बालाघाट। जिस तरह हर समाज वर्ग के तीज त्योहारों पर अवकाश घोषित किया जाता है उसी प्रकार आदिवासी समुदाय के सम्मान में विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त को शासकीय अवकाश घोषित किए जाने को लेकर आदिवासी विकास परिषद बालाघाट के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। सौपे गए ज्ञापन में बताया गया कि संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में 23 दिसंबर 1994 को पारित प्रस्ताव क्रमांक 48 /214 के तहत 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस घोषित किया गया तब से आदिवासी समाज के समस्त लोगों द्वारा संपूर्ण भारत में व मध्यप्रदेश में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, जिसमें विद्यार्थी, कर्मचारी ,अधिकारी ,मजदूर एवं किसान एवं आदिवासी समाज के सगाजन, मूलवासी आदि वर्ग के लोग शामिल होते हैं। आदिवासी समुदाय के अधिकारों का संरक्षण उनके लिए जल, जंगल, जमीन, के अधिकार संरक्षित रहे उनकी प्राचीन सभ्यता, कला, एवं संस्कृति रूढ़ि प्रथा, कायम रहे तथा शिक्षा का व्यापक प्रचार-प्रसार हो सके। जनजागृति एवं विभिन्न आदिवासी संगठनों द्वारा हर्षोल्लास के साथ 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस को धूमधाम से मनाया जाता है किंतु 9 अगस्त को संपूर्ण भारत मे और मध्यप्रदेश शासन द्वारा सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं होने की वजह से  आदिवासी समाज, समाज के शिक्षित वर्ग विद्यार्थी ,कर्मचारी, अधिकारी, मजदूर इस उत्सव एवं समारोह में शामिल होने से वंचित रह जाते हैं जबकि इस उत्सव एवं समारोह के माध्यम से समाज में जनजागृति, जागरूकता लाना अति आवश्यक है जो कि आदिवासी अपनी  रीति रिवाज ,रूढ़ि प्रथा प्राचीन सभ्यता , कला और संस्कृति को बरकरार रखते हुए विश्व आदिवासी दिवस को उत्साह के रूप में मनाता है। मध्यप्रदेश में आदिवासी समुदाय की कुल जनसंख्या लगभग 21% है इस समुदाय के महापुरुष की जयंती एवं त्योहार को मनाने हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा आजादी के बाद से वर्तमान तक कोई भी शासकीय अवकाश घोषित नहीं किया गया है जिससे स्पष्ट समझ में आता है कि वर्तमान सरकार द्वारा दोहरा (सौतेला) रवैया अपनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश के सभी आदिवासी समाज के सभी संगठन, संगठनों द्वारा यह मांग की जाती है कि समाज की जन भावना एवं मान सम्मान को ध्यान में रखते हुए आदिवासी समाज के महापुरुषों एवं स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक की जयंती तथा मध्यप्रदेश में आदिवासी समुदाय द्वारा 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस को हर्षोल्लास के साथ प्रति वर्ष मनाने हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। प्रदेश में आदिवासी बहुलता को देखते हुए उनकी रीति रिवाज, परंपरा, रूढ़ि प्रथा, संस्कृति को देखते हुए विश्व आदिवासी दिवस को सरकारी अवकाश घोषित करना अति आवश्यक है वरना संपूर्ण भारत के आदिवासी समुदाय के द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा जिसकी जवाबदारी एवं जिम्मेदारी सरकार/ शासन प्रशासन की होगी।
घोषणा के बाद भी नहीं मिली विश्व आदिवासी दिवस के दिन अवकाश-दिनेश धुर्वे      
आदिवासी विकास परिषद बालाघाट के जिला अध्यक्ष दिनेश धुर्वे ने बताया कि बालाघाट जिले में निरंतर 14 सालों से 9 अगस्त के दिन विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है और 2018 में कांग्रेस गवर्नमेंट के समय घोषित हुई थी उसके बाद 18 साल बीजेपी की सरकार है। मुख्यमंत्री के द्वारा घोषणा भी की गई 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के दिन हर साल छुट्टी घोषित की जाएगी परंतु अभी तक कोई भी आदेश जारी नहीं हुए हैं। हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री जी आदिवासियों के हक की रक्षा की बात करते हैं मंचों में परंतु विश्व आदिवासी दिवस निरंतर कई सालों से मध्यप्रदेश में मनाया जाता है। जिस तरह हर समाज वर्ग के तीज त्योहारों में छुट्टी घोषित है हम अपील करते हैं कि आदिवासी समुदाय के सम्मान के लिए 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के दिन छुट्टी घोषित करें। जिससे आदिवासी समाज इस पर्व को धूमधाम से मनाया और अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें।