अमरनाथ यात्रा पर मंडरा रहा 213 आतंकियों का खतरा

सुरक्षा बलों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान से आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशों को कई बार नाकाम किया जा चुका है लेकिन अबतक 213 आतंकी घुसपैठ में सफल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इनमें लश्कर-ए-तइबा, जैश-ए मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन के आंतकी शामिल हैं। फिदायीन दस्ते इनमें शामिल होने की संभावना कम है। फिदायीन दस्ते घुसपैठ के तुरंत बाद ही किसी घटना को अंजाम देने की रणनीति पर काम करते हैं। लंबे समय तक छिपकर हमले के लिए मौके की तलाश कर रहे आतंकियों से अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा बलों को अधिक खतरा है।
गृह मंत्रालय ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की है। मंत्रालय के सचिव राजीव महर्षि के साथ सीआरपीएफ के महानिदेशक, बीएसएफ के अधिकारियों और जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक का लगातार संपर्क बना कहुआ है। सूत्रों के मुताबिक इस बार अद्र्धसैनिक बलों की संख्या को दोगुना बढ़ाया गया है। आतंकी संगठनों ने यात्रा के दौरान सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की चेतावनी दी है। इश बाबत सतर्कता बढ़ाई गई है। यात्रा के दोनों रुट पहलगाम और बालटाल पर सुरक्षा बलों की तैनाती शुरू कर दी गई है। यात्रा रूट के अलावा हाईवे की सुरक्षा के लिए विशेष तैनाती की जा रही है।
अगले महीने की दो तारीख से 18 अगस्त तक चलने वाली इस यात्रा के लिए सेना ने अलग से आपरेशन अभियान शुरू किया है। सेना यात्रा मार्ग पर भी ध्यान रखेगी। इसमें हेलीकाप्टरों और ड्रान की सेवाएं ली जा सकती हैं। गृह मंत्रालय ने फुलप्रूव सुरक्षा व्यवस्था की रणनीति के तहत सुरक्षा एजेंसियों में बेहतर तालमेल की व्यवस्था की है ताकि सूचनाओं के आदान-प्रदान को गति मिल सके। सुरक्षा एजेंसियों ने लंगरों पर हमले की आशंका भी जताई है। पिछले वर्षों में लंगरों पर हमले की घटनाओं के मद्देनजर इस बार लंगरों की सुरक्षा के लिए भी अलग से पर्याप्त तैनाती की जा रही है। इस बाबत संवेदनशील स्थलों की पहचान की गई है।
आपकी राय