बालाघाट। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बन रही 14 किलोमीटर लम्बी सड़क ग्रामीण क्षेत्रो को शहर से जोड़ लोगो को मुख्य धारा से जोडऩे और उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए होता है। केंद्र सरकार लगातार ऐसे क्षेत्रो का चयन कर सड़को के निर्माण के लिए करोड़ो रूपये का फण्ड जारी करती है। ताकि सड़को के बनने से आवागमन सुलभ हो और लोग शहर के साथ जुड़कर अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठा सके। लेकिन अक्सर यह योजना सफल क्रियान्वयन ना होने के कारण भ्रष्टाचार की भेँट चढ़ जाती है। और अधिकारियों की लापरवाही मिलीभगत से सड़क का घटिया निर्माण कार्य होता है। जिससे सड़क एक ही बारिश में उखड़ जाती है। और इस तरह करोड़ो रूपये का नुकसान शासन को होता है। जो जनता के खून पसीने की कमाई के होते हैं जिसे सरकार टैक्स के रूप में जनता से वसूलती है।
ऐसे ही घटिया सड़क निर्माण को लेकर अनेको बार शिकायतें की जाती है किंतु भृष्ट अधिकारी दबा देते हैं और ठेकेदार से मोटा माल कमाते हैं। आपको बता दे कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बन रही पाला-मुर्री- हट्टा सड़क मार्ग किरनापुर कावरे चौक से हट्टा मस्जिद चौक तक 14.38 किलो. सड़क लोधी कंट्रक्शन कम्पनी बालाघाट द्वारा बनाई जा रही हैं। जिसमे उक्त ठेकेदारो या उनकी कंट्रक्शन कम्पनी द्वारा डब्लू बी एम में ग्राम साल्हे एवं बेनेगांव खदान की 40 एम एम गिट्टी की जगह 60 एम एम एवम् 80 एम एम की गिट्टी का इस्तेमाल किया जा रहा है। जो लैब टेस्टिंग के मापदंड में सही नही पाई गई है। और इस गिट्टी के इस्तेमाल पर विभाग ने रोक लगा दी है उसके बावजूद भी ठेकेदार द्वारा उसी गिट्टी का इस्तेमाल करते हुए सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा हैं एंव मुरुम की जगह मिट्टी डाल दी गई जो पूरी तरह पानी में बह गई है। जिस कारण प्रतिदिन दर्जनों बड़ी गाडिय़ा फ़ँस जाती है जिससे लोगो को आवागमन में परेशानी हो रही है। लेकिन विभाग है कि अनेको शिकायत के बाद भी कुम्भकर्णी नींद में सो रहा है। और किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है। यातायात बाधित होने से स्कूली छात्र छात्राओं सहित ग्रामीण परेशान होते नजर आ रहे हैं।