बालाघाट। दिशा डहेरिया ने दिखाया सीएमओ पावर
बालाघाट। जिले की मुख्य नगरपालिका जिला मुख्यालय की होती है, इस नगरपालिका में कई नगरपालिका अधिकारी आए और गए लेकिन जिस प्रकार से पुराने बकाया राजस्व वसूली को लेकर वर्तमान प्रभारी नगरपालिका सीएमओ दिशा डहेरिया ने कड़े निर्णय लेकर राजस्व की वसूली की जा रही है इससे बकायादारों में हड़कंप मच गया है वही सीएमओ डहेरिया के कार्यप्रणाली की नगरवासी जनता द्वारा जमकर सराहना की जा रही है। आपको बताएं कि नगरपालिका के सीएमओ निशांत श्रीवास्तव एक माह के अवकाश पर गए है जिसके चलते बालाघाट नगरपालिका का प्रभार वारासिवनी नगरपालिका की सीएमओ दिशा डहेरिया को दिया गया है। महज कुछ दिनों में ही सीएमओ दिशा डहेरिया की जिस प्रकार की कार्यप्रणाली सामने आई सभी कायल हो गए। क्योंकि नगर के कई बकायादार ऐसे है जो लंबे समय से राजस्व जमा नही कर रहे थे नगरपालिका के अधिकारी उनसे राजस्व की वसूली करने में बेबस से हो गए थे। वही वर्तमान में इस नगरपालिका की स्तिथि आमदनी कम खर्चा रुपैया वाली है, नपा के कर्मचारियों का पेमेंट नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण काफी समस्या भी खड़ी होती है। इसी को देखते हुए सीएमओ दिशा डहेरिया ने नपा की आर्थिक स्तिथि मजबूत करने बकाया राजस्व वसूली पर कार्य करने की ओर जोर दिया।
38 और बकायादारों के नाम होना है सार्वजनिक
नपा सीएमओ दिशा डहेरिया द्वारा पहले बकायादारों को सूचना दी गई अपना बकाया टैक्स जमा कर दे अन्यथा नाम बकायादारों के सार्वजनिक करने की चेतावनी दी गई। पहले चरण में 16 बकायादारों के नाम सार्वजनिक किए गए, जिससे बकायादारों में हड़कंप व्याप्त हो गया। दूसरे चरण में 50 बकायादारों के नामों को सार्वजनिक करने की योजना नगरपालिका प्रशासन द्वारा बनाई गई थी। जैसे ही इसकी जानकारी बकायादारों को लगी तो उनका नगरपालिका में दस्तक देना शुरू हो गया। बताया जा रहा है की एक सप्ताह में ही 12 बकायादारों से करीब 30 लाख रुपए का राजस्व नगरपालिका को प्राप्त हो चुका है। शेष 38 बकायादारों के नामों को सार्वजनिक करने का कार्य आगामी दिनों में किया जाना है, अब देखना यह होगा कि इन बकायादारों में से कितने लोगो द्वारा टैक्स जमा किया जाता है तथा कितने नामों को सार्वजनिक करने की स्तिथि बनती है।
ऐसे ही सीएमओ की दरकार
नगर में जो चर्चा चल रही है उसके अनुसार अधिकांश जनता इस सीएमओ के कार्यप्रणाली की तारीफ की जा रही है। सभी यही कह रहे है की बालाघाट जैसी नगरपालिका को ऐसे ही सीएमओ की दरकार है। जब तक सीएमओ सख्त एक्शन लेने वाले नहीं होंगे तब तक प्रशासनिक व्यवस्था सुधार नही पाती है। नगरवासी जनता द्वारा कहा जा रहा है प्रभार पर आई सीएमओ यदि कुछ दिनों में ही अपनी कार्यप्रणाली का लोहा मनवा लेती है तो फुलफ्लैश चार्ज मिलने पर वह नगर विकास के कार्यों में नपा के उत्थान में कोई कसर बाकी नहीं रहने देगी। इस ओर विशेष रूप से ध्यान देने जिला प्रशासन से अपेक्षा जताई जा रही है।