बालाघाट। सरकार द्वारा शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिसके लिए स्कूल कॉलेजों में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है तथा छात्र-छात्राओं के लिए हॉस्टल सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है ताकि दूर अंचल में रहने वाले छात्र-छात्राओं को शहर मुख्यालय में रहकर पढ़ाई करने में कोई परेशानी ना हो, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते छात्र- छात्राओं को यह सुविधा समय पर उपलब्ध नहीं हो पाती। वर्ष 2018 से छात्रावास का निर्माण कराया जा रहा है जिसका लाभ 4 से 5 वर्ष की समय अवधि बीत जाने के बाद भी छात्र-छात्राओं को मिलना शुरू नहीं हुआ है। वर्तमान में जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार बालिका छात्रावास जो कि डेढ़ सौ सीटर है उसे निर्माण एजेंसी पीआईयू द्वारा आदिम जाति कल्याण विभाग को हैंड ओवर कर दिया गया है लेकिन उसी के समीप बना हुआ डेढ़ सौ सीटर बालक छात्रावास जो कि ट्रायवल विभाग को ही हैंडोवर होना है लेकिन अभी तक पीआईयू विभाग द्वारा इस छात्रावास को आदिम जाति कल्याण विभाग के हैंडोवर नहीं किया गया है, जिसके चलते छात्रों द्वारा इस छात्रावास का लाभ लेने इंतजार ही किया जा रहा है। आपको बताये कि यहां 3 छात्रावास का निर्माण किया जा रहा था तीनों छात्रावास का निर्माण कार्य कराने पीआईयू विभाग को जिम्मा दिया गया था। पीआईयू विभाग द्वारा जैसे तैसे इन तीनों छात्रावासों का निर्माण तो करवा दिया गया लेकिन अभी तक आदिम जाति कल्याण विभाग को बालक छात्रावास हैंडोवर होने ओके रिपोर्ट नहीं मिल पाई है। जब तक आदिम जाति कल्याण विभाग के तकनीकी अमले द्वारा ओके रिपोर्ट नहीं दी जाएगी तब तक यह छात्रावास आदिम जाति कल्याण विभाग अपने हेंड ओवर में नहीं लेगा।
एक ही ठेकेदार को दिया गया था 3 छात्रावासों का काम
जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार पीआईयू विभाग द्वारा तीन छात्रावासों का निर्माण कराया गया है जिसका काम एक ही ठेकेदार को दिया गया था। इस ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य वर्ष 2018 से शुरू किया गया लेकिन निर्माण कार्य पूरा करने में आवश्यकता से बहुत ज्यादा समय लगाया गया। अगर यह काम अलग-अलग ठेकेदारों को दिया जाता तो छात्रावास का निर्माण जल्द पूर्ण हो जाता और छात्र-छात्राएं हॉस्टल सुविधा का लाभ एक 2 वर्ष पूर्व से ही लेना शुरू कर देते, उन्हें अनावश्यक किराया भुगतान नहीं करना पड़ता।
तीनों छात्रावासों का हो चुका है लोकार्पण
बताया जा रहा है कि ट्राइबल विभाग के डेढ़-डेढ़ सौ सीटर दो छात्रावास बनाए गए हैं तथा बालिका छात्रावास के लगकर ही उत्कृष्ट विद्यालय का बालिका छात्रावास भी बनाया गया है जो 100 सीटर है। इन सभी का लोकार्पण 3 माह पहले 22 फरवरी को किया जा चुका है लेकिन इन छात्रावासों का लाभ मिलना शुरू नहीं हुआ है। ट्रायवल विभाग के बालिका छात्रावास के लिए इस सत्र में एडमिशन लेने की प्रक्रिया प्रारंभ होने की बात कही जा रही है। पीआईयू विभाग के जिन दो छात्रावासों का निर्माण कराया गया है उनकी लागत करीब 9 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
पीआईयू के कार्यपालन यंत्री को नहीं इसकी पूरी जानकारी
इसके बारे में जानकारी लेने आदिम जाति कल्याण विभाग से संपर्क किया गया तो वहां पदस्थ कर्मचारियों द्वारा हॉस्टल हैंडओवर के संबंध में कुछ जानकारी उपलब्ध कराई गई। वही जब इसके बारे में विस्तृत जानकारी लेने पीआईयू विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री उइके से मुलाकात की गई तो उनके द्वारा छात्रावास के हैंडओवर होने के संबंध में पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं होने की बात कही गई।