वारासिवनी। मंत्री गौरीशंकर बिसेन के आदेश का पालन कर पायेगा परिवहन विभाग?
त्यौहारों में परिवहन विभाग के सहयोग से यात्रियों को लूटने का कार्य करते हैं बस संचालक
वारासिवनी। प्रदेश के वरिष्ठ विधायकों में शामिल और बालाघाट जिले के राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले विधायक गौरीशंकर बिसेन ने केबिनेट मंत्री की शपथ लेने के साथ ही सबसे पहले इंदौर व भोपाल से बालाघाट व अन्य स्थानों पर चलने वाली बसों में विद्यार्थियों से अधिक किराया वसूलने पर कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से कहा हैं कि वह अधिक किराया लेने पर उसकी शिकायत करे।
ऑनलाईन में दिखता हैं सभी बसों का किराया
मंत्री जी के इस आदेश के पीछे का राज क्या हैं? यह तो वह स्वयं जानते होगे, लेकिन शायद उनका ध्यान इस ओर नहीं गया हैं कि बालाघाट से इंदौर-भोपाल व इंदौर से भोपाल बालाघाट तक चलने वाली सभी बसें ऑनलाईन है। इन बसों में यात्रियों से वसूला जा रहा किराया ऑनलाईन नजर आ जाता हैं कि कौन सी बस में कितना किराया इंदौर-भोपाल से बालाघाट तक का हैं।
ऑनलाईन किराया दिखने के बाद कार्यवाही के लिए शिकायत की दरकार क्यों?
आज जब परिवहन विभाग से लेकर शासन के प्रत्येक विभाग में ऑनलाईन कार्य हो रहे हैं, तो फिर कलेक्टर या परिवहन अधिकारी स्वयं या उनके अधीनस्थ कर्मचारी बसों की ऑनलाईन साईट को देखकर यात्रियों से वसूले जा रहे किराये की जानकारी हासिल कर सकते हैं। फिर यात्रियों से शिकायत की अपेक्षा मंत्री जी द्वारा क्यों की जा रही हैं?
ऑनलाईन किराया देखकर कार्यवाही का आदेश दे मंत्री जी
मंत्री जी को सीधा आदेश अधिकारियों को देना चाहिए कि वह इंदौर-भोपाल से बालाघाट व बालाघाट से इंदौर-भोपाल तक चलने वाली सभी बसों का ऑनलाईन किराया चेक करे और निर्धारित किराये से अधिक किराया वसूलने वाले बस संचालकों पर तत्काल कार्यवाही करे। वहीं जिन यात्रियों से बस संचालकों द्वारा अधिक किराया वसूला गया हैं, उन यात्रियों को किराया वापस करवाने की व्यवस्था भी की जाये।
इंदौर से बालाघाट 11 सौ से 27 सौ, भोपाल से बालाघाट 1 हजार से 2 हजार तक
वर्तमान में त्यौहारों का मौसम हैं, 30 अगस्त को भाई-बहनों का पर्व रक्षाबंधन हैं। इसीलिए विद्याध्ययन के लिए गए भोपाल-इंदौर गए हुए बगो वापस लौट रहे हैं। इन बगाों से इंदौर से बालाघाट तक 1100 रुपये से लेकर 2700 रुपये तक तथा भोपाल से बालाघाट तक 1000 रुपये से लेकर 2 हजार रुपये तक का किराया वसूला जा रहा हैं। यह सब ऑनलाईन में दिखाई दे रहा हैं और आने वाले विद्यार्थी बुक भी कर रहे हैं।
बस संचालकों की लूट को देखना नहीं चाहता परिवहन विभाग
लेकिन ऑनलाईन नजर आने वाला यह किराया शायद परिवहन विभाग के अधिकारियों को नजर नहीं आता हैं या फिर वह देखना ही नहीं चाहते हैं। उनको इस बात से कोई मतलब ही नहीं हैं कि बस संचालकों द्वारा त्यौहारों के समय इस प्रकार की लूट मचा रखी गई हैं। उन्हें यह भी पता हैं कि मंत्री जी कितना भी आदेश दे दे, कोई भी यात्री या विद्यार्थी शिकायत करने नहीं आयेगा और जब कोई शिकायत ही नहीं आयेगी, तो फिर कार्यवाही किस पर करना है?
विद्यार्थियों का हितैषी बताना चाहते हैं अपने आप को मंत्री जी
वहीं अब मंत्री जी भी क्या करे? बड़ी मुश्किल से पौने पॉच साल बाद पुन: पद मिला हैं, उन्हें भी तो अपनी अहमियत बतानी हैं और अपने आप को विद्यार्थियों व यात्रियों का हितैषी दिखाना हैं, तो आदेश जारी कर दिया हैं।
एक सितम्बर से बालाघाट की ओर से बढ़ गया हैं किराया
वैसे यह भी तय हैं कि अभी तो इंदौर-भोपाल से बालाघाट आने के लिए किराया बढ़ाया गया, लेकिन त्यौहार समाप्त होने के बाद 1 सितम्बर से फिर बालाघाट से भोपाल का किराया 1 हजार से 15 सौ रुपये व इंदौर का किराया 12 सौ से 2 हजार रुपये तक हो जायेगा। और सबसे मजेदार बात यह हैं कि यह किराया रेड बस के साथ इंदौर-भोपाल तक चलने वाली सभी बसों की ऑनलाईन साईटो पर दिखाई दे रहा हैं। लेकिन मजाल हैं कि परिवहन विभाग का कोई भी अधिकारी इस ऑनलाईन साईट को खोलकर देखने के बाद इन बस संचालकों पर कोई कार्यवाही करने की जुर्रत कर सके।
क्या परिवहन विभाग कर पायेगा बस संचालकों पर कार्यवाही?
अब देखने वाली बात यह हैं कि इस अनापशनाप किराये के खिलाफ कितने यात्री व विद्यार्थी शिकायत कर पाते हैं और कितने बस संचालकों पर परिवहन विभाग के अधिकारी कार्यवाही कर पाते है?