलनाथ की मुहर लग गई हो। वह टिकट कट नहीं सकती। अब की बार याचना नहीं रण होगा और भीषण होगा। कमलनाथ के नेतृत्व में जो सरकार बनने जा रही है इसका फायदा मंडलम और सेक्टर अध्यक्ष को होगा। प्रदेश में कमलनाथ मुख्यमंत्री और बोधसिंह भगत मंत्री बनेंगे। पर्यवेक्षक ने कटंगी क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांवों में देर शाम तक जनसंपर्क किया और कहा कि कोई गुमराह करने आए तो गुमराह नहीं होना है कांग्रेस पार्टी ने सोच समझकर उम्मीदवार तय किया है उसी के साथ खड़े रहना है।
पूर्व सांसद बोधसिंह भगत ने कांग्रेस पार्टी पदाधिकारियों के साथ सावरी, परसवाड़ाघाट और पिपरिया में जनसंपर्क किया और कहा कि मैंने भाजपा इसलिए छोड़ दी क्योंकि भाजपा में सच्ची बात सुनने का सामथ्र्य नहीं है। हमने बहुत कोशिश की कि दल में रहकर जनता के हितों की बात करें उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा करें। क्योंकि इसे उद्देश्य से जनता हमें जनप्रतिनिधि चुनती है। जनप्रतिनिधि कोई अपने भाग्य से नहीं बनता इसके सबकी शक्ति सबका भाग्य समाहित होता है कई बार ऐसा होता है कि पार्टी के साथ ही दूसरी पार्टी के लोग भी साथ देते है। पार्टी का आदमी अच्छा नहीं है तो लोग दुश्मन को वोट दे देते है। बालाघाट जिले की भाजपा शून्य हो जाएगी क्योंकि बालाघाट जिले की कमान एक पागल आदमी के हाथ में है। पागल के हाथ में विवेक नहीं होता। वह कुछ भी हरकत करता है। घोषणा करते फिरता है लेकिन पैसा नहीं आता है। जिसका मुख्यमंत्री झूठी घोषणाएं करता है उसका मंत्री झूठी घोषणाएं करें तो कोई संकोच नहीं। मुख्यमंत्री को 04 साल में लाडली बहना याद नहीं आई अब चुनाव आए तो लाडली बहना याद आने लगी अब सरकार नहीं रहेगी उन्हें मालूम हो गया तो कुछ भी घोषणाएं भाजपा कर चुकी है। भाजपा सरकार गेहुं खा गई संकट था कहते थे कि रखने के लिए जगह नहीं है। अभी तीन साल से गेहुं नहीं है। जो सरकार लोगों को खाने का सामान नहीं दे सकती उससे बाकी की कल्पना ना करों। व्यवस्थापक अच्छा है जिस घर का मुखिया अच्छा वह घर अच्छा जिस घर मुखिया नालायक वह घर बर्बाद।