लांजी। सिविल अस्पताल लांजी किसी न किसी विषय को लेकर चर्चा में रहता है, पिछले कुछ महीनो से शासकीय अस्पताल लांजी कुछ अधिक ही सुर्खियों में है। इस अस्पताल की कमान संभाल रहे गेड़ाम दंपत्ति पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं जागरूक लोगो द्वारा आरोप लगाए जाते रहे है। इसकी शिकायत कलेक्टर के माध्यम से शासन स्तर तक पहुंचाई गई, लेकिन शिकायतों पर जांच कार्यवाही स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा अब तक नही की गई। डॉक्टर की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं आने के कारण जनप्रतिनिधि अब खुलकर विरोध दर्ज कराने लगे है। जिला पंचायत सदस्य ज्योति उमरे द्वारा इसी के विरोध स्वरूप आंखों में पट्टी बांधकर मौन धरना प्रदर्शन किया जा रहा है, ताकि शासन प्रशासन की आंख खुले और जिला प्रशासन इस पर उचित एक्शन ले। धरना प्रदर्शन के दौरान नशा हटाओ बेटा बचाओ की राष्ट्रीय सचिव व जिला पंचायत सदस्य ज्योति उमरे ने कहा सिविल हॉस्पिटल लांजी में पदस्थ बीएमओ गेडा़म दंपति अपने काले कारनामों के कारण हमेशा चर्चा में रहते है। इनके खिलाफ अनेको शिकायत दर्ज हो चुकी है लेकिन कार्यवाही कागजों तक ही सीमित रही, ऐसे में मरीजों को न्याय नहीं मिलने से उनका विश्वास जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों से भी उठ गया है। गेड़ाम दंपति पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं होने पर नशा हटाओ बेटा बचाव की राष्ट्रीय सचिव ज्योति ईश्वर उमरे ने 3 सितंबर को लांजी के सुभाष चौक में धरना प्रदर्शन किया था, इसके बाद कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा को भी ज्ञापन देकर अवगत कराया फिर भी गेडाम दंपति पर इसका कोई भी असर नहीं दिखा। पैसे लेकर इलाज करने, प्रसूताओ के साथ दुर्व्यवहार करने जैसे कई आरोप गेड़ाम दंपती पर लगाए गए है। कार्यवाही नही होने से लगता है नेताओ व अधिकारियों के साथ साठ-गांठ है गेड़ाम दंपतियों की। इसके साथ ही बीएमओ डॉक्टर गेड़ाम पर फोन नही उठाने के आरोप भी लगते रहे है।
एसडीएम को सौपा ज्ञापन  
धरना कार्यक्रम के बाद ज्योति ईश्वर उमरे द्वारा विरोध प्रदर्शन कर रहे साथियों के साथ एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से गेडाम दंपत्ति पर लगे आरोपों की जांच किए जाने की मांग की। इस दौरान ज्योति उमरे ने कहा कि मेरा कारवां निरंतर जनहित में चलता रहेगा, गेडाम दंपत्ति के काले कारनामों से जनता को बचाने के लिए मेरा निरंतर प्रयास रहेगा एवं गेड़ाम दंपत्ति के खिलाफ कार्यवाही जारी रहेगी। अगर गेड़ाम दंपत्ति को सिविल अस्पताल लांजी से नहीं हटाया जाता है तो अस्पताल को ही गेड़ाम दंपत्ति के नाम कर दे जिससे सरकारी अस्पताल प्राइवेट हो जाएगा और गेड़ाम दंपति अपनी मनमानी कर जनता से मनचाहा पैसा वसूल कर सके।