हरीश राहंगडाले बालाघाट । सावधान ! इस कम्प्युटर इंस्टीट्यूट मेंं एडमिशन लेना जरा संभलकर ...?

यूनिक कम्प्युटर इंस्टीट्यूट के संचालक संजय मिश्रा का दोगला रवैया
हरीश राहंगडाले, बालाघाट। वैसे तो बालाघाट जिले में सैकड़ो कम्प्युटर इंस्टीट्यूट संचालित हो रहे है। किन्तु बात करे जिले के प्रतिष्ठित यूनिक कम्प्युटर इंस्टीट्यूट ऑफ मिडिया एण्ड टेक्नोलॉजी की तो यहां दर्जनों कम्प्युटर रहने के बावजूद भी ३ से ५ कम्प्युटर ही हमेशा चालु रहते हंै और बाकि कम्प्युटर मात्र दिखावे के लिए रखे गये है। वहीं इस इंस्टीट्यूट में शासन के निर्देशों एवं गाईडलाईन को दरकिनार कर संचालित किया जा रहा है। जहां किसी भी प्रकार के नियमों का पालन नही किया जाता, जिसमें ऑफिस रूम, कम्प्युटर रूम, क्लॉस रूम, पार्किग व्यवस्था, उचित लेटबाथ रूम की व्यवस्था, लाईबे्ररी सहित अन्य मापदण्ड इस इंस्टीट्यूट पर नही है।
जबकि यूनिक कम्प्युटर इंस्टीट्यूट ऑफ मिडिया एण्ड टेक्नोलॉजी का संचालक संजय मिश्रा हमेशा विवादों में घिरा रहता है और बात करें बीसीए, डीसीए, पीजीडीसीए, बीए एमसीए, एमजे में एडमिशन लेने वाले छात्र-छात्राए जो आते है उस समय संचालक संजय मिश्रा का स्वभाव बड़ा ही नरम और शांत स्वभाव का रहता है और साथ ही इनके द्वारा इन कोर्स की फीस को लेकर बडे ही आराम से सादगी पूर्ण व्यवहार करते हुए उन्हे जो फीस बताई जाती है, उस समय बित-ते-बित-ते और एक दो सेमेस्टर की परीक्षा देने के बाद वह फीस अचानक बड़ा दी जाती है। जिसके कारण यूनिक कम्प्युटर इंस्टीट्यूट ऑफ मिडिया एण्ड टेक्नोलॉजी में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं में काफी निराशा आ जाती है।
मसला यहीं नही रूकता बल्कि परीक्षा का प्रवेश पत्र लेने के पूर्व ही संचालक संजय मिश्रा पूरी फीस न देने पर उन्हे परीक्षा से भी वंचित कर देता है। ऐसे ही नाम न बताने की शर्त पर यूनिक कम्प्युटर इंस्टीट्यूट ऑफ मिडिया एण्ड टेक्नोलॉजी में पढऩे वाले कई छात्र-छात्राओं ने बताया कि उनके द्वारा जब फीस की रकम या परीक्षा फीस किन्ही कारणों से नही जमा की जाती अथवा कम जमा की जाती है तो अपनी बातों में गीरगीट की तरह समय आते ही रंग बदलने वाला और दोगला संचालक संजय मिश्रा द्वारा उन्हे या तो परिक्षा से वंचित कर देता है या तो फिर उन पर फीस देने का भारी दबाव बनाता है।
अटरिया पर संचालित हो रहा कम्प्युटर इंस्ट्टीयूट
जहां एक ओर यूनिक कम्प्युटर इंस्टीट्यूट ऑफ मिडिया एण्ड टेक्नोलॉजी का गिरगीट की तरह रंग बदलने वाला संचालक संंजय मिश्रा अपने इंस्टीट्यूट में शासन की गाईडलाईन का सही तरिके से पालन नही कर रहा है। वहीं इनका इंस्टीट्यूट अटरिया पर संचालित हो रहा है। यानी सही शब्दों में कहे तो एक ही छोटी सीढ़ी वाला यह कम्प्यूटर इंस्टीट्यूट पहली मंजिल पर संचालित हो रहा है। जहां पर नियमों को ताक पर रखकर इंस्टीट्यूट संचालित किया जा रहा है। हांलाकि इस इंस्टीट्यूट की जितनी बात की जाये उतनी कम है। कम्प्युटर इंस्टीट्यूट को लेकर आगे पाठकगणों के सामने हम और भी कमियों को उजागर करते रहेंगे।
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