बालाघाट। बगदरा में अटका काम, अधिकारी मौन
ग्रामीण पानी के लिए हो रहे परेशान, अब कार्यपालन यंत्री लेंगे कार्य की सुध
बालाघाट। शासन द्वारा हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुचाने जल जीवन मिशन योजना शुरू किये 3 वर्ष हो चुका है और इसके कार्य जिले भर में धड़ल्ले से जारी है। कुछ ग्रामो में तो इसके कार्य अच्छे चल रहे हैं लेकिन कुछ ग्रामों में इसका कार्य विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते बहुत ही निम्न स्तर के चल रहे है। हम बात कर रहे हैं बालाघाट ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बगदरा की, जहां जल जीवन मिशन का काम शुरू किये 2 वर्ष से अधिक समय हो गया है लेकिन वहां निर्माण कार्य नहीं के बराबर हुये है। इस ग्राम में योजना 49 लाख रुपये की स्वीकृत की गई है लेकिन पिछले 2 वर्ष की बात करें तो 5 लाख तक का भी कार्य नहीं हो पाया है। यहां कराए गए निर्माण कार्य में किस प्रकार की लापरवाही बरती गई है इस ग्राम का निरीक्षण कर निर्माण कार्य का जायजा लिया जाए तो यह आसानी से उजागर हो जाएगा।
600 घर की बस्ती में हुये सिर्फ 100 कनेक्शन
आपको बताये कि ग्राम पंचायत बगदरा में करीब 600 मकान हैं जिनमे जल जीवन मिशन योजना के तहत नल कनेक्शन किया जाना है लेकिन ढाई वर्ष की अवधि में अभी तक सिर्फ 100 घरों में ही नल कनेक्शन लगाए गए हैं जबकि बगदरा जिला मुख्यालय से मात्र 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां की जनता पानी के लिए बहुत परेशान हो रही है सभी ग्रामवासी नई पाइपलाइन से पानी मिलने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन योजना भगवान भरोसे होने के कारण ग्रामवासियों को कुओ एवं पुरानी पाइप लाइन पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है।
पानी टंकी निर्माण का नहीं लगाया गया बोर्ड
ग्राम बगदरा में वर्ष 2016 में पानी की टंकी का निर्माण कराया गया जिसके जरिए पुरानी पाइप लाइन से पानी वितरण कार्य किया जा रहा था। उसके बाद जल जीवन मिशन की नई योजना भी इस गांव में लाई गई है जो करीब 50 लाख रुपए लागत की बताई जा रही है। लोगों का मानना है कि यदि जल जीवन मिशन योजना का काम पूरा हो जाता है तो वह पानी टंकी काम में आ जाएगी और ग्रामवासियों को हो रही पानी की समस्या का समाधान भी हो जाएगा।
कच्चे नल स्टैंड लगाए जाने से अधिकांश हुए क्षतिग्रस्त
ग्राम बगदरा में कराए गए कार्य को देखने पर यह स्पष्ट हो गया है कि यहां कार्य बहुत ही घटिया स्तर का कराया गया है जो नल स्टैंड लगाए गए हैं उसमें सही मटेरियल का उपयोग नहीं किया गया तथा कच्चे नल स्टैंड ही लोगों के घरों में लगवा दिए गए जिसके कारण बहुतायत नल स्टैंड क्षतिग्रस्त हो चुके हैं तथा उनके टूटने का क्रम जारी है।
एसडीओ ने खामी पाते ही ठेकेदार पर की कार्यवाही
बालाघाट सब डिवीजन के तत्कालीन एसडीओ अग्रवाल द्वारा निरीक्षण के दौरान उनके द्वारा ग्राम बगदरा में हो रहे कार्य में खामी पाई गई थी, जिस पर उनके द्वारा तुरंत एक्शन लेते हुए ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया तथा यह कार्य तुरंत ही रोकते हुए दूसरे ठेकेदार को कार्य सौपने की कार्यवाही की गई थी।
गलती के लिए अधिकारी भी जिम्मेदार
जल जीवन मिशन के जो कार्य हो रहे हैं वह लाखों की लागत के हैं इनमें कार्य गंभीरता के साथ कराए जाने की आवश्यकता है लेकिन जमीनी स्तर पर ग्रामों में जाकर कार्य कराने के लिए तथा समय-समय पर निरीक्षण किए जाने के लिए इसके लिए विभागीय अधिकारी नियुक्त होते हैं। यह कहे कि यह जिम्मेदारी उपयंत्री की होती है लेकिन उपयंत्री दमानिया द्वारा निर्माण कार्य में ध्यान नहीं दिए जाने के कारण इस ग्राम में कार्य घटिया स्तर का हुआ है जिसका खामियाजा ग्रामीण जनता को भुगतना पड़ रहा है। इसके बारे में पूछे जाने पर अधिकारियों की कमी होने का हवाला दिया जाता है जबकि हकीकत कुछ और ही है।
मैदानी अधिकारी ने नहीं दिया निर्माण कार्य पर ध्यान
- चंद्रशेखर नगपुरे
इसके संबंध में चर्चा करने पर ग्राम पंचायत बगदरा के सरपंच प्रतिनिधि चंद्रशेखर नगपुरे ने बताया कि वर्ष 2016 में उनके गांव में पानी की टंकी बनाई गई थी तथा वर्ष 2021 में जल जीवन मिशन योजना का काम शुरू किया गया।। 20 वर्ष पहले जो नल कनेक्शन लगे थे उससे ग्राम के कुछ घरों में पानी मिल रहा है। यह योजना शुरू हुई लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण यहां दम तोड़ रही है, जो नल स्टैंड बनाए गए हैं वह बहुत ही घटिया क्वालिटी के हैं मैदान अधिकारी की लापरवाही के कारण कार्य घटिया स्तर के हुए हैं। इस योजना का कार्य अच्छे से कराते हुए पूर्ण कराने के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार पत्र लिखा जा चुका है लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
ठेकेदार को निर्देश दिए गए हैं - कार्यपालन यंत्री उईके
इसके संपन्न में चर्चा करने पर पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री बी एल उईके ने बताया कि यह समस्या संज्ञान में आते ही तत्काल ही ठेकेदार से बात कर कार्य की रफ्तार के संबंध में जानकारी ली गई है और कार्य को जल्द पूर्ण करने के संबंध में निर्देश दिए गए हैं। जो नल स्टैंड बनाए गए हैं उनमें टूट फूट किस कारण से हुई इसके कारण की भी जानकारी ली जा रही है।