बालाघाट। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना 2010 के आयोजन की नहीं मिली आवेदक को जानकारी...

तत्कालीन खंड पंचायत अधिकारी लालबर्रा मेघराज गौतम पर कब होगी जिम्मेदारी तय
बालाघाट/लालबर्रा। महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना 2010 के दस्तावेजों को आवेदक को उपलब्ध कराने सूचना आयोग भोपाल का आदेश विभागीय तौर पर गले की हड्डी बनता दिखाई दे रहा है कई बार विभागीय जांच होने के बाद भी दोषी अधिकारी के कथन होने के बावजूद भी आवेदक को आज तक जानकारी ना देना उसके मौलिक और मूल अधिकारों का सीधा सीधा हनन है जो सूचना आवेदक को 30 दिन की समय सीमा में दी जानी चाहिए थी वह सूचना 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी आवेदक को न दिया जाना कहीं ना कहीं जनपद पंचायत लालबर्रा एवं जिला प्रशासन की घोर लापरवाही व उदासीनता को उजागर करता है जनपद पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी भी उक्त मामले पर शुरू से ही लापरवाही बरत रहे हैं जो कानून का तो उल्लंघन है ही परंतु आवेदक को शारीरिक ,मानसिक और आर्थिक तौर पर प्रताड़ित करना भी है जो विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है मुख्यमंत्री कन्यादान योजना 2010 के दस्तावेजों के संबंध में जब मीडिया द्वारा मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लालबर्रा से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि अभी डी ई चल रही है जब मीडिया ने जिला पंचायत बालाघाट सीईओ विवेक कुमार के पत्र का हवाला दिया और सवाल किए की लगभग जांच डी. ई कब तक चलेगी तो उन्होंने मीडिया को बताया कि डी ई का 3 माह का रहता है लेकिन 3 साल गुजर जाने के बाद भी पूरा नहीं होता मीडिया से मुख्य कार्यपालन अधिकारी गायत्री कुमारी सारथी ने बताया कि जल्द ही उक्त प्रकरण में प्रतिवेदन वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दिया जाएगा।
विभागीय जांच के आदेश, कछुए गति से चल रही जांच
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला पंचायत बालाघाट सीईओ विवेक कुमार द्वारा जन हितेषी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना 2010 के आयोजन के दस्तावेजों के रखरखाव मे लापरवाही बरतने वाले तत्कालीन प्रभारी खंड पंचायत अधिकारी लालबर्रा मेघराज गौतम पर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं उन्होंने अपने पत्र दिनांक 25.3. 2022 मेआदेशित किया है कि मध्यप्रदेश पंचायत सिविल सेवा ( वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1986 के नियम 14(5) (अ) के अंतर्गत मेघराज गौतम तत्कालीन प्रभारी खंड पंचायत अधिकारी लालबर्रा वर्तमान में पदस्थ पंचायत समन्वयक अधिकारी जनपद पंचायत कटंगी के विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित करते हुए विभागीय जांच अधिकारी गायत्री कुमार सारथी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बालाघाट एवं प्रस्तुतकर्ता अधिकारी खिलेंद्र सोमवंशी पंचायत समन्वयक अधिकारी लालबर्रा को नियुक्त किया जाता है अत: विभागीय जांच 30 दिवस मे पूर्ण कर जांच प्रतिवेदन मय अभिलेखों एवं अभिमत प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें, फिर भी विभागीय जांच अधर में हैं 1 माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी जांच ना होना बहुत ही गंभीर विषय माना जा रहा है जिससे जांच अधिकारियों पर सवाल उठने शुरू हो गए है सोचने वाली बात यह है कि राज सूचना आयोग के बार-बार फरमान के बाद भी विभागीय अधिकारी धज्जियां उड़ा रहे हैं आज तक आवेदक को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना 2010 से संबंधित जानकारी नहीं दी गई है।
आरोपी अधिकारी पर जल्द हो प्राथमिकी दर्ज
महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के आयोजन में की गई अनियमितताओं व फर्जीवाड़ा के संबंध में 4 वर्षों से जानकारी नहीं दी गई विभागीय सूत्रों से पता चला कि अभिलेख कार्यालय है ही नहीं मतलब मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के क्रियान्वयन के दस्तावेज जनपद पंचायत लालबर्रा से शायद गुम हो गए परंतु इसकी सूचना इन 4 वर्षों में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को ना देना गुनाह और अपराध है शासन कहता है कि किसी भी शासकीय कर्मचारी व अधिकारियों की अभिरक्षा से अगर कोई दस्तावेज गुम या नष्ट हो जाता है तो वह दंड का भागी है यहां पर तो पूरी की पूरी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की फाइल ही गायब है विभागीय अधिकारियों को आरोपी अधिकारियों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करने का प्रावधान है अब देखना होगा कि कितने दिनों में यह जांच पूर्ण होती है और कब संबंधित आरोपी अधिकारि पर निलंबन की कार्रवाई और प्राथमिकी दर्ज होती है।
इनका कहना है
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना 2010 से संबंधित दस्तावेज जल्द उपलब्ध कराएं जिला प्रशासन एवं जनपद पंचायत लालबर्रा एवं आरोपी अधिकारी की जल्द जिम्मेदारी तय कर प्राथमिकी दर्ज कराई जाए क्योंकि मामला शासकीय अभिलेखों के रखरखाव में लापरवाही बरतने का है प्रशासन द्वारा अगर जल्द जानकारी नहीं दिलाई जाती तो निश्चित ही मेरा अगला कदम हाईकोर्ट जाने का होगा ही।
शैलेश कुमार
जयसवाल
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