बालाघाट। तिरोड़ी मुख्यालय में अवैध गतिविधियां जुआ सट्टा जैसे कारोबार जोरों से चल रहे हैं लेकिन इन पर लगाम लगाने पुलिस प्रशासन द्वारा गंभीरता के साथ कार्यवाही नहीं की जा रही है। यही कारण है कि लोग इन गतिविधियों में लिप्त नजर आ रहे हैं और इनकी संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। जबसे जिले में आईजी संजय कुमार सिंह पदस्थ हुए हैं उनके स्पष्ट निर्देश है अवैध गतिविधियों पर पूरी तरह लगाम लगाई जाए, जुआ सट्टे जैसे कारोबार पर कार्यवाही की जाए ताकि जनता अवैध कार्यों की गिरफ्त में न आये और अपनी गाढ़ी कमाई को बेफिजूल में व्यर्थ ना करें। यह अवैध कार्य मुख्यालय में ही संचालित नहीं हो रहे है बल्कि इसका दायरा ग्रामीण क्षेत्रों की ओर बढ़ते जा रहा है जिसको देखते हुए इस पर लगाम लगाए जाने की गुजारिश जागरूक लोगों द्वारा की जा रही है।
कर्जदार हो रहे लोग
जुआ और सट्टा दोनों ऐसी लट है जिसकी जकड़ में लोग तेजी से आ रहे हैं। बिना मेहनत किये पैसा कमाने की चाहत में लोग अपना पैसा गवाते जा रहे हैं इससे उनके सामने स्थिति यहां तक खड़ी हो रही है कि वे कर्जदार होते जा रहे हैं। सट्टे जुए में ही पूरा पैसा देने के कारण वे अपने घरों में पैसा नहीं दे पाते और इससे पारिवारिक कलह भी हो रहा है पुलिस प्रशासन यदि इस पर लगाम लगा दे तो लोग कर्जदार बनने से बच जाएंगे।
पुलिस को रहती है सबकी जानकारी
ऐसा नहीं है कि पुलिस प्रशासन को ऐसे कार्यों की जानकारी नहीं रहती। पुलिस प्रशासन का अमला काफी बड़ा होता है पुलिस के कानों तक हर बात की जानकारी पहुंचती है, पुलिसकर्मियों को पूरी जानकारी होती है कौन जुआ सट्टा खिला रहा है। इसके बावजूद भी सब हाथ पर हाथ धरे शांत बैठे रहते हैं, जब यदि वरिष्ठ अधिकारियों से दबाव आता है तब जाकर पुलिस प्रशासन द्वारा कार्यवाही की जाती है।
कार्यवाही में बरता जाता है भेदभाव
जुआ सट्टा वाले कार्यों में अक्सर यह देखने मिलता है ऐसे कारोबार में जो प्रमुख लोग होते हैं उन पर कार्यवाही बहुत कम ही होती है और जो छोटे रूप में खिलाते हैं वह पुलिस की जकड़ में आते हैं। यदि पुलिस प्रशासन कार्यवाही करने में भेदभाव ना बरते और सख्ती के साथ कार्यवाही करें तो ऐसी गतिविधियों पर लगाम लगाना पुलिस प्रशासन के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन प्रशासन द्वारा ऐसे अवैध कार्यों पर पूरी तरह लगाम लगाने गंभीरता पूर्वक कार्यवाही नहीं की जा रही है।
इस मामले के संबंध में राज एक्सप्रेस के ब्यूरो चीफ हरिश राहंगडाले द्वारा मोबाइल के माध्यम से तिरोड़ी थाना प्रभारी गहलोत सेमलिया से चर्चा करने का काफी प्रयास किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।